Singapore PM India दौरे पर, राष्ट्रपति मुर्मू और PM मोदी से मुलाकात, निवेश, रक्षा, व्यापार और सांस्कृतिक सहयोग पर कई अहम समझौते किए गए।

भारत के तीन दिवसीय दौरे पर पहुंचे सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस; मोदी से करेंगे मुलाकात

India Singapore Relations : भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन यात्रा से वापस भारत लौट चुके हैं। इसके बाद सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस भारत पहुंचे हैं। अपनी तीन दिवसीय यात्रा के लिए वह भारत दौरे पर हैं। भारत और सिंगापुर के बीच राजनईक संबंधों के 60 वर्ष पूरे होने के अवसर पर उनके द्वारा यह दौरा किया जा रहा है। अपने भारत दौरे के दौरान उनके द्वारा प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत की जाएगी। इसके अतिरिक्त वह राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू से भी मुलाकात करेंगे। भारत और सिंगापुर के रिश्ते लंबे समय से मजबूत रहे हैं। सिंगापुर के प्रधानमंत्री के इस दौर से दोनों देशों के रिश्तों में और मजबूती आएगी।

विभिन्न मुद्दों पर होगी चर्चा

सिंगापुर के प्रधानमंत्री के भारत दौरे को काफी अहम माना जा रहा है। इस दौरान इन के द्वारा भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा राष्ट्रपति से मुलाकात की जाएगी। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से होने वाली मुलाकात में शिक्षा स्वास्थ्य तकनीक तथा सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में सहयोग को लेकर कार्य किया जाएगा। भारत के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक सिंगापुर की कोशिश एक दूसरे के सहयोग को और आगे बढ़ाने की होगी। भारत और सिंगापुर के बीच पिछले वित वर्ष में बड़े स्तर पर व्यापार देखने को मिला था। ऐसे में इस दौर से व्यापार को और गति मिलेगी।

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व्यापारियों के गोलमेज बैठक में लेंगे हिस्सा

सिंगापुर के प्रधानमंत्री भारत पहुंच चुके हैं। भारत पहुंचने के बाद उनका स्वागत किया जाएगा। सिंगापुर के प्रधानमंत्री का स्वागत राष्ट्रपति भवन में औपचारिक रूप से होगा। इसके बाद वह राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। सिंगापुर के प्रधानमंत्री के द्वारा राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से मुलाकात करने के बाद शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान विदेश मंत्री एस जयशंकर तथा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से भी मुलाकात की जाएगी। इसके बाद भारतीय व्यापारियों के साथ निवेश तथा दूसरे मुद्दों को लेकर चर्चा होगी। इसके लिए वह एक गोलमेज बैठक में हिस्सा लेंगे।

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने स्पष्ट करते हुए कहा कि पाकिस्तान के साथ भारत के संबंधों में मध्यस्थता किसी भी हालत में स्वीकार नहीं की जाएगी। इस बारे में हम बहुत स्पष्ट हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच अमेरिका के द्वारा संघर्ष विराम करने पर भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि जब भी दो देशों के बीच संघर्ष होता है तो वह एक दूसरे से बात करते हैं। दूसरे देशों के द्वारा भी फोन किए गए थे। यह कोई सीक्रेट बात नहीं है। रूस यूक्रेन तथा इजरायल ईरान के दौरान हमने भी विभिन्न फोन किए थे। आज के ग्लोबल रिश्तो में यह आम बात हो गई है लेकिन भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम किसी तीसरे देश की वजह से हुआ था यह स्वीकार नहीं है।

अमेरिका भूल रहा अपने पुराने रिश्ते

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान को लेकर अमेरिका पर सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि अमेरिका पाकिस्तान के साथ अपने पुराने रिश्तों को भूल रहा है। पाकिस्तान के द्वारा लगातार आतंकवादी को बढ़ावा दिया जा रहा है। दुनिया का सबसे खतरनाक आतंकी पाकिस्तान में ही 2011 में मिला था। कुछ देश लगातार राजनीति और रणनीतिक फायदे के लिए इतिहास को नजरअंदाज करते हैं। पाकिस्तान और अमेरिका का एक लंबा इतिहास है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका पर बोलते हुए भारतीय विदेश मंत्री ने कहा है कि उनके द्वारा विदेश नीति को बिल्कुल अलग तरीके से चलाया जा रहा है। किसी भी पूर्व राष्ट्रपति के द्वारा यह कार्य नहीं किया गया था। डोनाल्ड ट्रंप का यह रवैया सिर्फ भारत के साथ सीमित नहीं है बल्कि पूरी दुनिया के साथ उनके द्वारा ऐसा व्यवहार किया जा रहा है।

India Singapore Relations के 60 वर्ष पूरे होने पर सिंगापुर PM भारत दौरे पर हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, तकनीक और व्यापार में सहयोग पर होगी अहम चर्चा।
India Singapore Relations के 60 वर्ष पूरे होने पर सिंगापुर PM भारत दौरे पर हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, तकनीक और व्यापार में सहयोग पर होगी अहम चर्चा।
अमेरिका के वित्त मंत्री ने भारत को बताया ‘बुरा खिलाड़ी’

रूस यूक्रेन युद्ध टैरिफ तथा विभिन्न करने से लगातार भारत और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। अमेरिका का आरोप है कि भारत के द्वारा रूस से कच्चे तेल की खरीद की जा रही है। इससे रूस को आर्थिक मदद प्राप्त हो रही है जिसका उपयोग रूस के द्वारा यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में किया जा रहा है। अमेरिका के वित्त मंत्री ने भारत को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा कि भारत बड़ा खिलाड़ी है। अमेरिका के वित्त मंत्री ने कच्चे तेल की खरीद पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि ऐसा करने से युद्ध मशीन को और ताकत प्रदान हो रही है। चीन में आयोजित हो रही शंघाई सहयोग संगठन की बैठक को उन्होंने दिखावा बताया। शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति के साथ-साथ पुतिन की जुगलबंदी की चारों तरफ चर्चा हो रही है। चीन रूस तथा भारत के एक साथ आने के कारण अमेरिका को अब डर सताने लगा है। अमेरिका के वित्त मंत्री ने यह भी कहा है कि भारत एक मजबूत लोकतंत्र है। अमेरिका के साथ चल रहे विवादों को आपस में सुलझाया जा सकता है।

धीमी बातचीत के कारण भारत पर लगा टैरिफ

अमेरिका के वित्त मंत्री ने भारत पर लगाए गए टैरिफ पर बयान देते हुए कहा कि भारत के द्वारा बातचीत में सक्रियता नहीं दिखाई गई। भारत लगातार सुस्त रवैया अपनाए हुए हैं। समय पर समझौता नहीं होने के कारण अमेरिका के द्वारा भारत द्वारा टैरिफ लगाया गया है। अमेरिका के द्वारा भारत पर 25% टैरिफ लगाने के साथ-साथ 25% अतिरिक्त टैरिफ की घोषणा की जा चुकी है। भारत और अमेरिका के बीच लंबे समय तक व्यापार समझौते को लेकर चर्चा होने के बावजूद समझौता नहीं हो सका। इसके बाद लगातार भारत और अमेरिका के बीच तनाव जारी है। भारत अब अमेरिका की बजाय चीन तथा रूस के साथ व्यापार करने पर जोर दे रहा है।

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