India Singapore Relations : सिंगापुर के प्रधानमंत्री इस समय भारत यात्रा पर हैं। अपनी भारत यात्रा के दौरान उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। दोनों देशों के प्रधानमंत्री की मुलाकात नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में हुई। इस मुलाकात के दौरान सिंगापुर तथा भारत के संबंधों को लेकर चर्चा की गई तथा अधिक से अधिक सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने सोशल मीडिया पर इस मुलाकात की जानकारी दी। उन्होंने लिखा सिंगापुर तथा भारत दोनों के द्वारा आपसी सांस्कृतिक रिश्तों स्वास्थ्य व्यापार निवेश मैन्युफैक्चरिंग तथा दूसरे क्षेत्रों में मिलकर कार्य करने की योजना बनाई गई। सिंगापुर तथा भारत के प्रधानमंत्री की मौजूदगी मे विभिन्न समझौता पर हस्ताक्षर किए गए। सिंगापुर के प्रधानमंत्री ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद कहा की आने वाले समय में भारत का स्किल डेवलपमेंट तथा मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में सिंगापुर के द्वारा सहयोग किया जाएगा।
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विदेश मंत्री से भी हुई मुलाकात
सिंगापुर के प्रधानमंत्री ने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की। दोनों नेताओं की मुलाकात में रिश्तों को और मजबूत बनाने को लेकर चर्चा हुई। सिंगापुर के प्रधानमंत्री ने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात के बाद कहा की वैश्विक मुद्दों के साथ-साथ क्षेत्रीय मुद्दों पर प्रगति को लेकर चर्चा की गई है। दूसरी तरफ भारतीय विदेश मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सिंगापुर के प्रधानमंत्री की मुलाकात को एक नए रोड मैप की आधारशिला बताया। सिंगापुर के प्रधानमंत्री ने इससे पहले सिंगापुर के नागरिकों से मुलाकात की। अपनी पत्नी के साथ राजघाट पहुंचकर उनके द्वारा महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की गई तथा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी उन्होंने मुलाकात की। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ सिंगापुर के प्रधानमंत्री की हुई। मुलाकात में उन्होंने निवेश व्यापार कौशल विकास स्वास्थ्य तथा दूसरे क्षेत्रों में मिलकर कार्य करने की इच्छा व्यक्त की।
दोनों देशों के संबंधों को लेकर हुई चर्चा
सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस इस समय भारत यात्रा पर हैं। भारत यात्रा पर आने के बाद उनके द्वारा भारतीय राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू से मुलाकात की गई। दोनों नेताओं के बीच हुई इस मुलाकात में भारत और सिंगापुर के बीच विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। साथ ही साथ दोनों देशों के द्वारा एक दूसरे के प्रति सहयोग बढ़ाने का निर्णय भी लिया गया। सिंगापुर के प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद भारतीय राष्ट्रपति ने सिंगापुर को भारत का खास दोस्त बताया। उन्होंने कहा कि इंडो पेसिफिक के साथ-साथ ईस्ट पॉलिसी के लिए यह जरूरी है। दोनों देशों के बीच दोस्ती के 60 वर्ष पूरे हो गए हैं।
बड़े स्तर पर भारत में निवेश कर रहा सिंगापुर
द्रोपति मुर्मू ने सिंगापुर के प्रधानमंत्री से मुलाकात करने के बाद बताया कि सिंगापुर के द्वारा भारत में बड़े स्तर पर निवेश किया जा रहा है। दोनों देशों के बीच लगातार सैन्य अभ्यास ट्रेनिंग तथा रक्षा क्षेत्र में सहयोग उच्च स्तर पर पहुंच रहा है। सिंगापुर में निवास कर रहे भारतीय नागरिकों की तारीफ में भारतीय राष्ट्रपति ने कहा है कि वहां संस्कृति और दोस्ती को आगे बढ़ाने में इन लोगों के द्वारा अहम भूमिका निभाई जा रही है। प्रधानमंत्री मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री के द्वारा मिलकर दोस्ती को आगे बढ़ाने को लेकर योजना बनाई जा रही है। सिंगापुर तथा भारत के संबंधों को 60 वर्ष पूरे होने के बाद भारत तथा सिंगापुर के मंत्रियों की बैठक आयोजित की गई थी।

अमेरिका के वित्त मंत्री ने भारत को बताया ‘बुरा खिलाड़ी’
रूस यूक्रेन युद्ध टैरिफ तथा विभिन्न करने से लगातार भारत और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। अमेरिका का आरोप है कि भारत के द्वारा रूस से कच्चे तेल की खरीद की जा रही है। इससे रूस को आर्थिक मदद प्राप्त हो रही है जिसका उपयोग रूस के द्वारा यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में किया जा रहा है। अमेरिका के वित्त मंत्री ने भारत को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा कि भारत बड़ा खिलाड़ी है। अमेरिका के वित्त मंत्री ने कच्चे तेल की खरीद पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि ऐसा करने से युद्ध मशीन को और ताकत प्रदान हो रही है। चीन में आयोजित हो रही शंघाई सहयोग संगठन की बैठक को उन्होंने दिखावा बताया। शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति के साथ-साथ पुतिन की जुगलबंदी की चारों तरफ चर्चा हो रही है। चीन रूस तथा भारत के एक साथ आने के कारण अमेरिका को अब डर सताने लगा है। अमेरिका के वित्त मंत्री ने यह भी कहा है कि भारत एक मजबूत लोकतंत्र है। अमेरिका के साथ चल रहे विवादों को आपस में सुलझाया जा सकता है।
धीमी बातचीत के कारण भारत पर लगा टैरिफ
अमेरिका के वित्त मंत्री ने भारत पर लगाए गए टैरिफ पर बयान देते हुए कहा कि भारत के द्वारा बातचीत में सक्रियता नहीं दिखाई गई। भारत लगातार सुस्त रवैया अपनाए हुए हैं। समय पर समझौता नहीं होने के कारण अमेरिका के द्वारा भारत द्वारा टैरिफ लगाया गया है। अमेरिका के द्वारा भारत पर 25% टैरिफ लगाने के साथ-साथ 25% अतिरिक्त टैरिफ की घोषणा की जा चुकी है। भारत और अमेरिका के बीच लंबे समय तक व्यापार समझौते को लेकर चर्चा होने के बावजूद समझौता नहीं हो सका। इसके बाद लगातार भारत और अमेरिका के बीच तनाव जारी है। भारत अब अमेरिका की बजाय चीन तथा रूस के साथ व्यापार करने पर जोर दे रहा है।