India US Relations : भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो से मुलाकात की। भारतीय विदेश मंत्री की अमेरिका के विदेश मंत्री से यह मुलाकात संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र के दौरान हुई। दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच हुई मुलाकात के दौरान दोनों देशों के संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की गई। भारत और अमेरिका के बीच इस समय टैरिफ के मुद्दे को लेकर विवाद चल रहा है जिसके कारण दोनों देशों के संबंधों में दूरी पैदा हुई है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा भारत पर 50% टैरिफ की घोषणा की गई है जिसमें 25% तारीफ के साथ रूस के साथ व्यापार करने के कारण 25% टैरिफ को जुर्माने के रूप में लगाया गया है।
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टैरिफ मुद्दे के बाद दोनों की पहली मुलाकात
भारत और अमेरिका के रिश्ते इस समय तनावपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं। अमेरिका के द्वारा भारत पर बड़ी मात्रा में टैरिफ लगा दिए जाने के बाद भारत भी अब अमेरिका की जगह दूसरे देशों से अपने संबंध मजबूत करने की कोशिश कर रहा है। कभी एक दूसरे के काफी करीब रहे भारत और अमेरिका के संबंधों में लगातार दरार बढ़ती जा रही है। भारतीय विदेश मंत्री की अमेरिका की विदेश मंत्री से टैरिफ के मुद्दे पर विवाद होने के बाद पहली बार मुलाकात की गई है। इससे पहले दोनों नेताओं की मुलाकात वाशिंगटन में क्वॉड की बैठक में हुई थी। भारतीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल जल्द ही अमेरिका से ट्रेड डील पर बातचीत करते हुए व्यापार समझौता फाइनल कर सकते हैं। ऐसे में भारतीय विदेश मंत्री की अमेरिका के विदेश मंत्री से हुई मुलाकात को भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
भारत और अमेरिका के रिश्ते सबसे खास : अमेरिकी विदेश मंत्री
भारत और अमेरिका के बीच लंबे समय से महत्वपूर्ण संबंध रहे हैं लेकिन भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर के पहलगाम में हमला हो जाने के बाद रिश्ते तनावपूर्ण हो गए थे। इसके बाद हुए संघर्ष विराम तथा टैरिफ के मुद्दे को लेकर लगातार भारत और अमेरिका के बीच मतभेद देखने को मिल रहे हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार भारत के खिलाफ बयान बाजी कर रहे हैं। रूस के साथ व्यापार करने के कारण भारत पर 50% टैरिफ भी लगाया जा चुका है। इसी बीच अमेरिका के विदेश मंत्री ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने भारत और अमेरिका के संबंधों को सबसे खास बताया है। अमेरिका की विदेश मंत्री ने कहा कि 21वीं सदी की सबसे खास साझेदारी भारत और अमेरिका की साझेदारी है। दोनों देशों को द्वारा नई संभावना लोगों की तरक्की पर ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रक्षा कारोबार तकनीक तथा आपसी रिश्तों से लगातार भारत और अमेरिका की दोस्ती मजबूत होती जा रही है।
प्यार और विश्वास से चलती है दोस्ती -रूबियो
अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने कहा कि दो देशों के बीच दोस्ती हमेशा प्यार और विश्वास के कारण ही आगे बढ़ पाती है। भारत और अमेरिका के बीच अच्छी ट्यूनिंग होने के कारण दोनों देशों के रिश्ते मजबूत हैं। दोनों देशों के द्वारा मिलकर ही अलग-अलग क्षेत्र में मौको की तलाश की जा रही है। रक्षा क्षेत्र तकनीक तथा संस्कृत में भारत और अमेरिका लगातार एक दूसरे का साथ दे रहे हैं। लगातार बदलते परिदृश्य में भारत चीन तथा रूस के साथ अपने संबंधों को मजबूत कर रहा है। इसी बीच अमेरिका के विदेश मंत्री के द्वारा दिए गए इस बयान को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति के द्वारा भारत के साथ किये जा रहे बर्ताव का विरोध न सिर्फ भारत के द्वारा किया जा रहा है बल्कि अमेरिका में भी ट्रंप को विरोध का सामना करना पड़ रहा है। अमेरिका में विभिन्न लोगों का मानना है कि लंबे समय से भारत और अमेरिका एक दूसरे के खास रहे हैं लेकिन डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों के कारण अब दोनों देशों के रिश्तों में दरार आ रही है।

‘भारत पर हाई टैरिफ समझ से परे’
भारतीय विदेश मंत्री ने रूस के विदेश मंत्री से मुलाकात के बाद की गई ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यूरोपीय यूनियन नेचुरल गैस खरीदने के मामले में भारत से काफी आगे है। रूस और यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद दक्षिणी देशो के द्वारा लगातार रूस के साथ व्यापार बढ़ाया गया फिर भी अमेरिका के द्वारा सिर्फ भारत पर अतिरिक्त टैरिफ लगाया गया। यह समझ से परे है। अमेरिका के द्वारा पहले यह कहा जाता था कि भारत ग्लोबल एनर्जी मार्केट को स्थिर रखने के लिए रूस से तेल खरीदना जारी रखें लेकिन अब अमेरिका के द्वारा अपने स्टैंड को बदला जा रहा है। भारत और रूस के रिश्तों पर भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद भारत और रूस का रिश्ता दुनिया के सबसे स्थिर रिश्तो में से एक है।
भारत के द्वारा रूस से कच्चे तेल की खरीद जरूरत के आधार पर की जाती है। भारतीय विदेश मंत्री के द्वारा रूस के विदेश मंत्री से मुलाकात के बाद विभिन्न मुद्दों पर सहमति जताई है। लंबे समय से चल रहे रूस और यूक्रेन युद्ध का असर दुनिया के दूसरे देशों पर भी दिखाई दे रहा है। अमेरिका के द्वारा भारत पर रूस के साथ व्यापार करने का आरोप लगाया जा रहा है। इसी कारण भारत पर 25% टैरिफ लगाने के बाद 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की गई थी। अमेरिका का आरोप है कि भारत के द्वारा रूस से यूक्रेन युद्ध के बाद भी कच्चे तेल का व्यापार किया जा रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्यापार सलाहकार ने भारत को लेकर एक बार फिर टिप्पणी करते हुए कहा कि भारत रूस से कच्चे तेल की खरीद करते हुए मुनाफाखोरी का कार्य कर रहा है। अमेरिकी पैसे के द्वारा इंडियन कंपनियों द्वारा तेल खरीदते हुए ज्यादा रेट पर बेचा जा रहा है। इसीलिए भारत पर अतिरिक्त टैरिफ लगाना जरूरी हो गया है।