India US Tariff : अमेरिका के द्वारा भारत पर बड़ी मात्रा में टैरिफ लगाने की घोषणा की जा चुकी है। दूसरे देशों की तुलना में भारत पर अमेरिका के द्वारा अधिक टैरिफ लगाया गया है। भारत पर कुल 50% टैरिफ अमेरिका के द्वारा लगाया गया है जिसमें 25% टैरिफ के साथ-साथ 25% अतिरिक्त टैरिफ शामिल है। दूसरी तरफ पाकिस्तान बांग्लादेश जैसे देशों पर अमेरिका के द्वारा भारत की तुलना में काफी कम टैरिफ लगाया गया है। अमेरिका के द्वारा अब भारत पर टैरिफ हटाने को लेकर बयान दिया गया है। अमेरिका का कहना है कि यदि भारत के द्वारा तीन शर्तों का पालन किया जाए तो उसे टैरिफ से मुक्ति मिल सकती है। अमेरिका के उद्योग मंत्री के द्वारा यह बयान दिया गया है। उन्होंने कहा कि 25% अतिरिक्त टैरिफ को हटाने के लिए भारत को तीन शर्तों का पालन करना होगा। भारत लंबे समय से ब्रिक्स संगठन का हिस्सा है। ब्रिक्स संगठन से भारत को अलग होना पड़ेगा, रूस के साथ चल रही भारत की तेल खरीद को बंद करना होगा तथा अमेरिका को सपोर्ट करना होगा।
भारत करें अमेरिका को समर्थन
अमेरिका के उद्योग मंत्री ने कहा कि भारत के द्वारा लगातार चीन और रूस के बीच सेतु का कार्य किया जा रहा है लेकिन इससे हमें कोई दिक्कत नहीं है। भारत को डॉलर या अमेरिका का समर्थन करना चाहिए। अपने सबसे बड़े ग्राहक का ध्यान रखते हुए सपोर्ट करें। अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो भारत को 50% टैरिफ चुकाना होगा। अमेरिका के द्वारा भारत पर टैरिफ लगा देने के बाद भारत ने अपनी व्यापार वार्ता को भी स्थगित कर दिया था। जिसके बाद अब अमेरिका के उद्योग मंत्री ने यह उम्मीद जताई है कि भारत व्यापार समझौते की बातचीत को जल्द ही शुरू करेगा अमेरिका बातचीत के लिए तैयार है।
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ट्रंप को हो रहा भारत से तनाव पर पछतावा; अमेरिका भारत पर लगा चुका 50% टैरिफ
भारत पर सख्ती से रूस को हो रहा नुकसान : ट्रंप
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जल्द ही भारत मांगेगा अमेरिका से माफी
अमेरिका के उद्योग मंत्री ने भारत को लेकर बयान देते हुए कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव चल रहा है। इस व्यापारिक तनाव के कारण भारत और अमेरिका के रिश्तों में भी दूरी देखने को मिल रही है लेकिन जल्द ही वह मौका आएगा जब भारत के द्वारा अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ बातचीत के दौरान माफी मांगी जाएगी। जल्द ही भारत अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ बातचीत करता हुआ दिखाई देगा। भारत अमेरिका के राष्ट्रपति के साथ नए समझौते की कोशिश कर रहा है और यह सौदा अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शर्त पर होगा। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा इसे अंतिम रूप और प्रदान किया जाएगा। अमेरिका के उद्योग मंत्री के द्वारा बयान दिए जाने के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने अमेरिका के साथ व्यापार को लेकर चल रही बातचीत पर कहा की भारत अमेरिका के साथ अपनी चर्चा को जारी रखेगा। विभिन्न देशों के नेताओं के बीच होने वाली बैठक से डिप्लोमेटिक बातचीत होती है। रूस यूक्रेन युद्ध पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि हम लगातार शांति की कोशिश कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि सभी पक्ष मिलकर शांति की दिशा में कदम बढ़ाएंगे। भारत की कोशिश जल्द से जल्द संघर्ष को खत्म करते हुए शांति स्थापित करने की है।

ट्रंप के सलाहकार का बयान -रूस के तेल से भारत के ब्राह्मण कमा रहे मुनाफा
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्यापार सलाहकार ने एक बार फिर भारत के ऊपर बयान दिया है। अमेरिका के द्वारा रूस से व्यापार करने के कारण भारत पर अतिरिक्त टैरिफ की घोषणा की जा चुकी है। भारत पर अब तक अमेरिका के द्वारा कुल 50% टैरिफ लगाया जा चुका है। डोनाल्ड ट्रंप के व्यापार सलाहकार ने कहा कि भारतीय ब्राह्मण के द्वारा मुनाफाखोरी की जा रही है। भारतीय ब्राह्मण रस से तेल खरीदने के बाद मुनाफा कमा रहे हैं जिसका खामियाजा पूरे भारत को उठाना पड़ रहा है। डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकार पीटर नवारो इस से पहले भी अमेरिका के राष्ट्रपति के द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफ को उचित बता चुके हैं। उन्होंने कहा कि रूस से तेल खरीदने के कारण भारत के द्वारा रूस को पैसे दिए जा रहे हैं जिसका उपयोग रूस के द्वारा यूक्रेन पर हमले में किया जा रहा है। इसीलिए भारत पर सर्वाधिक टैरिफ लगाया गया है। रूस से हो रहे व्यापार का नुकसान अमेरिका या रूस को नहीं बल्कि भारत को हो रहा है। यह बात भारत को जल्द से जल्द समझने की कोशिश करनी चाहिए।
भारत को बताया ‘रूस की धुलाई मशीन’
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकार ने भारत को रूस की धुलाई मशीन करार दिया है। उन्होंने कहा कि भारत के द्वारा लगातार अमेरिका से दूरी बनाई जा रही है। भारत लगातार वैश्विक स्तर पर व्यापार असंतुलन पैदा कर रहा है। व्यापार असंतुलन पैदा करने के साथ-साथ भारत के द्वारा ऐसे देश के साथ अपने संबंधों को मजबूत किया जा रहा है जो अमेरिका के खिलाफ है। दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत को माना जाता है। ऐसे में चीन और रूस से संबंध बनाने पर दुनिया में अशांति पैदा हो जाएगी। उन्होंने कहा कि रूस के कम्युनिस्ट से आखिर प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा हाथ क्यों मिलाया जा रहा है यह समझ से बाहर है।