UNGA India Pakistan में जयशंकर ने आतंकवाद पर कड़ा संदेश दिया, वहीं पाक पीएम शरीफ ने भारत पर गंभीर आरोप लगाते हुए जीत का दावा किया।

निष्पक्ष और पारदर्शी हो ट्रेड पॉलिसी : जयशंकर

India US Tariff : भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका के द्वारा लगाए गए टैरिफ के मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने ट्रेड पॉलिसी पर बयान देते हुए कहा कि ट्रेड पॉलिसी निष्पक्ष होनी चाहिए। निष्पक्ष होने के साथ-साथ यह पारदर्शी तथा सभी को लाभ पहुंचाने वाली होनी चाहिए। भारतीय विदेश मंत्री के द्वारा यह बयान ब्रिक्स सम्मेलन की इमरजेंसी वर्चुअल समिट के दौरान दिया गया। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अनुपस्थिति में एस जयशंकर इस समिट में वर्चुअल रूप से शामिल हुए। अमेरिका के राष्ट्रपति का नाम लिए बगैर उन्होंने अमेरिका के द्वारा लगाए गए टैरिफ पर सवाल खड़े किये। उन्होंने कहा कि व्यापार में मुश्किल पैदा करने से कोई फायदा नहीं होगा। व्यापार को आसान से आसान बनाना चाहिए ताकि दोनों पक्षों को समान रूप से लाभ मिल सके।

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बैठक में शामिल नहीं हुए मोदी

ब्रिक्स समिट के इमरजेंसी वर्चुअल समिट में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा भाग नहीं लिया गया। उनकी अनुपस्थिति में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सम्मेलन में हिस्सा लिया। भारत केअतिरिक्त दूसरे देशों के प्रमुख नेता भी सम्मेलन में वर्चुअल रूप से जुड़े। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ब्राजील के राष्ट्रपति रूस के राष्ट्रपति पुतिन भी वर्चुअल रूप से इसमें दिखाई दिए। इस सम्मेलन का उद्देश्य अमेरिका के द्वारा लगातार विभिन्न देशों पर लगाए जा रहे टैरिफ के मुद्दे पर चर्चा करने के साथ-साथ उससे लड़ने की रणनीति बनाना था। अमेरिका के द्वारा ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल विभिन्न देशों पर बड़ी मात्रा में टैरिफ लगाने की घोषणा की जा चुकी है। भारत पर अमेरिका के द्वारा 50% टैरिफ लगाया गया है जिसमें 25% टैरिफ के साथ-साथ 25% अतिरिक्त टैरिफ शामिल है। भारत के अतिरिक्त अमेरिका के द्वारा ब्राजील के ऊपर भी 50% टैरिफ लगाया गया है जिसके बाद ब्राजील और अमेरिका में तनातनी देखने को मिली थी। ब्राजील के राष्ट्रपति ने अमेरिका के द्वारा टैरिफ लगा देने के बाद यह बयान दिया था कि वह अब अमेरिका के राष्ट्रपति से किसी भी तरह की कोई बातचीत नहीं करेंगे। वर्चुअल रूप से बुलाई गई इस बैठक का आयोजन ब्राजील के राष्ट्रपति के द्वारा किया गया था।

अमेरिका के द्वारा भारत पर बड़ी मात्रा में टैरिफ की घोषणा कर देने के बाद भारत और अमेरिका के संबंधों में तनाव देखने को मिल रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति के द्वारा भारत पर 50% टैरिफ की घोषणा की जा चुकी है जिसमें 25% टैरिफ के साथ 25% अतिरिक्त टैरिफ जुर्माने के रूप में लगाया गया है। अमेरिका का आरोप है कि भारत के द्वारा रूस यूक्रेन युद्ध के बावजूद रूस के साथ कच्चे तेल का व्यापार किया जा रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकार ने एक बार फिर भारत पर आरोप लगाए है। उन्होंने कहा कि भारत के द्वारा रूस से कच्चे तेल का व्यापार करते हुए युद्ध मशीन का सहयोग किया जा रहा है। भारत के द्वारा रूस से की जा रही कच्चे तेल की खरीद का असर अलग-अलग जगह देखने को मिल रहा है। इसके कारण अमेरिकी नौकरी तथा यूक्रेन के नागरिकों के जीवन पर बड़ा प्रभाव पड़ रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकार के द्वारा इससे पहले भी भारत को लेकर बयान दिया जा चुका है।

भारत ने आरोप को बताया ‘झूठ’

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकार के द्वारा भारत को लेकर दिए गए बयान के बाद भारत ने इन आरोपों को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह भ्रामक और असत्य है। हमारे द्वारा बार-बार यह स्पष्ट किया जा चुका है कि रूस के साथ तेल खरीद ऊर्जा तथा राष्ट्रीय हित को देखते हुए की जा रही है। अमेरिका के द्वारा लगाए जा रहे आरोपों के बावजूद भारत अमेरिका के आगे झुकने को तैयार नहीं है। भारत लगातार अमेरिका के दबाव के बावजूद रूस के साथ व्यापार कर रहा है। इसी कारण अमेरिका के विभिन्न अधिकारियों के द्वारा बार-बार भारत को लेकर बयान दिए जा रहे हैं।

अमेरिका के द्वारा भारत पर बड़ी मात्रा में टैरिफ लगाने की घोषणा की जा चुकी है। दूसरे देशों की तुलना में भारत पर अमेरिका के द्वारा अधिक टैरिफ लगाया गया है। भारत पर कुल 50% टैरिफ अमेरिका के द्वारा लगाया गया है जिसमें 25% टैरिफ के साथ-साथ 25% अतिरिक्त टैरिफ शामिल है। दूसरी तरफ पाकिस्तान बांग्लादेश जैसे देशों पर अमेरिका के द्वारा भारत की तुलना में काफी कम टैरिफ लगाया गया है। अमेरिका के द्वारा अब भारत पर टैरिफ हटाने को लेकर बयान दिया गया है। अमेरिका का कहना है कि यदि भारत के द्वारा तीन शर्तों का पालन किया जाए तो उसे टैरिफ से मुक्ति मिल सकती है। अमेरिका के उद्योग मंत्री के द्वारा यह बयान दिया गया है। उन्होंने कहा कि 25% अतिरिक्त टैरिफ को हटाने के लिए भारत को तीन शर्तों का पालन करना होगा। भारत लंबे समय से ब्रिक्स संगठन का हिस्सा है। ब्रिक्स संगठन से भारत को अलग होना पड़ेगा, रूस के साथ चल रही भारत की तेल खरीद को बंद करना होगा तथा अमेरिका को सपोर्ट करना होगा।

India US Tariff पर एस जयशंकर ने कहा कि ट्रेड पॉलिसी निष्पक्ष और पारदर्शी होनी चाहिए। भारत ने अमेरिका के आरोपों को झूठ बताया।
India US Tariff पर एस जयशंकर ने कहा कि ट्रेड पॉलिसी निष्पक्ष और पारदर्शी होनी चाहिए। भारत ने अमेरिका के आरोपों को झूठ बताया।
‘भारत करें अमेरिका को समर्थन’

अमेरिका के उद्योग मंत्री ने कहा कि भारत के द्वारा लगातार चीन और रूस के बीच सेतु का कार्य किया जा रहा है लेकिन इससे हमें कोई दिक्कत नहीं है। भारत को डॉलर या अमेरिका का समर्थन करना चाहिए। अपने सबसे बड़े ग्राहक का ध्यान रखते हुए सपोर्ट करें। अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो भारत को 50% टैरिफ चुकाना होगा। अमेरिका के द्वारा भारत पर टैरिफ लगा देने के बाद भारत ने अपनी व्यापार वार्ता को भी स्थगित कर दिया था। जिसके बाद अब अमेरिका के उद्योग मंत्री ने यह उम्मीद जताई है कि भारत व्यापार समझौते की बातचीत को जल्द ही शुरू करेगा अमेरिका बातचीत के लिए तैयार है।

 

जल्द ही भारत मांगेगा अमेरिका से माफी

अमेरिका के उद्योग मंत्री ने भारत को लेकर बयान देते हुए कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव चल रहा है। इस व्यापारिक तनाव के कारण भारत और अमेरिका के रिश्तों में भी दूरी देखने को मिल रही है लेकिन जल्द ही वह मौका आएगा जब भारत के द्वारा अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ बातचीत के दौरान माफी मांगी जाएगी। जल्द ही भारत अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ बातचीत करता हुआ दिखाई देगा। भारत अमेरिका के राष्ट्रपति के साथ नए समझौते की कोशिश कर रहा है और यह सौदा अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शर्त पर होगा। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा इसे अंतिम रूप और प्रदान किया जाएगा। अमेरिका के उद्योग मंत्री के द्वारा बयान दिए जाने के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने अमेरिका के साथ व्यापार को लेकर चल रही बातचीत पर कहा की भारत अमेरिका के साथ अपनी चर्चा को जारी रखेगा। विभिन्न देशों के नेताओं के बीच होने वाली बैठक से डिप्लोमेटिक बातचीत होती है। रूस यूक्रेन युद्ध पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि हम लगातार शांति की कोशिश कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि सभी पक्ष मिलकर शांति की दिशा में कदम बढ़ाएंगे। भारत की कोशिश जल्द से जल्द संघर्ष को खत्म करते हुए शांति स्थापित करने की है।

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