Indus River Crisis : पाकिस्तान की सबसे बड़ी सिंधु नदी में इस समय काफी बदलाव देखने को मिल रहा है जिसका असर पाकिस्तानी नागरिकों पर देखा जा रहा है। सिंधु नदी के डेल्टा में जिंदगी लगभग खत्म होने के कगार पर पहुंच गई है। पाकिस्तान के द्वारा सिंधु नदी के पानी को ऊपरी इलाकों में रोक लिया गया है। पाकिस्तान सरकार के द्वारा नहरों और बांधों में सिंधु नदी के पानी को इकट्ठा किया गया है। जिस कारण सिंध प्रांत और डेल्टा क्षेत्र में सिंधु नदी का पानी पहुंचना बंद हो गया है। पानी नहीं पहुंचने के कारण जनजीवन बड़े स्तर पर प्रभावित हो रहा है। बताया जा रहा है कि सिंधु नदी के डेल्टा में बहने वाले पानी में 80% से भी अधिक की गिरावट दर्ज की गई है। 1950 के दशक से अब तक सिंधु नदी डेल्टा में बहने वाले पानी से तुलना पर यह आंकड़ा सामने आया है। सिंधु नदी के डेल्टा में नदी का पानी कम होने के साथ-साथ अरब सागर का खारा पानी प्रवेश कर गया है। जिस से जमीन बंजर हो चुकी है और विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
अरब सागर के पानी से बड़ी समस्या
पाकिस्तान में सिंधु नदी के डेल्टा में पानी 80% तक कम होने के साथ-साथ दूसरी समस्या का सामना भी करना पड़ रहा है। अरब सागर का खारा पानी इस क्षेत्र में प्रवेश कर गया है जिस कारण पूरे क्षेत्र की जमीन में खड़ापन बढ़ गया है। जमीन बंजर होने के कगार पर पहुंच चुकी है। खेती बिल्कुल बंद हो चुकी है। खारे पानी के कारण झींगा केकड़े तथा मछलियों की संख्या लगातार घटती जा रही है। एक समय था जब सिंधु नदी डेल्टा में मछलियां तथा दूसरे जलीय जीवों की भरमार होती थी लेकिन अब मैंग्रोव वन छोटी नदियां और सभी जगह इसका असर देखा जा सकता है। लगातार बदलती परिस्थिति के कारण लोक पलायन पर मजबूर हो रहे हैं। सिंधु नदी डेल्टा में सिंधु सरकार के द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक 80% पीने का पानी उपलब्ध नहीं है।
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लगातार कम हो रही जनसंख्या
सिंधु नदी डेल्टा में लगातार जनसंख्या में एक कमी देखने को मिल रही है। सरकार के द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक पाकिस्तान में पिछले दो दशक में 12 लाख से ज्यादा लोग इस डेल्टा को छोड़कर दूसरे शहरों की तरफ प्रस्थान कर चुके हैं। इन स्थानों को छोड़कर लोगों के द्वारा कराची तथा दूसरे शहरों की तरफ रुख किया जा रहा है। डेल्टा क्षेत्र में बसे हुए गांव में कुछ ही घर ऐसे बचे हैं जो अभी भी वहां निवास कर रहे हैं जबकि अधिकतर गांव जनसंख्या की कमी के कारण बिल्कुल सूने हो गए हैं। खारे पानी की अधिकता के कारण लोगों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में उनके सामने पलायन के अतिरिक्त दूसरा कोई विकल्प नहीं बचा है।
सरकार ने रोका सिंधु नदी का पानी
पाकिस्तान में सिंधु नदी का पानी पाकिस्तान सरकार के द्वारा रोका जा रहा है। पाकिस्तान सरकार नहरों के माध्यम से सिंधु नदी के पानी को विभिन्न जगह पहुंचाने का कार्य कर रही है। इसके लिए विभिन्न प्रांतो में छह बड़ी नहरों का निर्माण किया गया है। इन नहरों के माध्यम से पानी को पाकिस्तान के विभिन्न हिस्सों में पहुंचाने की पाकिस्तान सरकार की योजना है। पंजाब के चोलीस्थान रेगिस्तान में बनाई गई नहर पाकिस्तान सरकार की सबसे बड़ी नहर है। पाकिस्तान सरकार के द्वारा नेहरू से प्राप्त होने वाले पानी का उपयोग रेगिस्तान जमीन को खेती योग्य बनाने में किया जाएगा।

पाकिस्तान में सिंधु नदी के पानी को विभिन्न क्षेत्रों में पहुंचने के लिए प्रोजेक्ट ग्रीन पाकिस्तान इनीशिएटिव का कार्य किया जा रहा है। दूसरी तरफ पाकिस्तान के लोगों के द्वारा लगातार इसके विरोध में आंदोलन किये जा रहे हैं। सेव द इंडस रिवर मूवमेंट नामक गठबंधन के द्वारा लगातार सिंध प्रांत में विरोध किया जा रहा है। इस संगठन में स्थानीय समुदाय के साथ-साथ पर्यावरण कार्यकर्ता और दूसरे लोग भी शामिल हैं। प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि पाकिस्तान सरकार के द्वारा नेहरू का निर्माण करते हुए सिंधु नदी का पानी ऊपर ही रोक दिया जाएगा। जिससे सिंध क्षेत्र खासकर सिंधु डेल्टा में पानी की कमी पैदा हो जाएगी जिससे खेती लगभग खत्म हो जाएगी।
भारत स्थगित कर चुका सिंधु जल संधि
भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से सिंधु जल संधि चली आ रही थी लेकिन कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हो जाने के बाद भारत के द्वारा पाकिस्तान को लेकर कठोर निर्णय लिए गए थे। दोनों देशों के बीच ऑपरेशन सिंदूर के बाद युद्ध जैसे हालात पैदा हो गए थे। कई दिनों तक युद्ध की स्थिति बने रहने के बाद भारत और पाकिस्तान संघर्ष विराम पर सहमत हुए थे। इसी दौरान भारत के द्वारा सिंधु जल संधि को भी स्थगित करने का निर्णय लिया गया था। सिंधु जल संधि स्थगित कर देने के बाद पाकिस्तान में खलबली मची हुई है। भारत के द्वारा सिंधु तथा इससे जुड़ी दूसरी नदियों के जल प्रभाव का आंकड़ा पाकिस्तान को उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। सिंधु जल संधि स्थगित कर देने के बाद पाकिस्तान में जल की समस्या और भी अधिक गहरा गई है। पाकिस्तान के द्वारा इसे लेकर लगातार भारत से गुहार की जा रही है लेकिन भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आतंकी गतिविधियों को संचालित करने के कारण पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की नरमी नहीं बढ़ती जाएगी।