Iran Israel Conflict: ईरान और इजरायल के बीच कई दिनों से चल रहे हैं संघर्ष का असर अब दुनिया के दूसरे देशों पर भी दिखने लगा है| दोनों देशों के बीच चल रहे संघर्ष के कारण कच्चे तेल की कीमतों में भारी उछाल देखने को मिल रहा है| कच्चे तेल के साथ-साथ सोना और अन्य चीजों में भी तेजी दिखाई दे रही है| दोनों देशों के बीच चलने वाला यह युद्ध अगर और लंबा खिंचा तो आने वाले समय में इनके दाम में और बढ़ोतरी देखने को मिलेगी|

कच्चे तेल की कीमतों में 12% की बढ़ोतरी
इसराइल और ईरान के बीच चल रहे संघर्ष के कारण कच्चे तेल की कीमतों में 12% से भी अधिक की बढ़ोतरी देखी जा रही है| भारत में कच्चे तेल की कीमत में 5798 रुपए प्रति बैरल से बढ़कर 6295 रुपए प्रति बैरल तक जा पहुंची है| दोनों देशों के बीच चल रहा संघर्ष यदि लंबा खींचता है तो भारत सहित अन्य देशों में कच्चे तेल की कीमतों में और उछाल देखने को मिलेगा| कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि होने के कारण पेट्रोल और डीजल के दामों में भी वृद्धि हो सकती है|
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सोना भी हुआ महंगा
इसराइल और ईरान के बीच चल रहे संघर्ष में न सिर्फ कच्चे तेल की कीमतों में ही बढ़ोतरी हुई है बल्कि सोने की कीमतों में भी उछाल देखने को मिल रहा है| भारत में 12 जून को 24 कैरेट सोने की कीमत 97455 रुपए थी जो 13 जून को बढ़ाकर 99058 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गई| इससे यह स्पष्ट है कि सोने की कीमतों में भी 1.5 प्रतिशत से भी अधिक की तेजी आई है| कच्चे तेल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी के साथ सोना और अन्य वस्तुओं में भी तेजी देखी जा रही है| प्राकृतिक गैस की कीमतों में भी इसराइल और ईरान के संघर्ष के कारण वृद्धि हुई है|
मिडिल ईस्ट है तेल और गैस का केंद्र
दुनिया का सबसे ज्यादा 30% तेल और गैस मिडल ईस्ट से निकाला जाता है| क़तर, सऊदी अरब, बहरीन, कुवैत इराक जैसे देशों से गुजरने वाले समुद्री गलियारे से दुनिया को 20% तेल और गैस की सप्लाई की जाती है| इसराइल और ईरान के बीच चल रहा संघर्ष यदि लंबा चला तो दुनिया के अन्य देश भी इस जंग में शामिल हो सकते हैं|
दुनिया के प्रमुख तेल उत्पादक देश के द्वारा इस युद्ध में भाग लेने की स्थिति में क्रूड ऑयल की कीमतों में वृद्धि का अनुमान लगाया जा सकता है| ईरान के द्वारा कच्चे तेल और गैस की सप्लाई के लिए महत्वपूर्ण जल डमरू मध्य को ब्लॉक कर देने की स्थिति में तेल और गैस की सप्लाई रुक सकती है| इस कारण भी तेल और गैस की कीमतों में वृद्धि हो सकती है|
युद्ध के समय बढ़ जाती है सोने की मांग
ईरान और इजराइल के बीच चल रहे संघर्ष सोने की कीमतों को भी प्रभावित कर रहा है| यह पहली बार नहीं है जब सोने की कीमतें संघर्ष की स्थिति में बड़ी है बल्कि जब-जब भी दुनिया में युद्ध की स्थिति बनी है तो सोने की कीमत है लगातार बढ़ती रही है| दुनिया में युद्ध होने की स्थिति में लोग सोने में निवेश करने को प्राथमिकता देते हैं|
युद्ध के समय न सिर्फ आम लोग सोने को खरीदने की प्राथमिकता देते हैं बल्कि बैंक और सरकार भी सोने की खरीद को लेकर सतर्क हो जाते हैं| यही कारण है कि ईरान और इजरायल के बीच चल रहे संघर्ष के बाद सोने की कीमतों में 1.5% से भी ज्यादा की वृद्धि दर्ज की गई है|
जंग से प्रभावित होगा भारत
ईरान और इजरायल के बीच चल रहे हैं संघर्ष से न सिर्फ ईरान और इजरायल प्रभावित होंगे बल्कि दुनिया के सभी देश इस जंग पर निगाह टिकाये हुए हैं क्योंकि अगर यह जंग लंबी चली तो दुनिया के सभी देशों को इसका प्रभाव झेलना पड़ सकता है| भारत भी ईरान और इजरायल के बीच चल रहे युद्ध पर नजर बनाए हुए हैं क्योंकि युद्ध की स्थिति में भारत में कच्चे तेल की कीमतों में उछाल देखने को मिल सकता है और भारत का रुपया डॉलर की तुलना में कमजोर हो सकता है|
दोनों देशों के बीच युद्ध लंबा चलने की स्थिति में भारत को व्यापारिक मार्ग बदलने होंगे जिससे लागत मूल्य में बढ़ोतरी होगी और लाभ में कमी आएगी| भारत और इजरायल के बीच लंबे समय से हथियारों को लेकर समझौता चल रहा है| अगर इसराइल और ईरान का युद्ध लंबा चला तो भारत को सप्लाई किए जाने वाले हथियार देरी से भारत को प्राप्त हो पाएंगे।
भारतीय कृषि के लिए आवश्यक ुरिया की सप्लाई पर भी ईरान और इजरायल की संघर्ष का असर दिखाई दे सकता है| भारत लंबे समय से ईरान से यूरिया कच्चे तेल और केमिकल आदि का आयात करता रहा है| भारत के द्वारा ईरान के चाबहार पोर्ट को लेकर समझौता करने के बाद एक बड़ी धनराशि इसके बदले में ईरान को दी गई थी| ईरान और इजरायल के बीच चल रहे संघर्ष में यह धनराशि लंबे समय के लिए फंस सकती है| भारत ने चाबहार बंदरगाह पर निवेश विभिन्न कूटनीति और रणनीति के तहत किया है।