Iran Israel Conflict: ईरान और इजरायल के बीच पिछले 12 दिन से चल रहा संघर्ष अब खत्म हो गया है लेकिन इसी बीच एक नई चर्चा मीडिया जगत में छिड़ गई है। अमेरिका के द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाए जाने के बाद इस हमले में ईरान को होने वाले नुकसान का आकलन किया जा रहा है। अमेरिका के मीडिया के द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक ईरान को अमेरिकी हमले से ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा है।
‘कुछ महीने पीछे हुआ ईरान का प्रोग्राम’- रिपोर्ट
एक तरफ अमेरिका के राष्ट्रपति और इजरायल के द्वारा ईरान के परमाणु परीक्षण को लेकर कहा जा रहा है कि अब ईरान परमाणु परीक्षण को लेकर बहुत पीछे चला गया है लेकिन अमेरिकी मीडिया के मुताबिक इजरायल और अमेरिका के द्वारा किए गए हमले के बावजूद ईरान परमाणु परीक्षण में ज्यादा पीछे नहीं गया है।
आखिरकार अंतरिक्ष पहुंचे शुभांशु शुक्ला, मिशन की सफल लॉन्चिंग
धाँधली के आरोपों पर राहुल गांधी को चुनाव आयोग का बुलावा
सीजफायर के बाद ईरान से नागरिकों के रेस्क्यू को स्थगित करेगा भारत
पहले टेस्ट में इंग्लैंड ने भारत को दी 5 विकेट से मात
ईरान के परमाणु ठिकानों को ज्यादा नुकसान नहीं होने के कारण वह सिर्फ कुछ महीनो के लिए ही परमाणु परीक्षण में पीछे हुआ है। ऐसा इसलिए बताया जा रहा है क्योंकि इसराइल और अमेरिका के द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना तो बनाया गया लेकिन इसके बावजूद ईरान अपने परमाणु ठिकानों को अधिक नुकसान होने से बचाने में सफल रहा है।
पूरी तरह तबाह हुआ परमाणु संयंत्र- ट्रम्प
एक तरफ अमेरिकी मीडिया अमेरिका के द्वारा किए गए हमले में ईरान के परमाणु ठिकानों को अधिक नुकसान नहीं पहुंचने की बात कह रहे हैं। तो वहीं दूसरी तरफ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इन मीडिया रिपोर्ट्स को नकारते हुए नजर आ रहे हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति का कहना है कि अमेरिका के द्वारा किए गए हमले के बाद ईरान के परमाणु ठिकानों पर इजरायल के एजेंट पहुंचे थे। इजरायल के एजेंट तथा अन्य स्रोतों से मिली जानकारी के अनुसार ईरान का महत्वपूर्ण परमाणु ठिकाना पूरी तरह से नष्ट हो गया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि इजरायल के द्वारा 22 जून को अमेरिका के द्वारा हमले किए जाने के बाद उन ठिकानों पर नुकसान का आकलन करने के लिए एजेंट भेजे गए थे। उन्होंने बताया कि अमेरिका के द्वारा जिस तेजी से हमले ईरान के परमाणु ठिकानों पर किए गए उससे बचने के लिए ईरान के पास कोई उपाय नहीं था और ईरान का फोर्दो परमाणु संयंत्र पूरी तरह से नष्ट हो गया। इससे स्पस्ट है की ईरान और इजरायल के बीच पिछले 12 दिन से चल रहा संघर्ष अब खत्म हो गया है लेकिन इसी बीच एक नई चर्चा मीडिया जगत में छिड़ गई है। अमेरिका के द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाए जाने के बाद इस हमले में ईरान को होने वाले नुकसान का आकलन किया जा रहा है। अमेरिका के मीडिया के द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक ईरान को अमेरिकी हमले से ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा है।
12 दिन चलने के बाद रुका संघर्ष
ईरान और इजरायल के बीच लंबे समय से चल रहा यह संघर्ष अब खत्म हो गया है। लगभग 12 दिन तक ईरान और इजरायल के बीच युद्ध की स्थिति बनी रही थी। ईरान और इजरायल के साथ-साथ इस युद्ध में अमेरिका के द्वारा भी हिस्सा लिए जाने से तीसरे विश्व युद्ध का संकट पूरी दुनिया के सामने पैदा हो गया था लेकिन ईरान और इजरायल के बीच संघर्ष विराम पर सहमति बन जाने से दोनों देशों के साथ-साथ दुनिया के दूसरे देशों को भी राहत मिली है।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के कुछ घंटे बाद दोनों देशों ने संघर्ष विराम माना था लेकिन इसके कुछ घंटे बाद ईरान के द्वारा इसराइल पर हमला किया गया तो इसराइल ने भी ईरान पर जवाबी हमला किया। हालांकि इस बार पलटवार के बाद ईरान और इसराइल दोनों ही अंत में संघर्ष विराम पर सहमत नजर आ रहे हैं। दोनों देशों के बीच चले इस संघर्ष में ईरान और इसराइल दोनों के विभिन्न नागरिक और अधिकारी मौत का शिकार हुए हैं तो वही बड़ी मात्रा में दोनों ही देश को इंफ्रास्ट्रक्चर का भी नुकसान हुआ है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ईरान के द्वारा किए गए हमले में इजरायल के लगभग 30 नागरिक मौत का शिकार हुए जबकि हजारों की संख्या में लोग घायल हैं। दूसरी तरफ इजरायल के द्वारा किए गए हमले में ईरान के 600 से भी अधिक नागरिक मौत का शिकार होना बताया जा रहा है तो वहीं हजारों की संख्या में लोग घायल हैं। ईरान और इजरायल के बीच चले इस संघर्ष में दोनों ही देशो ने भारी हथियार मिसाइल ड्रोन और लड़ाकू विमान से एक दूसरे पर हमले किए थे ।