Iran Israel Conflict: ईरान और इजरायल के बीच चल रहे संघर्ष में एक बार फिर इसराइल ने ईरान की राजधानी तेहरान पर एयर स्ट्राइक की है। इजराइल के द्वारा लगातार राजधानी को निशाना बनाने के कारण ईरान के द्वारा अपनी राजधानी में डिफेंस सिस्टम को एक्टिव कर दिया गया है। दूसरी तरफ ईरान ने भी पलटवार करते हुए इजरायल के समाचार चैनलों को निशाना बनाने की कोशिश की है। दोनों देशों के बीच युद्ध अब और तेज होता हुआ नजर आ रहा है।
8 दिन से जारी है संघर्ष
ईरान और इजरायल के बीच चल रहा यह संघर्ष पिछले आठ दिनों से लगातार जारी है। दोनों ही देश एक दूसरे पर लगातार हमला करते हुए आ रहे हैं। इसराइल के द्वारा बार-बार ईरान के विभिन्न शहरों को खाली करने को लेकर चेतावनी जारी की जा रही है। दूसरी तरफ ईरान ने इसराइल के प्रधानमंत्री के करीबी समाचार चैनल के ऑफिस पर हमला करने की धमकी दी है।
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दोनों देशों के बीच चल रही इस लड़ाई में अब तक सैकड़ो लोग जान गांव चुके हैं। ईरान के द्वारा किए गए हमले में इजरायल के 25 लोग मारे जा चुके हैं जबकि ईरान में मारे गए नागरिकों की संख्या 600 से भी ऊपर है और हजारों की संख्या में लोग घायल है।
अभी जंग में शामिल नहीं होगा अमेरिका
परमाणु परीक्षण को लेकर ईरान और इजरायल के बीच चल रहे संघर्ष में फिलहाल अमेरिका के शामिल होने की संभावना नजर नहीं आ रही है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बयान देते हुए कहा कि इसराइल और ईरान के बीच चल रहे संघर्ष में अमेरिका शामिल होने को लेकर दो हफ्ते में फैसला लेगा। इससे यह स्पष्ट होता है कि अमेरिका ईरान के खिलाफ जंग में विचार विमर्श करने के बाद ही कदम रखना चाहता है।
दूसरी तरफ ईरान के समर्थन में लेबनान, फिलिस्तीन के उग्रवादी संगठन हिजबुल्ला और हमास खुल कर आ गए हैं। जैसे-जैसे युद्ध लंबा खींचेगा दुनिया के विभिन्न देशों का समर्थन ईरान और इजरायल के पक्ष में आना शुरू हो जाएगा।
इजराइल ने बनाया ईरान के परमाणु संयंत्रों को निशाना
इसराइल के द्वारा लगातार ईरान के प्रमुख ठिकानों को निशाना बनाया जा रहा है। इजरायल ईरान की उन ठिकानों पर सर्वाधिक हमले करने की कोशिश कर रहा है जहां पर ईरान के द्वारा परमाणु परीक्षण से संबंधित कार्य किया जा रहा है। इसी दिशा में कदम उठाते हुए इसराइल ने ईरान के दो हैवी वाटर प्लांट पर हमला किया है। इसराइल के द्वारा किए गए इस हमले में ईरान के इन परमाणु संयंत्र को काफी बड़ी मात्रा में नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
इसराइल के रक्षा मंत्री ने खमनोई को बताया मॉडर्न हिटलर
ईरान के सुप्रीम लीडर खमनोई को इसराइल के रक्षा मंत्री के द्वारा तानाशाह करार दिया गया है। इसराइल के रक्षा मंत्री का कहना है कि खमनोई मॉडर्न हिटलर है उन्हें जीने का कोई अधिकार नहीं है। इजराइल के रक्षा मंत्री ने ईरान के सुप्रीम लीडर पर यह भी आरोप लगाया कि उन्होंने अपने एजेंटों के द्वारा हमेशा इसराइल को खत्म करने की कोशिश करी है।
इससे पहले इसराइल के प्रधानमंत्री ने भी ईरान के सुप्रीम लीडर को जान से मारने की धमकी दी थी। उन्होंने कहा था कि ईरान के सुप्रीम लीडर की मौत के साथ यह जंग आगे नहीं बढ़ेगी। बल्कि जंग खत्म हो जाएगी। उन्होंने एक बार फिर दोहराते हुए कहा कि ईरान का कोई भी बड़ा नेता या सुप्रीम लीडर भी ईरान में सुरक्षित नहीं है।

युद्ध में इसराइल को हो रहा बड़ा आर्थिक नुकसान
ईरान और इजरायल के बीच चल रहे इस संघर्ष में दोनों ही देश को विभिन्न तरह का नुकसान उठाना पड़ रहा है। ईरान और इसराइल दोनों ही देश के नागरिक इस हमले में बड़ी मात्रा में मौत का शिकार हो चुके हैं। दूसरी तरफ आर्थिक रूप से भी दोनों देशों को नुकसान पहुंच रहा है।
एक अनुमान के मुताबिक इजरायल के द्वारा ईरान से आने वाली मिसाइल को नष्ट करने के लिए डिफेंस सिस्टम पर रोजाना 2500 करोड रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं। इसराइल के पास आयरन डोम और बाण डिफेंस सिस्टम मौजूद है। इन डिफेंस सिस्टम में आ रहे खर्च को वहन करना इजरायल के लिए संभव नहीं है। लेकिन अमेरिका के द्वारा इजराइल को लगातार इस मामले में फंडिंग की जा रही है। अमेरिका के द्वारा हर साल इसराइल को लगभग 30000 करोड रुपए की सैन्य मदद भेजी जाती है।
दोनों देशों के बीच चल रहा है यह संघर्ष यदि लंबा चलता है तो दोनों ही देश को हर मोर्चे पर नुकसान का सामना करना पड़ेगा। एक तरफ ईरान और इजरायल के द्वारा एक दूसरे पर किए जा रहे हमले में विभिन्न नागरिकों की मौत की खबर सामने आ रही है जबकि हजारों की संख्या में लोग घायल हो चुके हैं। इस संघर्ष में विभिन्न इमारत और महत्वपूर्ण ठिकानों को भी एक दूसरे के द्वारा नष्ट किया जा रहा है। युद्ध लंबा चलने की स्थिति में दोनों ही देश की अर्थव्यवस्था का संतुलन बिगड़ सकता है। इसीलिए दोनों ही देश इस युद्ध को जल्दी से जल्दी खत्म करते हुए अपनी हालत में सुधार करना चाहेंगे लेकिन इस युद्ध का जल्दी अंत अभी नजर नहीं आ रहा है।
एक तरफ अमेरिका और इसराइल मिलकर ईरान पर परमाणु समझौते को लेकर दबाव बना रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ ईरान ने परमाणु समझौता करने से साफ इनकार कर दिया है। ईरान ने अमेरिका के साथ होने वाली परमाणु बातचीत को रद्द करते हुए भविष्य में भी परमाणु बातचीत नहीं करने का फैसला किया है। ईरान और इसराइल के बीच चल रहे संघर्ष में विभिन्न देशों के द्वारा अलग-अलग मुद्दों पर अलग-अलग देश का समर्थन प्राप्त होने के कारण इस युद्ध में दुनिया भी दो गुटों में बटी हुई नजर आ रही है।