Iran Israel Conflict : ईरान और इजरायल के बीच लंबे समय तक चला तनाव अब खत्म हो गया है। दोनों देश 12 दिन तक चले युद्ध के बाद संघर्ष विराम पर सहमत हुए थे लेकिन इसी बीच अब बड़ी खबर सामने आ रही है कि अमेरिका के द्वारा इजराइल को मजबूती प्रदान करने के लिए एक खास बिल पेश किया गया है। अमेरिकी सांसदों के द्वारा पेश किए गए इस बिल से इजराइल को और ताकत प्रदान करने की कोशिश की जा रही है। इससे पहले भी अमेरिका के द्वारा इजराइल को बड़े स्तर पर आर्थिक मदद की जाती रही है।
बिल देगा ट्रंप को हथियार और विमान देने की ताकत
अमेरिका के सांसदों के द्वारा जिस बिल को पेश किया गया है उस बिल के पास हो जाने पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इसराइल को b2 विमान और बंकर बस्टर बम देने की ताकत प्राप्त कर लेंगे। बताया जा रहा है कि ईरान के द्वारा परमाणु परीक्षण प्रोग्राम को देखते हुए यह निर्णय लिया जा रहा है। अमेरिकी संसद में इस बिल के पास हो जाने पर यह इजरायल के लिए बड़ी सफलता होगी। दूसरी तरफ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ईरान पर दबाव बनाने के लिए इस बिल को पास करने की पूरी कोशिश करेंगे। अब आने वाले समय में यह देखने लायक होगा कि इसराइल को अमेरिका की तरफ से मिलने वाली यह सहायता कब तक प्राप्त हो पाएगी।
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ईरानी ठिकानों पर अमेरिका ने किया था हमला
ईरान और इजरायल के बीच चले संघर्ष के दौरान अमेरिका भी इस जंग में शामिल हो गया था। अमेरिका के द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया गया था। बताया जा रहा है कि ईरान के परमाणु ठिकानों को तबाह करने के उद्देश्य से अमेरिका के द्वारा यह हमला किया गया था। अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर इस हमले को b2 बंबर विमान से अंजाम दिया था। b2 विमान के द्वारा बड़ी मात्रा में बंकर बस्टर बम गिरने से ईरान के परमाणु ठिकानों को नुकसान पहुंचा था। अब अमेरिका इसी विमान और बंकर बस्टर बम को इसराइल को देने की कोशिश कर रहा है।
अमेरिका को सता रहा ईरान का डर
ईरान और इजरायल के बीच 12 दिन तक युद्ध की स्थिति बने रहने के बाद संघर्ष विराम पर सहमति बन गई लेकिन अमेरिका और इसराइल को अभी भी ईरान के द्वारा किए जाने वाले परमाणु परीक्षण का डर सता रहा है। ईरान यह स्पष्ट कर चुका है कि उसका परमाणु परीक्षण प्रोग्राम लगातार जारी रहेगा तो वहीं दूसरी तरफ अमेरिका और इसराइल परमाणु परीक्षण के द्वारा परमाणु हथियार बनाने के बाद ईरान पर हमला करने की चेतावनी जारी कर चुके हैं। अमेरिका और इसराइल नहीं चाहते कि ईरान किसी भी हालत में परमाणु हथियार बनाने में सफल हो। यदि ईरान के द्वारा परमाणु हथियार बना लिया जाता है तो यह इसराइल और अमेरिका के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
जमीन के नीचे लक्ष्य नष्ट करने में माहिर b2 बॉम्बर
अमेरिका के द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों को नष्ट करने के लिए b2 बंबर विमान की सहायता ली गई थी। यह विमान अपनी खास डिजाइन और क्षमता के लिए जाना जाता है। बताया जाता है कि इस विमान के द्वारा जमीन के नीचे 200 फीट तक टारगेट को नष्ट किया जा सकता है। इस विमान की लंबाई लगभग 70 फीट तथा ऊंचाई 17 फिट होती है। 172 फीट चौड़ाई वाले इस विमान में चार इंजन कार्य करते हैं। 1200 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से उड़ान भरने में सक्षम यह विमान अमेरिका की एक कंपनी के द्वारा बनाया गया था।

जीपीएस के जरिए 50000 फीट की ऊंचाई से यह लक्ष्य पर सफल तरीके से निशाना लगाने में सक्षम है। लंबी दूरी के समय इस विमान में हवा में ही फ्यूल डाला जा सकता है। अपनी इन्हीं खासियतों के कारण अमेरिका के द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों को नष्ट करने के लिए इनका चयन किया गया था और अब अमेरिका इजरायल को भी यह शक्ति प्रदान करना चाहता है ताकि ईरान के द्वारा भविष्य में परमाणु परीक्षण किए जाने पर कड़ा सबक सिखाया जाए।
12 दिन चला था ईरान इजरायल संघर्ष
ईरान के द्वारा परमाणु परीक्षण किए जाने को लेकर शुरू हुआ तनाव इजरायल के द्वारा ईरान पर हमला करने के बाद युद्ध में बदल गया था। दोनों ही देश के द्वारा एक दूसरे पर बड़े स्तर पर हमले किए गए थे। इस युद्ध में लड़ाकू विमान बैलिस्टिक मिसाइल और ड्रोन आदि का इस्तेमाल हुआ था। इसराइल के द्वारा किए गए ईरान पर हमले में ईरान के कई प्रमुख वैज्ञानिक और सेना के अधिकारी मौत का शिकार हुए थे जबकि ईरान के द्वारा भी इसराइल पर पलटवार किया गया था। जानकारी के मुताबिक ईरान के द्वारा किए गए हमले में इजरायल के लगभग 30 नागरिक मौत का शिकार हुए थे जबकि इजरायल के हमले में ईरान के 600 से भी अधिक नागरिक मारे गए थे। दोनों देशों के बीच 12 दिन तक युद्ध की स्थिति बने रहने के बाद संघर्ष विराम पर सहमति बनी थी।
परमाणु प्रोग्राम को लेकर बना हुआ है विवाद
ईरान, अमेरिका और इजरायल के बीच संघर्ष की स्थिति का मुख्य कारण ईरान के परमाणु परीक्षण को माना जा रहा है। इजराइल और अमेरिका को डर है कि ईरान परमाणु परीक्षण के बहाने परमाणु हथियार तैयार कर रहा है जबकि ईरान के द्वारा इसे लेकर समय-समय पर मना की जाती रही है। परमाणु हथियार बना लेने पर ईरान की ताकत काफी बढ़ जाएगी और इजरायल और अमेरिका ईरान को ऐसा नहीं करना देना चाहते हैं। ईरान और इजरायल के संघर्ष के बीच इसी कारण अमेरिका के द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानो को निशाना बनाया गया था। इसराइल ने भी ईरान के महत्वपूर्ण परमाणु ठिकानों पर हमले किए थे। हालांकि ईरान का दावा है कि वह कुछ ही महीने में अपने परमाणु परीक्षण को एक बार फिर से शुरू कर देगा।