Iran Israel Tension : ईरान और इजरायल के बीच पिछले समय पैदा हुआ तनाव भले ही समाप्त हो गया हो लेकिन बयानों से एक दूसरे पर वार पलटवार अभी भी जारी है। ईरान के विदेश मंत्री के द्वारा इजराइल के प्रधानमंत्री का मजाक बनाया गया है। ईरान के विदेश मंत्री ने कहा कि इजरायल के प्रधानमंत्री आखिर किस चीज का नशा कर रहे हैं। दरअसल ईरान के विदेश मंत्री ने इजरायल के प्रधानमंत्री के द्वारा दिए गए बयान पर अपनी टिप्पणी की थी। इसराइल के प्रधानमंत्री के द्वारा इससे पहले ईरान को लंबी दूरी की मिसाइल बनाने को लेकर चेतावनी दी गई थी। ईरान और इजरायल के बीच पिछले महीने 12 दिनों तक युद्ध की स्थिति बनी रही थी जिसके बाद दोनों देश संघर्ष विराम पर सहमत हुए थे। ईरान के विदेश मंत्री ने इजरायल की नीतियों को सफल करार दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से इजरायल के प्रधानमंत्री की आलोचना की।
‘इजराइल ने गाजा मे प्राप्त की असफलता’
ईरान के विदेश मंत्री ने इजरायल के प्रधानमंत्री पर तंज करते हुए कहा कि उनके द्वारा लगभग 2 साल पहले ही गाजा में जीत का दावा किया जा रहा था लेकिन इसका नतीजा अभी तक नहीं निकला। इसराइल के द्वारा गिरफ्तारी किए जाने के बाद हमास में बड़ी संख्या में नए लड़ाका सामने आए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जिस इजरायल के द्वारा गाजा में असफलता प्राप्त की गई। वह ईरान पर शर्त नहीं लग सकता। इससे पहले इसराइल के प्रधानमंत्री ने कहा था कि ईरान को 480 किलोमीटर से ज्यादा रेंज की मिसाइल नहीं बननी चाहिए। इसराइल के प्रधानमंत्री के द्वारा दिए गए इसी बयान पर ईरान के विदेश मंत्री ने कहा कि इसराइल के प्रधानमंत्री किस चीज का नशा कर रहे हैं।
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वैज्ञानिक देंगे इजराइल को जवाब
ईरान के विदेश मंत्री ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि इजरायल के द्वारा युद्ध में ईरान के वैज्ञानिकों को निशाना बनाया गया। ईरान के वैज्ञानिकों को निशाना बनाते हुए मौत के घाट इजराइल ने उतारा लेकिन आने वाले समय में इजराइल में 100 काबिल लोग तैयार हैं। इसराइल ने सोचा था कि 40 साल की परमाणु उपलब्धि को कुछ वैज्ञानिकों को मारकर खत्म कर देगा लेकिन ऐसा नहीं होगा। एक वैज्ञानिक ने ईरान में 100 से भी ज्यादा शिष्य तैयार किए हैं। अब वही शिष्य इसराइल को जवाब देने के लिए तैयार होंगे। इसी के साथ ईरान के विदेश मंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि अपनी सेना की विफलताओं को छुपाने के लिए इजरायल के प्रधानमंत्री लगातार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दौड़ भाग कर रहे हैं।

12 दिन चला था दोनों देशों में युद्ध
ईरान और इजरायल के बीच पिछले महीने पैदा हुआ तनाव युद्ध में बदल गया था। दोनों ही देश के द्वारा बड़े स्तर पर एक दूसरे पर हमले किए गए। इसराइल के द्वारा ईरान के विभिन्न ठिकानों को निशाना बनाया गया जिसके जवाब में ईरान ने भी इसराइल पर हमले किए। ईरान और इजरायल के बीच लगभग 12 दिनों तक युद्ध की स्थिति बनी रही थी। इसके बाद दोनों देश संघर्ष विराम पर सहमत हुए थे। हालांकि संघर्ष विराम पर सहमत होने के कुछ घंटे बाद ही दोनों देश एक दूसरे पर फिर हमला करना शुरू कर दिए थे लेकिन एक बार फिर दोनों देश संघर्ष विराम पर सहमत हुए। ईरान और इजरायल के बीच हुए 12 दिन संघर्ष में इजरायल के 28 नागरिक मौत का शिकार हुए जबकि ईरान के 600 से भी अधिक नागरिक इस युद्ध में मारे गए। इसराइल के द्वारा किए गए इस हमले में ईरान के कई वैज्ञानिक तथा सेना के अधिकारी भी मौत का शिकार हुए।
परमाणु परीक्षण को लेकर पैदा हुआ था तनाव
ईरान और इजरायल के बीच संबंध परमाणु परीक्षण को लेकर बिगड़े थे। इजरायल का आरोप है कि ईरान के द्वारा परमाणु परीक्षण की आड़ में परमाणु हथियार तैयार किये जा रहे हैं जबकि ईरान का कहना था कि उसका परमाणु परीक्षण ऊर्जा और शांति के क्षेत्र के लिए है। इसराइल और अमेरिका के द्वारा ईरान को परमाणु हथियार नहीं बनाने के लिए बार-बार चेतावनी जारी की गई थी। इसके बावजूद ईरान ने अपने परमाणु परीक्षण को जारी रखा था जिसके बाद इजरायल ने ईरान पर हमले किए थे। इजरायल और ईरान के बीच चल रहे युद्ध के बीच अमेरिका भी इस जंग में शामिल हो गया था। अमेरिका के द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों को नष्ट करने की कोशिश की गई थी।
अमेरिका का दावा है कि उसके द्वारा किए गए हमले में ईरान के परमाणु ठिकाने पूरी तरह नष्ट हो गए जबकि ईरान का दावा है कि अमेरिका के द्वारा हमला करने के बावजूद उसका परमाणु भंडार सुरक्षित है। आने वाले समय में वह अपने परमाणु परीक्षण कार्यक्रम को आगे बढ़ाएगी। यह संभावना जताई जा रही है कि ईरान के द्वारा अमेरिका के हमले से पहले अपने यूरेनियम भंडार को सुरक्षित दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया। अंतरराष्ट्रीय परमाणु एजेंसी के द्वारा भी यह रिपोर्ट दी गई थी कि ईरान अपने परमाणु परीक्षण कार्यक्रम को जारी रख सकता है। एक तरफ अमेरिका कह रहा है कि उसके हमले के कारण ईरान का परमाणु परीक्षण बहुत पीछे चला गया है जबकि ईरान अमेरिका के इस दावे को नकारता रहा है।