Iran Student Evacuation के तहत ईरान से 110 मेडिकल स्टूडेंट्स को सुरक्षित रेस्क्यू कर दिल्ली लाया गया, अधिकतर छात्र कश्मीर से हैं।

110 भारतीयों का दल ईरान से पहुंचा दिल्ली, सभी भारतीय मेडिकल स्टूडेंट

Iran Student Evacuation: ईरान और इजरायल के बीच चल रहे संघर्ष के कारण ईरान में रह रहे मेडिकल स्टूडेंट ने ईरान को छोड़ दिया है| लगभग 110 मेडिकल स्टूडेंट ईरान से आर्मेनिया के रास्ते दिल्ली पहुंच चुके हैं| दिल्ली पहुंचे सभी मेडिकल स्टूडेंट ने स्वदेश लौट आने पर खुशी जताई है और उन्होंने ईरान के हालातो पर बातचीत करते हुए मीडिया को विभिन्न पहलू साझा किए हैं|

छात्रों ने बताया ईरान में हालात खराब

ईरान और इजरायल  के बीच कई दिनों से चल रहे संघर्ष के बीच स्थिति बिगड़ने के कारण ईरान में पढ़ाई कर रहे सैकड़ो स्टूडेंट दिल्ली पहुंच चुके हैं| उन्होंने दिल्ली पहुंचकर ईरान की यथा स्थिति से अवगत कराया उनका मानना है कि ईरान में हालत बहुत खराब हो चुके हैं| ईरान की राजधानी तेहरान में इसराइल के द्वारा लगातार हमले किए जा रहे हैं| उन्होंने यह भी कहा कि हर नए दिन संघर्ष में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है| छात्रों का मानना है कि युद्ध अच्छी चीज नहीं है| युद्ध के कारण इंसानियत नष्ट हो जाती है|

Iran Student Evacuation के तहत ईरान से 110 मेडिकल स्टूडेंट्स को सुरक्षित रेस्क्यू कर दिल्ली लाया गया, अधिकतर छात्र कश्मीर से हैं।
Iran Student Evacuation के तहत ईरान से 110 मेडिकल स्टूडेंट्स को सुरक्षित रेस्क्यू कर दिल्ली लाया गया, अधिकतर छात्र कश्मीर से हैं।
आर्मेनिया के रास्ते दिल्ली पहुंचे भारतीय स्टूडेंट

ईरान से भारत लाये  गए स्टूडेंट को आर्मेनिया के रास्ते लाया गया है| ईरान से रेस्क्यू कर लेने के बाद इन सभी स्टूडेंट्स को आर्मेनिया पहुंचाया गया| आर्मेनिया की राजधानी में सभी मेडिकल स्टूडेंट को ठहराया गया| इसके बाद कतर के रास्ते दिल्ली तक यह सभी स्टूडेंट पहुंचे हैं| आर्मेनिया की राजधानी से कतर की राजधानी दोहा के लिए इंडिगो की फ्लाइट के द्वारा इन छात्रों को लाया गया है| कतर की राजधानी दोहा तक इंडिगो की फ्लाइट के द्वारा छात्रों को लाने के बाद दूसरी फ्लाइट में इन छात्रों को शिफ्ट करते हुए नई दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर पहुंचाया गया| भारतीय विदेश मंत्रालय के द्वारा ईरान से मेडिकल स्टूडेंट्स के दिल्ली पहुंच जाने की खबर की जानकारी दी गई|

ईरान में फंसे 10000 भारतीय नागरिक

परमाणु परीक्षण को लेकर ईरान और इजराइल में तनाव पैदा हो जाने के कारण स्थिति युद्ध के जैसी हो गई है| दोनों देशों के बीच लगातार बार पलटवार का दौर जारी है| ईरान के ऊपर इसराइल लगातार लड़ाकू विमान तथा मिसाइल से हमला कर रहा है| इस बीच संघर्ष की घड़ी में लगभग 10000 भारतीय नागरिकों के फंसे होने की खबर सामने आ रही है| भारतीय विदेश मंत्रालय लगातार इन नागरिकों को ईरान से भारत लाने की कोशिश में लगा हुआ है| मेडिकल स्टूडेंट समेत कुछ नागरिकों को भारत लाया जा चुका है|

ईरान के विदेश मंत्रालय के द्वारा यह जानकारी दी गई थी कि ईरान के सभी एयरपोर्ट इस समय बंद है लेकिन सभी जमीनी सीमा अभी भी खुली है| विदेशी नागरिकों के द्वारा ईरान छोड़ने को लेकर विदेश मंत्रालय ईरान ने कहा कि ईरान छोड़ने से पहले सभी अपनी आवश्यक जानकारी विदेश मंत्रालय को सौंप दे|

ईरान की राजधानी छोड़कर जा रहे नागरिक

ईरान और इजरायल के बीच कई दिनों से चल रहे  संघर्ष के बाद ईरान की राजधानी तेहरान में हालात और भी खराब नजर आ रहे हैं| इसराइल के द्वारा लगातार ईरान की राजधानी तेहरान को निशाना बनाया जा रहा है जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप खुले आम ईरान की राजधानी तेहरान  को खाली करने की चेतावनी दे चुके हैं|

लगातार हो रहे हमलों और भविष्य को देखते हुए तेहरान के पेट्रोल पंपों पर वाहनों की लंबी-लंबी कतार नजर आ रही है| जबकि लोग लगातार ईरान की राजधानी तेहरान से पलायन करते हुए नजर आ रहे हैं| इसराइल के द्वारा किए जा रहे हमले में अब तक सैकड़ो लोगों की मौत हो चुकी है|

भारतीय नागरिकों ने लगाई थी एयरलिफ्ट की गुहार

ईरान में निवास कर रहे भारत के नागरिकों के द्वारा भारतीय विदेश मंत्रालय से ईरान और इजरायल के बीच स्थिति बिगड़ जाने के कारण उन्हें बचाने की गुहार की थी| भारतीय विदेश मंत्रालय लगातार भारतीय नागरिकों को ईरान से एयरलिफ्ट करने की पूरी कोशिश कर रहा है|

भारत अपने नागरिकों को आर्मेनिया के रास्ते दिल्ली तक लाने की फिराक में है| जिसमें से कुछ मेडिकल स्टूडेंट्स को आर्मेनिया के रास्ते दिल्ली लाया जा चुका है| ईरान के बॉर्डर से लगने वाले विभिन्न देशों के बजाय भारत ने आर्मेनिया होते हुए नागरिकों को लाने का फैसला किया है| ईरान की राजधानी से आर्मेनिया का बॉर्डर काफी नजदीक होने के साथ-साथ भारत और आर्मेनिया के रिश्ते अच्छे होना इस रास्ते को चुनने का कारण माना जा रहा है|

ईरान के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से भारत का लंबे समय से टकराव चल रहा है| ऐसे में भारत ने अपनी नागरिकों को पाकिस्तान के रास्ते लाने की तुलना में आर्मेनिया के रास्ते को चुना है| भारत के द्वारा नागरिकों को दिल्ली के लिए सीधा एयरलिफ्ट करना संभव नहीं है क्योंकि ईरान में लगातार इजरायल के द्वारा हवाई हमले किए जा रहे हैं| इसीलिए भारत ने अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए आर्मेनिया का रास्ता चुना है|

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मेडिकल स्टूडेंट में अधिकतर कश्मीरी

लगभग 110 मेडिकल स्टूडेंट को ईरान से रेस्क्यू करते हुए आर्मेनिया के रास्ते नई दिल्ली लाया गया है| नई दिल्ली पहुंचने वाले 110 मेडिकल स्टूडेंट में से 90 से अधिक स्टूडेंट कश्मीर के बताए जा रहे हैं| इससे पहले ईरान में हालत बिगड़ने पर वहां पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स के द्वारा जम्मू कश्मीर के राज्यपाल और मुख्यमंत्री से बचाने  की अपील की गई थी| जम्मू सरकार और भारत सरकार ने इस मुद्दे पर संवेदनशीलता दिखाते हुए जल्द से जल्द अपने नागरिकों को सुरक्षित स्वदेश लाने की दिशा में कदम उठाया है।

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