Iran Travel Advisory : ईरान में स्थित भारतीय दूतावास के द्वारा ईरान जाने वाले नागरिकों को लेकर एडवाइजरी जारी की गई है। ईरान की यात्रा करने वाले नागरिकों के लिए विभिन्न दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। इसी के साथ भारतीय दूतावास ने गैर जरूरी यात्रा से बचने का लोगों से अनुरोध किया है। सोशल मीडिया पर जारी की गई एडवाइजरी के मुताबिक पिछले समय से चल रही घटनाओं को देखते हुए भारतीय नागरिकों को गैर जरूरी यात्रा से बचने की सलाह दी गई है। इसी के साथ भारतीय नागरिकों को ताजा घटनाक्रमों पर भी नजर बनाए रखने की बात कही गई है। लगभग 12 दिन तक चले इस संघर्ष में इजरायल के 28 नागरिक मारे गए थे जबकि ईरान के 600 से भी अधिक नागरिक इस युद्ध में मौत का शिकार हुए थे।
ईरान के विभिन्न वैज्ञानिक तथा सेना के अधिकारी भी इस युद्ध में मौत का शिकार हुए थे। ईरान और इसराइल लगभग 12 दिनों तक युद्ध करने के बाद संघर्ष विराम पर सहमत हुए थे। अमेरिका के द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाने के बाद ईरान और इसराइल संघर्ष विराम पर सहमत हुए थे लेकिन इसके बावजूद इन देशों के बीच तनाव बना हुआ है। ईरान के द्वारा एक बार फिर परमाणु परीक्षण कार्यक्रम शुरू करने को लेकर दिए गए बयान के बाद अमेरिका ने चेतावनी दी थी कि यदि ईरान ने अपने परमाणु परीक्षण को आगे बढ़ाते हुए परमाणु हथियार बनाने की कोशिश की तो ईरान को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। अमेरिका ने चेतावनी दी थी कि परमाणु परीक्षण को आगे बढ़ाने पर एक बार फिर अमेरिका के द्वारा हमला किया जा सकता है।
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लगातार बढ़ती तनाव के बीच जारी की चेतावनी
लंबे समय से ईरान इजरायल और अमेरिका के बीच तनाव जारी है। इसी तनाव को देखते हुए भारतीय दूतावास की तरफ से ईरान की यात्रा करने वाले भारतीय नागरिकों के लिए चेतावनी जारी की गई है। सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने तथा गैर जरूरी यात्रा से बचने की अपील भारतीय दूतावास के द्वारा की गई है। ईरान और इजरायल के बीच चले संघर्ष में ईरान में रह रहे भारतीय नागरिकों को बचाने के लिए भारत सरकार की तरफ से ऑपरेशन सिंधु चलाया गया था। इस ऑपरेशन के तहत ईरान और इसराइल दोनों ही देश से लगभग 4500 लोगों को भारत लाया गया था। विभिन्न छात्र संगठनों के द्वारा अपने आप को असुरक्षित महसूस करने पर वहां से निकालने की अपील की गई थी।
ईरान और इजरायल के बीच 12 दिन चला था संघर्ष
ईरान और इजरायल के बीच पिछले महीने लगभग 12 दिनों तक युद्ध की स्थिति बनी रही थी। ईरान के द्वारा परमाणु परीक्षण किए जाने के बाद इजरायल और अमेरिका ने ईरान पर दबाव बनाना शुरू किया था। इजरायल के द्वारा ईरान पर हमले शुरू कर देने के बाद ईरान ने भी इसराइल को निशाना बनाया था। जिसके बाद दोनों देशों के बीच युद्ध के हालात पैदा हो गए थे। लगभग 12 दिन तक चले इस संघर्ष में इजरायल के 28 नागरिक मारे गए थे जबकि ईरान के 600 से भी अधिक नागरिक इस युद्ध में मौत का शिकार हुए थे। ईरान के विभिन्न वैज्ञानिक तथा सेना के अधिकारी भी इस युद्ध में मौत का शिकार हुए थे। ईरान और इसराइल लगभग 12 दिनों तक युद्ध करने के बाद संघर्ष विराम पर सहमत हुए थे। संघर्ष विराम हो जाने के बावजूद ये दोनों देशों के बीच लगातार तनाव बना हुआ है। इसे देखते हुए ही भारतीय दूतावास की तरफ से यह एडवाइजरी जारी की गई है।

अमेरिका ने भी लिया था युद्ध में भाग
ईरान और इजरायल के बीच चले युद्ध में अमेरिका के द्वारा भी हिस्सा लिया गया था। ईरान के परमाणु ठिकानों को अमेरिका के द्वारा निशाना बनाया गया था। अमेरिका का दावा है कि उसके द्वारा किए गए हमले में ईरान के परमाणु ठिकाने पूरी तरह नष्ट हो गए थे लेकिन ईरान ने अमेरिका की इन दावों को नकारा है। ईरान का कहना है कि अमेरिका के द्वारा हमला करने के बावजूद उनके परमाणु भंडार पूरी तरह सुरक्षित है और आने वाले समय में अपने परमाणु परीक्षण को ईरान लगातार आगे बढ़ाएगा। अंतरराष्ट्रीय परमाणु एजेंसी भी यह मान चुकी है कि ईरान को अमेरिका के हमले के बावजूद ज्यादा नुकसान नहीं हुआ था।
अमेरिका ने दी थी फिर हमले की चेतावनी
अमेरिका के द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाने के बाद ईरान और इसराइल संघर्ष विराम पर सहमत हुए थे लेकिन इसके बावजूद इन देशों के बीच तनाव बना हुआ है। ईरान के द्वारा एक बार फिर परमाणु परीक्षण कार्यक्रम शुरू करने को लेकर दिए गए बयान के बाद अमेरिका ने चेतावनी दी थी कि यदि ईरान ने अपने परमाणु परीक्षण को आगे बढ़ाते हुए परमाणु हथियार बनाने की कोशिश की तो ईरान को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। अमेरिका ने चेतावनी दी थी कि परमाणु परीक्षण को आगे बढ़ाने पर एक बार फिर अमेरिका के द्वारा हमला किया जा सकता है। दूसरी तरफ इसराइल भी लगातार ईरान को परमाणु हथियार से रोकने की पूरी कोशिश कर रहा है। ऐसे में यह संभावना जताई जा रही है कि फिलहाल दोनों देशों के बीच भले ही संघर्ष विराम हो गया हो लेकिन आने वाले समय में दोनों देशों के बीच एक बार फिर युद्ध की स्थिति पैदा हो सकती है।