Israel Gaza Conflict : गाजा में लंबे समय से इजरायल और हमास के बीच संघर्ष चल रहा है। दोनों ही पक्ष शांति वार्ता पर सहमत नहीं होने के कारण यह संघर्ष खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। गाजा में लगातार भुखमरी के हालात पैदा हो रहे हैं। ऐसे में दुनिया के विभिन्न देशों के द्वारा इजराइल का लगातार विरोध किया जा रहा है। इसी बीच बड़ी खबर सामने आ रही है कि यूरोपीय देशो के द्वारा इजराइल के खिलाफ एक बड़ा संगठन खड़ा किया जा रहा है। ब्रिटेन और फ्रांस के द्वारा फिलीस्तीन को एक स्वतंत्र देश की मान्यता देने की घोषणा करने के बाद अब विभिन्न देशों के द्वारा मिलकर इजरायल के खिलाफ मोर्चा खोलने की संभावना जताई जा रही है। इन देशों में ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, फिनलैंड, फ्रांस आयरलैंड, न्यूजीलैंड, पुर्तगाल और स्पेन जैसे देश शामिल हैं। इन यूरोपीय देशों का कहना है कि यदि इजरायल के द्वारा गाजा में किये जा रहे हमलों को जल्द से जल्द नहीं रोका गया तो वह फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता देंगे। ऐसे में यह संभावना लग रही है कि इसराइल पर अब लगातार गाजा में चल रहे संघर्ष को लेकर दबाव बढ़ता जा रहा है। आने वाले समय में यह संघर्ष निर्णायक स्थिति में पहुंच सकता है।
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संयुक्त राष्ट्र महासभा में रखा जाएगा प्रस्ताव
यूरोपीय देशों के द्वारा लगातार इजरायल के खिलाफ संगठन का निर्माण किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि सितंबर में होने वाली संयुक्त राष्ट्र महासभा में इन देशों के द्वारा इजराइल के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया जाएगा। यूरोपीय देशों के विदेश मंत्रियों के द्वारा एक साझा बयान जारी किया गया है। इस साझा बयान को फ्रांस के विदेश मंत्री के द्वारा अपने अकाउंट पर शेयर भी कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इजरायल के खिलाफ खड़े हो रहे देश की सूची में हम दूसरे देशों को भी आमंत्रित करने वाले हैं। ऐसे में यह संभावना जताई जा रही है कि इजरायल के खिलाफ खड़े होने वाले देशों की संख्या आने वाले दिनों में और भी बढ़ सकती है।
दोनों देशों के बीच होना चाहिए टू नेशन सॉल्यूशन
फ्रांस के विदेश मंत्री के द्वारा जिस लेटर को अपने अकाउंट पर शेयर किया गया। उस अकाउंट में जानकारी देते हुए यह लिखा गया है कि हमारे द्वारा अक्टूबर 2023 में किए गए हमले की निंदा की जाती है। बंधकों को हमास के द्वारा तुरंत रिहा कर देना चाहिए जो बंधक अब तक उसकी कैद में है। हम इसराइल और फिलीस्तीन को लगातार दो नेशन सॉल्यूशन की सलाह दे रहे हैं। सभी 14 देशो के द्वारा इस पर सहमति जता दी गई है कि वेस्ट बैंक और गाजा को मिलाकर फिलिस्तीन देश की मान्यता प्रदान की जाए। आपको बता दे कि फ्रांस के द्वारा कुछ दिन पहले ही फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता देने की घोषणा की गई थी।

गाजा में पैदा हुआ मानवीय संकट
इजराइल के खिलाफ संगठित हुए देशो के द्वारा लिखे गए पत्र में बताया गया है कि गाजा में चल रहे संघर्ष के कारण फिलिस्तीन नागरिक मारे जा रहे हैं और गाजा में मानवीय संकट पैदा हो गया है। संयुक्त राष्ट्र की भूमिका इस समय काफी अहम हो गई है। लगातार हो रहे अत्याचारों के खिलाफ मानवाधिकार संस्थाओं को दखल देना आवश्यक है। हम चाहते हैं कि इजरायल के साथ दूसरे देशों के संबंध लगातार अच्छे बने रहे लेकिन इसके लिए सर्वप्रथम इसराइल को यह जंग खत्म करनी होगी। साथ ही साथ पत्र में यह भी लिखा गया है कि हमास को फिलिस्तीन की सत्ता से बाहर कर दिया जाना चाहिए। हमास को हथियारों का रास्ता छोड़कर सही रास्ते पर लौटना होगा। किसी भी समझौते पर पहुंचने से पहले इसराइल के द्वारा भी हमले को रोकना होगा। दोनों पक्षों को समझौते पर बात के जरिए समाधान ढूंढना होगा। इसराइल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष के कारण गंभीर मानवीय संकट पैदा हो गया है। यदि इसे समय रहते खत्म नहीं किया गया तो भविष्य में स्थिति बिगड़ सकती है।
फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र देश की मान्यता देगा फ्रांस
फ्रांस के द्वारा बड़ी घोषणा की गई है। फ्रांस का कहना है कि उसके द्वारा जल्द ही फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र देश की मान्यता दे दी जाएगी। फ्रांस के राष्ट्रपति के द्वारा यह ऐलान किया गया है। सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान फ्रांस के द्वारा औपचारिक रूप से फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता दी जाएगी। सोशल मीडिया पर यह जानकारी देते हुए फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा कि मिडिल ईस्ट में स्थाई शांति की तरफ कदम बढ़ाते हुए फ्रांस की तरफ से यह निर्णय लिया गया है कि फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता दी जाए। फ्रांस की प्रतिबद्धता के तहत उन्होंने यह फैसला लिया है। गाजा में लंबे समय से चल रही जंग को रोकना जरूरी हो गया है ताकि नागरिकों की जान बचाई जा सके। फ्रांस के द्वारा किए गए इस ऐलान के बाद फिलिस्तीन में बड़े स्तर पर खुशी जताई जा रही है। दूसरी तरफ इजरायल के द्वारा इस फैसले का विरोध किया जा रहा है।
इजराइल ने बताया फैसले को आतंकवाद का इनाम
फ्रांस के द्वारा फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता दिए जाने की घोषणा करने के बाद लगातार इस पर विभिन्न तरह की प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। एक तरफ फिलिस्तीन के द्वारा इसका समर्थन करते हुए खुशी जताई जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ इसराइल इसे आतंकवाद को इनाम बता रहा है। इजराइल के प्रधानमंत्री के द्वारा फ्रांस के राष्ट्रपति के बयान की कड़े शब्दों में निंदा की गई। इसराइल के प्रधानमंत्री ने कहा कि यह फैसला गाजा और ईरान के समर्थन से प्राप्त प्रोक्सी को जन्म देगा। फ्रांस के द्वारा यह कदम उठाए जाने के बाद फिलिस्तीन एक राष्ट्र की भांति कार्य करने के बजाय इसराइल को मिटाने के लिए कार्य करेगा।