Israel Hamas Conflict: गाजा में पॉपुलर फोर्सज को इजरायल का समर्थन

हमास का मुकाबला करने के लिए इजराइल ने दिया उग्रवादी संगठन को समर्थन

Israel Hamas Conflict : गाजा पट्टी में लगातार चल रही उठा पटक के बीच इजराइल ने एक बड़ा कदम उठाते हुए नए उग्रवादी संगठन को समर्थन दे दिया है। बताया जा रहा है कि इजरायल के द्वारा उठाया गया यह कदम हमास का मुकाबला करने के लिए है। पिछले दो दशक से गाजा में हमास का कब्जा है और इजरायल यह नहीं चाहता है कि हमास का गाजा पर कब्जा रहे। यही कारण है कि फिलिस्तीन मिलीशिया को इजराइल सरकार के द्वारा हथियार सप्लाई करने के आरोप  लग रहे हैं।

इजराइल के प्रधानमंत्री ने अपने कदम को बताया उचित

इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने हमास का मुकाबला करने के लिए उग्रवादी संगठन का समर्थन करने के कदम को सही बताया है। उनका कहना है कि अगर ऐसा करने से इजरायली सैनिकों की जान बचती है तो यह कदम गलत नहीं है। इसराइल के द्वारा गाजा से हमास का वर्चस्व हटाने के लिए यह जिम्मेदारी ‘पॉपुलर फोर्सज’ नामक संगठन को दी गई है। जिस संगठन को इसराइल ने सपोर्ट किया है उस संगठन का नेतृत्व अबू शबाब कर रहे हैं।

इस संगठन के नेता अपने आप को आतंकवाद को मिटाने वाला कहते हैं तो वहीं दुनिया के कई अन्य देश और संगठन इस पॉपुलर फोर्सज को अपराधी और लुटेरों का संगठन मानते हैं। जिस संगठन को इसराइल सरकार के द्वारा सपोर्ट किया गया है उसका नेता कुछ समय पहले हमास की गिरफ्त में था। जानकारी के मुताबिक अबू शबाब को हमास पुलिस ने ड्रग्स की तस्करी चोरी जैसे छोटे अपराधों में लिप्त होने के कारण गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार होने के बाद इजरायल और हमास के संघर्ष के बीच 2023 में वह जेल से फरार हो गया था।

इजराइल पर लगा था शबाब का समर्थन का

इसराइल पर इससे पहले भी उग्रवादी संगठन के नेता अबू शबाब का समर्थन करने को लेकर आरोप लगे थे। एक तरफ गाजा  में पहले ही हालत बहुत खराब है और वहां पर लोग भुखमरी का सामना कर रहे हैं ऐसे समय में अबू शबाब पर यह आरोप था कि वह उन ट्रकों को लूट लेता है जो लोगों को भोजन और मूलभूत सुविधाएं प्रदान करते हैं। इनमें भोजन के साथ-साथ मूलभूत दवा और अन्य जरूरी समान होता था।

यह दावा किया जा रहा था कि अबू शबाब यह सब इजरायल के समर्थन के बाद करता है। गाजा में हालात यह हो गए हैं कि अबू शबाब के डर से ट्रक ड्राइवर और यूनियनों ने हड़ताल कर दी है और उन्होंने कार्य करना बंद कर दिया है। अबू शबाब पर लगे इन आरोपों पर बात करने पर अबू शबाब उल्टा हमास को इस कार्य के लिए दोषी करार देता है। उसका कहना है कि असली लूटपाट तो हमास कर रहा है वह तो सिर्फ जरूरतमंद लोगों के लिए यह कार्य कर रहा है न कि अपने खुद के परिवार को पालने के लिए।

हमास का खात्मा नहीं कर पाया इजरायल

गाजा पट्टी में लंबे समय से चल रहे संघर्ष को लेकर इजराइल भी गंभीर नजर आया है। गाजा पट्टी पर फिलहाल हमास का वर्चस्व है और इसराइल को हमास का वर्चस्व पसंद नहीं है। इजरायल की तरफ से हमास को वहां से हटाने की पूरी कोशिश की गई है लेकिन इसके बावजूद इजराइल हमास को खत्म नहीं कर पाया है।

Israel Hamas Conflict: गाजा में पॉपुलर फोर्सज को इजरायल का समर्थन
Israel Hamas Conflict: गाजा में पॉपुलर फोर्सज को इजरायल का समर्थन
हमास को कमजोर करना है इजराइल की रणनीति

इजराइल सरकार किसी भी हालत मैं हमास को मजबूत होता हुआ नहीं देख सकता है। यही कारण है कि इजरायल की तरफ से यह कोशिश की जा रही है कि हमास को किसी भी तरह से कमजोर कर दिया जाए। इसराइल सरकार ने हमास से संघर्ष में जप्त किए गए हथियार और अन्य सुविधाओं को पॉपुलर फोर्सज संगठन को प्रदान करने को लेकर अनुमति प्रदान कर दी है। इजराइल सरकार के द्वारा भले ही हमास को लेकर यह योजना अच्छी लग रही हो लेकिन उसकी दूसरे देश और संगठनों के द्वारा आलोचना की जा रही है।

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असमंजस में इजराइल

गाजा में चल रहे संघर्ष और मौजूदा हालात को लेकर इजरायल की तरफ से अभी कोई साफ निर्णय नजर नहीं आ रहा है। इजराइल अभी तक यह स्पष्ट नहीं कर पाया है कि वह गाजा में किसकी सरकार चाहता है। उसके लिए एक तरफ कुआं और एक तरफ खाई जैसी कहावत चरितार्थ हो रही है क्योंकि इसराइल ने तो गाजा में पूरी तरह से सेना का शासन चाहता है और नए ही वह फिलीस्तीन को समर्थन करना चाह रहे हैं।

ऐसा इसलिए है क्योंकि यदि वह फिलीस्तीन को समर्थन करता है तो फिलीस्तीन को एक राज्य की मान्यता देनी होगी और इसराइल सरकार के कई मंत्री ऐसा नहीं होना देना चाहते हैं। दूसरी और इजराइल गाजा पर पूरी तरह से इजरायल की सेना का शासन होते हुए भी नहीं देखना चाहते हैं। इन दुविधाओं के कारण ही इजरायल के द्वारा उग्रवादी संगठन को समर्थन की नौबत आई है।इस स्थिति में आप यह देखना रोचक हो गया है कि इजरायल के द्वारा उठाए गए उग्रवादी संगठन को समर्थन का कदम इस सरकार के द्वारा कब तक जारी रखा जाता है। अगर इजराइल की सरकार यह समर्थन लंबे समय तक रखती है तो अन्य देश इजराइल के ऊपर दबाव बना सकते हैं।

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