Israel UN Boycott : संयुक्त राष्ट्र महासभा में रोचक नजारा देखने को मिला। इजरायल के प्रधानमंत्री के भाषण के शुरू होने से पहले 50 देशो के द्वारा बहिष्कार कर दिया गया। इजरायल के प्रधानमंत्री जैसे ही संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाषण देने के लिए पहुंचे तो 50 देशो के प्रतिनिधि वहां से उठकर बाहर चले गए। जिन देशों के द्वारा इजराइल के प्रधानमंत्री के भाषण का बहिष्कार किया गया। उनमें कनाडा ब्रिटेन फ्रांस आस्ट्रेलिया तथा दूसरे प्रमुख देश शामिल हैं। बताया जा रहा है कि जिन देशों के द्वारा हाल ही में फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता प्रदान की गई थी उन्हीं के द्वारा इजराइल के प्रधानमंत्री के भाषण का बहिष्कार किया गया।
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इजराइल ने किया अपने सभी दुश्मनों को खत्म
विभिन्न देशों के द्वारा इजराइल के प्रधानमंत्री के भाषण का बहिष्कार कर देने के बावजूद लगातार इजरायल के प्रधानमंत्री ने भाषण जारी रखा। इस दौरान अमेरिका और ब्रिटेन के प्रतिनिधि मौजूद रहे लेकिन बताया जा रहा है कि ब्रिटेन और अमेरिका के भी जूनियर अधिकारी ही उपस्थित थे। इस दौरान इजरायल के प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 1 साल में हालात लगातार बदले हैं। इजरायल के द्वारा अपने सभी दुश्मनों को खत्म कर दिया गया है।
ईरान बनाना चाहता है दुनिया पर दबाव
संयुक्त राष्ट्र महासभा में इजरायल के प्रधानमंत्री ने पिछले समय चले ईरान के तनाव का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि ईरान के द्वारा लगातार बैलिस्टिक मिसाइल तथा परमाणु परीक्षण किये जा रहे हैं। यह मिसाइल तथा परमाणु परीक्षण सिर्फ इसराइल को खत्म करने के लिए नहीं बल्कि दुनिया भर के देशों पर दबाव बनाने के लिए किये जा रहे हैं। उनके द्वारा अमेरिका को धमकाया जा रहा है। पिछली बार जब हमारे द्वारा संयुक्त राष्ट्र में खड़े होकर भाषण दिया जा रहा था तो ईरान अपने परमाणु तथा मिसाइल प्रोग्राम को लगातार बढ़ा रहा था और ईरान के समर्थक हिज्बुल्लाह हमास इसराइल को लगातार निशाना बना रहे थे लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है। इजराइल के द्वारा इन खतरों को हमेशा के लिए हटा दिया गया है।
लंबे समय से गाजा में इजरायल और हमास के बीच संघर्ष की स्थिति देखने को मिल रही है। इसे लेकर दुनिया के अलग-अलग देशों के द्वारा विभिन्न प्रतिक्रिया दी जा रही है। इसी बीच कनाडा ब्रिटेन जैसे देशों के द्वारा फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता देने की घोषणा करने के बाद अब फ्रांस ने भी फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता प्रदान की है। फ्रांस के साथ-साथ चार अन्य देशों ने भी फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता दी है। इजराइल और फिलीस्तीन के बीच चल रहे विवाद के समाधान को लेकर हुई बैठक में इसका ऐलान किया गया। यह बैठक संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों के बीच न्यूयार्क में आयोजित हुई। जिस बैठक में फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता देने की घोषणा की गई। इसकी अध्यक्षता सऊदी अरब तथा फ्रांस के द्वारा की गई थी। इसमें फ्रांस के राष्ट्रपति के द्वारा फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता देने की घोषणा की गई। फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे द्वारा शांति का रास्ता बनाने के लिए फिलीस्तीन को मान्यता दी गई है।

इजराइल बोला देंगे जवाब
विभिन्न देशों के द्वारा फिलीस्तीन को आजाद देश की मान्यता प्रदान करने की घोषणा करने के बाद इस पर इजरायल ने आपत्ति जताई। इजरायल के प्रधानमंत्री का कहना है कि कनाडा, आस्ट्रेलिया तथा ब्रिटेन के द्वारा उठाए जा रहा यह कदम आतंकवाद को इनाम देना जैसा है। उन्होंने बताया कि फिलिस्तीन देश जॉर्डन नदी के पश्चिम में कभी नहीं बनेगा। इसी के साथ उन्होंने फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता प्रदान करने वाले देशों को चेतावनी देते हुए कहा कि अमेरिका से लौटने के बाद इस कदम का जवाब दिया जाएगा।
1967 में इजरायल ने किया था कब्जा
फिलिस्तीन लंबे समय से अपने आप को स्वतंत्र देश के रूप में दुनिया के सामने पेश करता रहा है। अब तक दुनिया के 140 से अधिक देश फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश का दर्जा दे चुके हैं लेकिन फ्रांस के द्वारा ऐलान कर देने के बाद अब एक बड़े पश्चिमी देश के द्वारा यह मान्यता प्राप्त हो जाएगी। फिलीस्तीन को अब तक स्वतंत्र देश की मान्यता देने वाले देशों में कई यूरोपीय देश भी शामिल है। आपको बता दे की फिलिस्तीन पर 1967 के मिडिल ईस्ट युद्ध के दौरान इजरायल के द्वारा कब्जा किया गया था। फिलिस्तीन में गाजा पट्टी पूर्वी यरुशलम और वेस्ट बैंक का क्षेत्र शामिल है। गाजा में लंबे समय से इजरायल और हमास के बीच युद्ध जारी है। दोनों के बीच चल रहे इस युद्ध के कारण गाजा में हालत काफी खराब हो चुके हैं और आने वाले समय में यदि यह संघर्ष नहीं रुक तो भुखमरी की स्थिति पैदा हो सकती है।