Israel UNGA Speech : इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में शामिल होने के लिए न्यूयॉर्क पहुंचे लेकिन इसके लिए उन्होंने अलग रास्ता चुना। बताया जा रहा है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिमिनल कोर्ट के द्वारा इजराइल के प्रधानमंत्री के खिलाफ वारंट जारी हो जाने के कारण इजरायल के प्रधानमंत्री के द्वारा 600 किलोमीटर की अतिरिक्त यात्रा की गई। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उन्होंने तय रास्ते से अलग रास्ते चलते हुए यात्रा की। इजरायल के प्रधानमंत्री पांच यूरोपीय देशों के एयर स्पेस से बचते हुए न्यूयॉर्क पहुंचे। इसराइल के प्रधानमंत्री के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय क्रिमिनल कोर्ट के द्वारा 2024 में गिरफ्तारी वारंट जारी किया जा चुका है। गाजा में लंबे समय से चल रही जंग की स्थिति के बीच भुखमरी तथा जंग को बढ़ावा देने के आरोप इसराइल के प्रधानमंत्री पर लगाए गए हैं।
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बेंजामिन को सताया गिरफ्तारी का डर
अंतर्राष्ट्रीय क्रिमिनल कोर्ट के द्वारा वारंट जारी कर दिए जाने के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री को यह डर था कि जिन देशों के द्वारा आईसीसी के नियमों का पालन किया जाता है वह उन्हें रोक कर गिरफ्तार कर सकते हैं। ऐसे में फ्रांस स्पेन पुर्तगाल आयरलैंड तथा ब्रिटेन के एयर स्पेस से बचते हुए इजरायल के प्रधानमंत्री ने यह यात्रा की। हालांकि आधिकारिक रूप से इजरायल की सरकार के द्वारा इसे लेकर कोई कारण नहीं बताया गया लेकिन मीडिया के द्वारा यह दावा किया जा रहा है। इसराइल के प्रधानमंत्री को भले ही गिरफ्तार होने का डर सता रहा हो लेकिन फ्रांस के द्वारा इजराइल के प्रधानमंत्री को अपने हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी गई थी। इसके बावजूद इजरायल के प्रधानमंत्री के द्वारा फ्रांस के ऊपर से उड़ान नहीं भरी गई।
फिलीस्तीन को मान्यता देने का इजराइल ने किया विरोध
हाल ही में विभिन्न देशों के द्वारा एक के बाद एक लगातार फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता देने की घोषणा की है। इजराइल के द्वारा विभिन्न देशों के द्वारा लिए गए इस महत्वपूर्ण फैसले का विरोध किया गया है। उन्होंने कहा कि मिडिल ईस्ट में शांति लाने का कार्य गाजा युद्ध करेगा। विभिन्न पश्चिमी देशों के द्वारा फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता देने से हमास जैसे संगठनों को और मजबूती मिलेगी तथा दूसरे लोगों पर हमले बढ़ेंगे। गाजा में अभी भी हमास का खतरा है। उसे पूरी तरह खत्म करना जरूरी है। मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया जा रहा है कि इजरायल के प्रधानमंत्री का जिस समय संयुक्त राष्ट्र महासभा में संबोधन हुआ उसे समय गाजा के चारों तरफ बड़े स्पीकर लगाए गए ताकि फिलिस्तीन के नागरिकों तक उनका भाषण पहुंचा जा सके। इजरायल के प्रधानमंत्री के द्वारा इस दौरान हमास के नेताओं से हथियार डालने बंधकों को रिहा करने तथा आत्म समर्पण करने को लेकर अपील की गई।
संयुक्त राष्ट्र महासभा में रोचक नजारा देखने को मिला। इजरायल के प्रधानमंत्री के भाषण के शुरू होने से पहले 50 देशो के द्वारा बहिष्कार कर दिया गया। इजरायल के प्रधानमंत्री जैसे ही संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाषण देने के लिए पहुंचे तो 50 देशो के प्रतिनिधि वहां से उठकर बाहर चले गए। जिन देशों के द्वारा इजराइल के प्रधानमंत्री के भाषण का बहिष्कार किया गया। उनमें कनाडा ब्रिटेन फ्रांस आस्ट्रेलिया तथा दूसरे प्रमुख देश शामिल हैं। बताया जा रहा है कि जिन देशों के द्वारा हाल ही में फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता प्रदान की गई थी उन्हीं के द्वारा इजराइल के प्रधानमंत्री के भाषण का बहिष्कार किया गया।
इजराइल ने किया अपने सभी दुश्मनों को खत्म
विभिन्न देशों के द्वारा इजराइल के प्रधानमंत्री के भाषण का बहिष्कार कर देने के बावजूद लगातार इजरायल के प्रधानमंत्री ने भाषण जारी रखा। इस दौरान अमेरिका और ब्रिटेन के प्रतिनिधि मौजूद रहे लेकिन बताया जा रहा है कि ब्रिटेन और अमेरिका के भी जूनियर अधिकारी ही उपस्थित थे। इस दौरान इजरायल के प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 1 साल में हालात लगातार बदले हैं। इजरायल के द्वारा अपने सभी दुश्मनों को खत्म कर दिया गया है।

ईरान बनाना चाहता है दुनिया पर दबाव
संयुक्त राष्ट्र महासभा में इजरायल के प्रधानमंत्री ने पिछले समय चले ईरान के तनाव का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि ईरान के द्वारा लगातार बैलिस्टिक मिसाइल तथा परमाणु परीक्षण किये जा रहे हैं। यह मिसाइल तथा परमाणु परीक्षण सिर्फ इसराइल को खत्म करने के लिए नहीं बल्कि दुनिया भर के देशों पर दबाव बनाने के लिए किये जा रहे हैं। उनके द्वारा अमेरिका को धमकाया जा रहा है। पिछली बार जब हमारे द्वारा संयुक्त राष्ट्र में खड़े होकर भाषण दिया जा रहा था तो ईरान अपने परमाणु तथा मिसाइल प्रोग्राम को लगातार बढ़ा रहा था और ईरान के समर्थक हिज्बुल्लाह हमास इसराइल को लगातार निशाना बना रहे थे लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है। इजराइल के द्वारा इन खतरों को हमेशा के लिए हटा दिया गया है।
लंबे समय से गाजा में इजरायल और हमास के बीच संघर्ष की स्थिति देखने को मिल रही है। इसे लेकर दुनिया के अलग-अलग देशों के द्वारा विभिन्न प्रतिक्रिया दी जा रही है। इसी बीच कनाडा ब्रिटेन जैसे देशों के द्वारा फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता देने की घोषणा करने के बाद अब फ्रांस ने भी फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता प्रदान की है। फ्रांस के साथ-साथ चार अन्य देशों ने भी फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता दी है। इजराइल और फिलीस्तीन के बीच चल रहे विवाद के समाधान को लेकर हुई बैठक में इसका ऐलान किया गया। यह बैठक संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों के बीच न्यूयार्क में आयोजित हुई। जिस बैठक में फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता देने की घोषणा की गई। इसकी अध्यक्षता सऊदी अरब तथा फ्रांस के द्वारा की गई थी। इसमें फ्रांस के राष्ट्रपति के द्वारा फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता देने की घोषणा की गई। फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे द्वारा शांति का रास्ता बनाने के लिए फिलीस्तीन को मान्यता दी गई है।