Rahul Gandhi Allegations पर चुनाव आयोग ने शपथ पत्र मांगा, वोट चोरी के आरोपों को गुमराह करने वाला बताया, विपक्ष कर रहा प्रदर्शन।

राहुल गांधी ने की जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा देने की मांग; प्रधानमंत्री मोदी को लिखा पत्र

Jammu Kashmir Status : कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के द्वारा जम्मू कश्मीर को लेकर बड़ा बयान दिया गया है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा दिया जाना चाहिए। राहुल गांधी के द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को इसके लिए पत्र भी लिखा गया है। उन्होंने कहा कि आगामी मानसून सत्र में बिल लाया जाना चाहिए जिसमें जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा दिया जाए। आपको बता दे की संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होने वाला है।

कश्मीर में धारा 370 हटाए जाने के बाद लगातार विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साध रही है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के द्वारा दिया गया यह बयान भी उसी से जोड़कर देखा जा रहा है। जम्मू कश्मीर को लगातार पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग की जा रही है। पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने के बाद विभिन्न बदलाव हमें देखने को मिलते हैं। पुलिस पर नियंत्रण राज्य सरकार का हो सकता है। इसी के साथ कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी भी राज्य सरकार ही देखती है। पुलिस भूमि राजस्व से जुड़े मामलों पर कानून बनाने का अधिकार पूर्ण राज्य का दर्जा मिल जाने के बाद राज्य सरकार के पास ही होता है। राज्यपाल के द्वारा बार-बार दखल भी नहीं दी जाती है।

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मोदी को याद दिलाये पुराने बयान

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को लिखे गए पत्र में उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा दिए गए अपने पुराने बयान याद दिलाये। प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा 19 सितंबर 2024 को श्रीनगर में जबकि 19 में 2024 को भुवनेश्वर में आयोजित रैली में दिए गए बयान का राहुल गांधी के द्वारा जिक्र किया गया। इन दोनों रेलिया में प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा दिलाने की बात कही गई थी। इसी के साथ राहुल गांधी ने लद्दाख को भी संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की आवाज उठाई। उनका कहना है कि इसके लिए कानून लाया जाना चाहिए।

2019 में बनाया था केंद्र शासित प्रदेश

भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद 2019 में जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा खत्म कर दिया गया था और धारा 370 हटाने के बाद जम्मू कश्मीर और लद्दाख दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाए गए थे। सरकार के द्वारा केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने की घोषणा करने के साथ ही उन्होंने कहा था कि जल्द ही जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाएगा लेकिन यह अभी तक संभव नहीं हो पाया है। इसी कारण कांग्रेस सहित विपक्षी पार्टियों के द्वारा बार-बार इस मांग को उठाया जा रहा है।

पुनर्गठन अधिनियम में करना होगा बदलाव

जम्मू कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाते समय भारतीय जनता पार्टी की सरकार के द्वारा यह कहा गया था कि जल्द ही जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा दिया जाएगा लेकिन यह अभी तक संभव नहीं हो सका। केंद्र शासित प्रदेश की घोषणा करने के बाद पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए संसद में कानून पारित करने के बाद पुनर्गठन अधिनियम में बदलाव करना होगा। इसके बाद ही जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाएगा। पुनर्गठन अधिनियम में होने वाले बदलाव संविधान की धारा 3 और 4 के तहत किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त लोकसभा और राज्यसभा में भी राज्य का दर्जा देने के लिए जरूरी नए कानूनी बदलावों का अनुमोदन होगा। संसद के द्वारा प्रस्ताव मिल जाने के बाद इसे मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। राष्ट्रपति की मंजूरी मिल जाने के बाद ही जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिल पाएगा।

Jammu Kashmir Status को लेकर राहुल गांधी ने पीएम मोदी को पत्र लिखा। मानसून सत्र में पूर्ण राज्य का दर्जा देने वाला बिल लाने की मांग की।
Jammu Kashmir Status को लेकर राहुल गांधी ने पीएम मोदी को पत्र लिखा। मानसून सत्र में पूर्ण राज्य का दर्जा देने वाला बिल लाने की मांग की।
राज्य का दर्जा मिलने पर होंगे कई बदलाव

जम्मू कश्मीर को लगातार पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग की जा रही है। पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने के बाद विभिन्न बदलाव हमें देखने को मिलते हैं। पुलिस पर नियंत्रण राज्य सरकार का हो सकता है। इसी के साथ कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी भी राज्य सरकार ही देखती है। पुलिस भूमि राजस्व से जुड़े मामलों पर कानून बनाने का अधिकार पूर्ण राज्य का दर्जा मिल जाने के बाद राज्य सरकार के पास ही होता है। राज्यपाल के द्वारा बार-बार दखल भी नहीं दी जाती है।

दूसरी तरफ आर्थिक मदद के लिए केंद्र सरकार पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है। इसी के साथ किसी भी बिल को पेश करने के लिए राज्यपाल की मंजूरी की आवश्यकता नहीं होती है। यह बार-बार देखा जाता है कि केंद्र शासित प्रदेशों में राज्यपाल के द्वारा सरकार के कार्यों में दखल दिया जाता रहा है। इसके अतिरिक्त और भी विभिन्न फायदे पूर्ण राज्य का दर्जा प्राप्त होने पर उस संबंधित राज्य को मिलते हैं। यही कारण है कि जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग विपक्षी पार्टियों के साथ-साथ जम्मू कश्मीर के लोगों के द्वारा भी की जा रही है।

 

वर्तमान में नेशनल कांफ्रेंस चला रही जम्मू में सरकार

धारा 317 हट जाने के बाद पहली बार हुए जम्मू कश्मीर के चुनाव 2024 में संपन्न हुए थे। 2024 में हुए विधानसभा चुनाव में नेशनल कांग्रेस पार्टी के द्वारा सबसे अच्छा प्रदर्शन किया गया था। नैशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी को 2024 के विधानसभा चुनाव में कुल 42 सीट मिली थी। उन्होंने अपनी सहयोगी पार्टी के साथ सरकार बनाई थी। लंबे समय से जम्मू कश्मीर में खराब प्रदर्शन से जूझ रही भारतीय जनता पार्टी को भी 29 सीट जम्मू कश्मीर में मिली थी जबकि 2014 की विधानसभा चुनाव में सरकार बनाने वाली महबूबा मुफ्ती की पार्टी को सिर्फ तीन ही सीट मिल पाई थी।

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