Japan Political Crisis : जापान की राजधानी में वर्तमान में हलचल दिख रही है। जापान के ऊपरी सदन में प्रधानमंत्री की पार्टी ने बहुमत खो दिया है। ऐसे में जापान के प्रधानमंत्री इसके बाद जल्द ही इस्तीफा दे सकते हैं। उनके ऊपर इस्तीफे का दबाव बन गया है। 1955 के बाद पहली बार यह देखने को मिल रहा है जब दोनों सदनों में सत्ताधारी पार्टी का बहुमत नहीं है। जापान में सत्ताधारी दल लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी और उसके सहयोगी दल के द्वारा ऊपरी सदन में बहुमत खो दिया गया है।
हालांकि अभी तक मिली खबर के अनुसार जापान के प्रधानमंत्री ने अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे। जापान की संसद के उच्च सदन में कुल 248 सीट मौजूद है जिनमें से लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के गठबंधन के पास 75 सीट मौजूद थी। ऐसे में सत्ताधारी दल को बहुमत बनाए रखने के लिए चुनाव में कम से कम 50 सीटों की आवश्यकता थी लेकिन उन्हें इस चुनाव में 47 सीट ही मिल पाई। लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी को अकेले 39 सीट मिली है जबकि और सीट उनके सहयोगी दलों को प्राप्त हुई है। एक सीट का नतीजा आना अभी भी शेष है।
अमेरिका की चेतावनी के बाद यूक्रेन से शांति वार्ता पर तैयार हुए पुतिन
डोनाल्ड ट्रंप ने इजराइल के प्रधानमंत्री के व्यवहार को बताया पागल के समान
लगातार बढ़ रही भारतीय टीम में चोटिल खिलाड़ियों की संख्या; अब नीतीश कुमार रेड्डी हुए चोटिल
प्रधानमंत्री मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर को बताया कामयाब; संसद सत्र में हो सकता है हंगामा
निचले सदन में भी गँवा चुके बहुमत
जापान के प्रधानमंत्री की पार्टी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी और उनका गठबंधन इससे पहले निचले सदन में भी अपने बहुमत को गँवा चुका है। ऐसे में जापान के प्रधानमंत्री की राजनीतिक तौर पर यह दूसरी असफलता है। अक्टूबर में निचले सदन का चुनाव हार जाने के बाद अब उच्च सदन में भी बहुमत से दूर हो गए हैं। लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी की स्थापना के बाद यह पहला मौका है जब यह पार्टी सदन के दोनों स्तर पर बहुमत से दूर रही हो।
पद से इस्तीफा नहीं देंगे प्रधानमंत्री
जापान के दोनों सदनों में बहुमत गंवा देने के बावजूद जापान के प्रधानमंत्री फिलहाल इस्तीफा नहीं देंगे। वह यह स्पष्ट कर चुके हैं कि फिलहाल वह जापान के प्रधानमंत्री पद को संभालते रहेंगे। ऐसा पहली बार होगा जब दोनों सदन में बहुमत खो देने के बावजूद प्रधानमंत्री इस्तीफा नहीं देंगे। इस से पहले तीन प्रधानमंत्री के द्वारा उच्च सदन में बहुमत खो देने के बाद 2 महीने के भीतर इस्तीफा दे दिया गया था। ऐसे में लगातार वर्तमान प्रधानमंत्री पर भी इस्तीफा का दबाव बढ़ रहा है। लगातार वह देश के लिए काम करते रहेंगे और अमेरिका के द्वारा लगाए गए टैरिफ जैसे मुद्दों को जल्द से जल्द सुलझाने की कोशिश करेंगे। बताया जा रहा है कि अमेरिका के द्वारा बड़ी मात्रा में जापान के ऊपर लगाए गए टैरिफ के कारण जापान में महंगाई बढ़ गई है। इस कारण लोगों में लगातार टैरिफ को लेकर चिंता है। सत्ता रूड गठबंधन के खिलाफ देखी गई नाराजगी अब चुनाव में भी स्पष्ट नजर आ रही है।

अल्पमत के बावजूद बने रहेंगे प्रधानमंत्री
जापान के मौजूदा प्रधानमंत्री इसीबा बहुमत नहीं होने के बावजूद जापान के प्रधानमंत्री बने रहेंगे। 2024 में हुए चुनाव में जापान में लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी और उसके सहयोगी दलों को 215 सीट प्राप्त हुई थी। कुल 465 सीटों वाले चुनाव में बहुमत के लिए 233 सीट की आवश्यकता थी। इसके बावजूद लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी और उसके सहयोगी दल ने मिलकर सरकार बनाई थी क्योंकि कोई भी दूसरा गठबंधन सरकार बनाने की स्थिति तक नहीं पहुंच सका था। विपक्षी पार्टियों के द्वारा बंटे होने के कारण उसका फायदा जापान के मौजूदा प्रधानमंत्री की पार्टी को मिला। विपक्ष एक समय नो कॉन्फिडेंस मोशन भी लाना चाहता था लेकिन जापान के प्रधानमंत्री के द्वारा यह धमकी दी गई थी कि वह संसद को भंग करके दोबारा चुनाव कराएँगे। इसके बाद विपक्ष पीछे हट गया था। बहुमत नहीं होने के बावजूद सरकार चला रहे जापान के प्रधानमंत्री के द्वारा विभिन्न बिल पास करने के लिए छोटे दलों का समर्थन लिया जाता है। ऐसे कई मौके देखने को मिले हैं जब छोटे दलों के समर्थन से उनके द्वारा बिल पास कराये गए।
एक सीट से 14 सीट पर पहुंची दक्षिणपंथी पार्टी
जापान में हुए चुनाव में वर्तमान सत्ताधारी दल को नुकसान उठाना पड़ा है लेकिन यहां पर चौंकाने वाले नतीजे भी देखने को मिले हैं। जिस पार्टी के द्वारा चुनाव से पहले सिर्फ एक सीट प्राप्त की गई थी वह अब 14 सीट पर पहुंच चुकी है। इस पार्टी की शुरुआत 2020 में हुई थी। लंबे समय से लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी का पारंपरिक वोट बैंक अब धीरे-धीरे कम होता जा रहा है। चीन और अन्य मुद्दों को लेकर लगातार वर्तमान प्रधानमंत्री की साख कम होती जा रही है। यही कारण है कि लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी को मिलने वाले वोट अब दूसरी पार्टी को मिलने लगे हैं। इसी कारण वह एक सीट से बढ़कर 14 सीट तक पहुंची है।
ज्यादा वोटिंग का फायदा विपक्ष को
जापान में इस बार हुए चुनाव में वोटिंग परसेंटेज काफी ज्यादा देखने को मिला। पिछले चुनाव की तुलना में इस बार 6% ज्यादा वोटिंग हुई। ऐसे में ज्यादा वोटिंग का फायदा सीधे तौर पर विपक्षी दलों को होता हुआ दिखाई दिया। इस बार हुई वोटिंग में कुल 58% लोगों ने अपने वोट का प्रयोग किया। सत्ताधारी दल के खिलाफ ज्यादा कल्याणकारी योजनाएं चलाने, टैक्स कम करने, महंगाई तथा दूसरे मुद्दों को लेकर लहर देखने को मिली। सरकार की नीतियों से नाराज होकर लोगों के द्वारा विपक्ष को समर्थन दिया गया।