Johnny Lever Birthday : कॉमेडी के जादूगर हंसी के बादशाह जॉनी लीवर का आज जन्मदिन है। अपनी कॉमेडी से लोगों के चेहरे पर हंसी लाने वाले जॉनी लीवर हिंदी सिनेमा में सबसे प्रसिद्ध कॉमेडियन में शामिल किए जाते हैं। अब तक सिनेमा जगत में कार्य करते हुए उनके द्वारा 350 से ज्यादा हिंदी फिल्मों में कार्य किया जा चुका है। जॉनी लीवर के पिता एक कंपनी में ऑपरेटर का कार्य करते थे। उनका जन्म एक तेलुगु क्रिश्चियन परिवार में हुआ था। जॉनी लीवर दो भाई और तीन बहनों के साथ परिवार में शामिल थे। जॉनी लीवर के छोटे भाई भी कॉमेडी का कार्य करते हैं। जॉनी लीवर का जीवन बड़े संघर्षों से भरा रहा है। मुंबई की तंग गलियों में उनका बचपन गुजरा। आर्थिक तंगी के कारण जॉनी लीवर अपनी पढ़ाई को जारी नहीं रख पाए थे। इसी कारण कम उम्र में उन्हें मेहनत के कार्य करने पड़े। जॉनी लीवर ने आर्थिक तंगी के कारण शराब के अड्डे पर भी कार्य किया। इसके अतिरिक्त ट्रेन में सेंटर बेचने और सड़क पर पेन बेचने का कार्य भी जॉनी लीवर के द्वारा किया गया।
पिता के व्यवहार से आत्महत्या का आया विचार
जॉनी लीवर के पिता के द्वारा शराब का सेवन किया जाता था। उनकी इस आदत के कारण पूरा परिवार परेशान रहता था। बचपन में अपने पिता की मारपीट तथा शराब सेवन से परेशान होकर उन्होंने आत्महत्या का कदम उठाने का साहस किया। जॉनी लीवर की समय 13 साल के थे तो वह आत्महत्या करने के लिए रेलवे ट्रैक पर पहुंच गए थे। इसी समय उनके मन में बहनों का विचार आ गया। बहनों के जीवन के बारे में सोचते हुए जॉनी लीवर ने ट्रैक से हटने का निर्णय लिया था। उन्होंने यह बात एक इंटरव्यू में बताई थी। जॉनी लीवर का कहना है कि उनके पिता शराब पीते थे और लगातार गलत कार्यों में शामिल रहते थे। कई बार मेरे द्वारा उनके हथियार भी फेंक दिए गए थे। जिस क्षेत्र में जॉनी लीवर का बचपन गुजरा था वहां पर हत्या जैसी घटनाएं काफी सामान्य थी। जॉनी लीवर का कहना है की मात्र 7 साल की उम्र में उन्होंने एक व्यक्ति की लाश देखी थी।
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12 साल की उम्र में करने लगे मिमिक्री
जॉनी लीवर बचपन से ही कॉमेडी तथा मिमिक्री में रुचि रखते थे। उनके द्वारा 12 साल की उम्र में स्टेज डांस तथा मिमिक्री करने का कार्य शुरू किया गया। शुरुआत में उनके द्वारा किशोर कुमार मोहम्मद और जॉनी वॉकर की नकल की जाती थी। आर्थिक तंगी के कारण उन्होंने पेन बेचने का कार्य भी किया था लेकिन पेन बेचते समय वह लोगों को खूब मनोरंजन प्रदान करते थे। पेन बेचते समय उनके द्वारा दिए गए डायलॉग बड़े फेमस हुए थे। पेन बेचते समय वह कहते थे ‘बेटा पैसे नहीं है तो पिताजी की जेब से निकाले बॉल पेन खरीदो यह बड़े आदमी बनोगे’। जॉनी लीवर के द्वारा 18 साल की उम्र में एक लिमिटेड कंपनी में कार्य करना शुरू किया गया। जिस समय वह लिमिटेड कंपनी में कार्य करते थे तो उनकी तनख्वाह ₹600 थी। उन्होंने इस कंपनी में लगभग 6 साल तक कार्य किया।

मौका मिलने पर बन गए कॉमेडी किंग
जॉनी लीवर ने 1981 में कंपनी को छोड़ दी थी और वह स्टेज शो पर अपना ध्यान लगाने लगे। जॉनी लीवर के द्वारा अमिताभ बच्चन के साथ वर्ल्ड टूर भी किया गया। सुनील दत्त के द्वारा जॉनी लीवर की प्रतिभा को पहचान लिया गया और उन्होंने अपनी फिल्म में उन्हें काम सौंपा। जॉनी लीवर के द्वारा जारी की गई एक ऑडियो कैसेट से उनको प्रसिद्धि मिली। इसके बाद वह लगातार कॉमेडी के क्षेत्र में आगे बढ़ते रहे। आगे चलकर वह सिनेमा जगत में कॉमेडी किंग के तौर पर प्रसिद्ध हुए। जॉनी लीवर के द्वारा बनाई गई फिल्मों में खतरनाक तेजाब किशन कन्हैया बाजीगर खट्टा मीठा आवारा पागल दीवाना फिर हेरा फेरी राजा हिंदुस्तानी करण अर्जुन जैसी फिल्में शामिल है।
फिल्मों में कार्य करते हुए जॉनी लीवर को बाजीगर फिल्म से बड़ी पहचान मिली थी। जॉनी लीवर ने सुजाता लीवर से 1984 में शादी रचाई। जॉनी लीवर और सुजाता लीवर के वर्तमान में दो बच्चे भी हैं। जॉनी लीवर के बेटे के गले में ट्यूमर हो गया था जिसके बाद जॉनी लीवर की जिंदगी बड़े स्तर पर प्रभावित हुई। लंबे इलाज के बाद भी जॉनी लीवर के बेटे को ट्यूमर में राहत नहीं मिल पा रही थी। बाद में अमेरिका में एक पादरी से हुई मुलाकात ने जॉनी लीवर के बेटे के ट्यूमर का इलाज करने में सहायता की। जॉनी लीवर पहले शराब के आदि थे लेकिन बेटे को ट्यूमर होने के बाद उनकी जिंदगी काफी परिवर्तित नजर आई। उन्होंने शराब जैसी सभी आदतों को छोड़ते हुए नई जिंदगी की शुरुआत की। कॉमेडी की दुनिया में कदम रखने के बाद जॉनी लीवर की सिनेमा जगत में छवि इस कदर बन गई थी कि 1990 से 2000 के दशक के बीच किसी भी हिंदी फिल्म को जॉनी लीवर के बिना पूर्ण नहीं माना जाता था लेकिन समय ने धीरे-धीरे करवट ली और एक समय ऐसा आया जब जॉनी लीवर को अपना घर बेचने पर विचार करना पड़ा।