Kazakhstan Hijab Ban : लंबे समय से दुनिया के विभिन्न देशों में हिजाब तथा बुर्के को लेकर विवाद उठाता रहा है। स्कूल तथा अन्य शिक्षण संस्थानों में हिजाब तथा बुर्के को विभिन्न देशों के द्वारा पहले ही प्रतिबंधित किया जा चुका है। हाल ही में कजाकिस्तान ने अपने सार्वजनिक स्थानों पर किसी भी ऐसे कपड़ो को पहनने पर रोक जारी की है। जिससे चेहरा ढका जा सके। कजाकिस्तान के द्वारा जारी किए गए इस आदेश को भी बुर्के और हिजाब से जोड़कर देखा जा रहा है।
पहचान छुपाने वाले कपड़े स्वीकार नहीं -कजाकिस्तान
कजाकिस्तान के राष्ट्रपति के द्वारा एक कानून पास किया गया है जिसके तहत अब किसी भी सार्वजनिक जगह पर पहचान को छुपाया नहीं जा सकेगा। किसी भी ऐसे कपड़े का उपयोग अब किसी व्यक्ति के द्वारा नहीं किया जाएगा जिससे उसकी पहचान छुपती हो। कजाकिस्तान के राष्ट्रपति ने इस मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि चेहरे को काले कपड़ों से छिपाने के बजाय राष्ट्रीय कपड़े पहनना हमारी संस्कृति के लिए अच्छा है। हमारी संस्कृति के द्वारा इन कपड़ो को लगातार बढ़ावा देना चाहिए। सोमवार को कजाकिस्तान के राष्ट्रपति के द्वारा इससे संबंधित कानून पर हस्ताक्षर कर दिए गए हैं।
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विशेष परिस्थितियों में रहेगी छूट
कजाकिस्तान के द्वारा सार्वजनिक जगह पर चेहरा छुपाने वाले कपड़ों पर रोक तो लगा दी गई है लेकिन साथ ही साथ इसमें कुछ छूट भी दी गई है। कजाकिस्तान के द्वारा पास किए गए कानून के मुताबिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों में चेहरा छुपाने की अनुमति होगी जबकि किसी बीमारी, खेल या खराब मौसम में भी नागरिकों को ऐसे कपड़े उपयोग करने पर किसी तरह की रोक नहीं लगाई जाएगी। इससे स्पष्ट है कि कजाकिस्तान के द्वारा चेहरे छुपाने वाले कपड़े पहनने पर रोक तो लगाई गई है लेकिन विशेष परिस्थितियों के लिए छूट भी सरकार की तरफ से जारी की गई है।
स्कूलों में हिजाब पैर रोक लगा चुका कजाकिस्तान
सार्वजनिक जगह पर चेहरा छुपाने वाले कपड़े पहनने पर रोक लगाने वाला कजाकिस्तान इससे पहले शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनने पर भी रोक लगा चुका है। कजाकिस्तान सरकार के द्वारा स्कूलों में हिजाब पहनने पर रोक लगाने का निर्णय 2023 में लिया गया था। सरकार का कहना था कि हिजाब पहनने की इजाजत स्कूल यूनिफार्म के नियमों का उल्लंघन है। इसलिए किसी भी शिक्षण संस्था में हिजाब पहनने की अनुमति नहीं होगी। सरकार के द्वारा लिए गए इस फैसले पर काफी विवाद हुआ था। आपको बता दें कि कजाकिस्तान सरकार के द्वारा स्कूलों में हिजाब पहनने पर रोक लगाने के बाद इस फैसले का विरोध करते हुए लगभग 150 लड़कियों ने स्कूल जाना छोड़ दिया था।
कजाकिस्तान की 70% आबादी इस्लामिक
अधिकतर बुर्के तथा हिजाब को इस्लामी समुदाय के द्वारा उपयोग में लिया जाता है। कजाकिस्तान में भी इस्लाम समुदाय को मानने वाले लोग अधिक संख्या में पाए जाते हैं। कजाकिस्तान में रह रहे नागरिकों की बात की जाए तो लगभग 70% लोग इस्लाम धर्म को अपनाते हैं जबकि अन्य दूसरे धर्म कजाकिस्तान में काफी कम मात्रा में पाए जाते हैं। इस्लाम धर्म के बाद कजाकिस्तान में दूसरा सबसे बड़ा धर्म ईसाई धर्म है। ऐसे में कजाकिस्तान सरकार के द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर चेहरा न ढकने का कानून पास करने का सबसे बड़ा असर इस्लाम धर्म के लोगों पर ही पड़ता हुआ दिखाई दे रहा है।

पर्दे या घुंघट के लिए उपयोग होता है हिजाब
इस्लाम धर्म के अधिकतर लोगों के द्वारा हिजाब का उपयोग किया जाता है जिसमें महिलाओं के द्वारा इसका उपयोग सर्वाधिक होता है। हिजाब अरबी भाषा का एक शब्द है जिसका अर्थ महिलाओं के द्वारा पर्दे किए जाने वाले कपड़े से लगाया जाता है। हिजाब को सामान्यतः घूंघट या परदे से जोड़कर देखा जाता है। हिजाब का इतिहास काफी लंबा रहा है। मेसोपोटामिया तथा दूसरी सभ्यताओं में भी महिलाओं के द्वारा इसे अपनाया गया था। हालांकि दसियो और वेश्याओं के द्वारा घूंघट करने की मना होती थी लेकिन ढाई हजार पहले की मूर्तियों में भी हिजाब की झलक देखने को मिलती है।
कई देश कर चुके हिजाब बैन
कजाकिस्तान के द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर चेहरा न ढकने का कानून पास करने से पहले दुनिया के कई देश इस दिशा में कदम बढ़ा चुके हैं। हिजाब बैन करने वाले देश में दुनिया के प्रमुख देश भी शामिल हैं। जिनमें फ्रांस चीन रूस कनाडा डेनमार्क नीदरलैंड बेल्जियम स्विट्जरलैंड बुल्गारिया अफ्रीका जर्मनी इटली नॉर्वे जैसे देश शामिल हैं। ऐसे में यह स्पष्ट है कि चेहरा ढकने के कपड़े पहनने पर सिर्फ कजाकिस्तान के द्वारा ही रोक नहीं लगाई गई है बल्कि इससे पहले दुनिया के कई देश इसे गलत मानते हुए पाबंदी लगा चुके हैं।
फ्रांस जैसे बड़े देश में सार्वजनिक स्थान तथा स्कूलों में हिजाब पहनने पर 2004 में पाबंदी लगा दी गई थी। फ्रांस में इस नियम का उल्लंघन करने पर 13000 रुपए के जमाने का प्रावधान है। रूस के द्वारा भी 2012 में स्कूलों में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। अफ्रीका में विभिन्न आत्मघाती हमले में बुर्का पहनने वाली महिलाओं का नाम सामने आने के बाद 2015 में इसे बैन कर दिया गया था। जर्मनी में ड्राइविंग के दौरान महिलाओं के चेहरे देखने वाले कपड़े पहनने पर पाबंदी लगाई गई है।