Manipur Violence : लंबे समय से अशांति का सामना कर रहे मणिपुर राज्य में एक बार फिर हिंसा फैल गई है। मैंतेई संगठन के एक नेता को गिरफ्तार कर लेने के बाद यह हिंसा भड़की है। बताया जा रहा है कि सीबीआई ने मैतई संगठन के नेता को गिरफ्तार किया। अपने नेता की गिरफ्तारी होते ही समर्थकों ने हिंसक रूप धारण कर लिया।
जिस नेता को सीबीआई के द्वारा गिरफ्तार किया गया है उस पर आरोप है कि 2023 में उसने हिंसा को भड़काने में अहम भूमिका निभाई थी। शनिवार देर रात भड़की हिंसा मणिपुर की राजधानी इंफाल के साथ-साथ कई अलग-अलग स्थान पर भी देखी गई है। कई जगह लोगों ने सड़क रास्ते जाम कर दी तथा टायर व अन्य वस्तुएं जलाकर प्रदर्शन किया है।
सरकार हुई सतर्क
- मणिपुर में एक बार फिर हिंसा भड़क जाने के बाद सरकार की तरफ से सुरक्षा व्यवस्था मजबूत कर दी गई है। पुलिस कर्मियों ने राजभवन की सुरक्षा को लेकर घेराबंदी तेज कर दी है तथा राज भवन की तरफ जाने वाली सड़कों पर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करते हुए निगरानी करना शुरू कर दिया है। स्थानीय पुलिस के साथ-साथ मणिपुर में हिंसा से निपटने के लिए केंद्रीय रिजर्व बालों की भी तैनाती कर दी गई है।
- राज भवन के आसपास पुलिस तैनात है ताकि किसी भी स्थिति से निपटा जा सके। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पुलिस विभाग की तरफ से अलर्ट जारी किया गया है जो भी अशांति पैदा करने की कोशिश करेगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
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प्रदर्शनकारी हुए हिंसकर
- सीबीआई के द्वारा एक नेता की गिरफ्तारी के बाद भड़की हिंसा ने और भी उग्र रूप धारण कर लिया है। बताया जा रहा है कि कुछ प्रदर्शन कारियो ने अपने खुद के ऊपर पेट्रोल डीजल छिड़क कर आग लगाने की कोशिश की है तथा सड़कों पर टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन किए हैं। विरोध प्रदर्शन को देखते हुए सरकार की तरफ से कई जिलों में इंटरनेट सेवा को अस्थाई रूप से बंद कर दिया गया है।
- कुछ स्थानों पर सरकार की तरफ से कर्फ्यू की भी घोषणा की गई है। सरकार किसी भी तरह की कोताही न बरतते हुए हिंसा को रोकने की पूरी कोशिश करती हुई नजर आ रही है। खबर यह भी है कि हिंसक हुई भीड़ ने एयरपोर्ट का घेराव करने की भी कोशिश की है। मणिपुर में जारी हिंसा में कई लोगों के घायल होने की खबर सामने आ रही है।
2023 से चल रहा है दो समुदायों में संघर्ष
मणिपुर में चल रही हिंसा की शुरुआत 3 में 2023 से हुई है। मणिपुर में लंबे समय से दो समुदायों के बीच तना तनी जारी है जो हिंसा का प्रमुख कारण माना जाता है। मणिपुर राज्य में कुकी और मैतई समुदाय के बीच जो संघर्ष 2023 से शुरू हुआ था वह रुक-रुक कर अभी तक भी जारी है। दोनों समुदायों के बीच हुए हिंसक आंदोलन में सैकड़ो से भी ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है तो वहीं हजारों की संख्या में लोग विस्थापित हो चुके हैं। लंबे समय से चली आ रही हिंसा के कारण मणिपुर में माहौल भययुक्त हो गया है।
एसटी दर्जे की मांग को लेकर शुरू हुआ था विवाद
- मणिपुर में दोनों समुदायों की बीच विवाद की जड़ आरक्षण को माना जाता है। लंबे समय से मैतई समुदाय यह मांग करता रहा है कि उन्हें भी ST में शामिल करते हुए आरक्षण का लाभ दिया जाए। उनका मानना है कि इस समुदाय को पहले जनजाति का दर्जा प्राप्त था लेकिन बाद में उसे हटा दिया गया अब यह समुदाय पुनः जनजाति का दर्जा प्राप्त करने के लिए संघर्षरत है। दूसरी ओर नागा व कुकी समुदाय के लोगों का कहना है कि इस समुदाय के लोगों को पहले ही विधानसभा में एक तरफा प्रतिनिधित्व प्राप्त है।
Manipur violence : मणिपुर में मैतेई नेता की गिरफ्तारी के बाद राजधानी इंफाल समेत कई जिलों में हिंसा भड़की, इंटरनेट बंद, कर्फ्यू लागू। - मणिपुर में कुल 60 विधानसभा सीटों में से 40 विधानसभा सीटों पर मैतई समुदाय के विधायक हैं। अगर इस समुदाय को जनजाति का दर्जा दे दिया जाता है तो दूसरे समुदायों को मिलने वाले अधिकारों का बंटवारा हो जाएगा। मणिपुर में लंबे समय से एक दूसरे के खिलाफ हिंसा कर रहे दोनों समुदाय ही प्रमुख रूप से पाए जाते हैं। मणिपुर में प्रमुखता तीन ही समुदाय पाए जाते हैं जिनमें नागा, कुकी और मैतई है।
मणिपुर में चल रहा राष्ट्रपति शासन
- लंबे समय से हिंसा से जूझ रहे मणिपुर में 13 फरवरी से लगातार राष्ट्रपति शासन लागू किया हुआ है। मणिपुर विधानसभा में कुल 60 विधानसभा सीट हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि मणिपुर में 15 जून तक सरकार का गठन कर दिया जाएगा। मणिपुर में भले ही राष्ट्रपति शासन लागू हो लेकिन रोचक बात यह है कि मणिपुर की विधानसभा अभी तक भंग नहीं की गई है। ऐसे में एक बार फिर हिंसा भड़क जाने पर यह जानना रोचक होगा कि कब तक मणिपुर में नई सरकार बन पाएगी।
- मणिपुर में हुई हिंसा को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर लगातार विपक्षी पार्टी निशाना साधती आ रही है। विपक्षी पार्टियों का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार मणिपुर में जारी हिंसा को रोकने में नाकाम रही है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मणिपुर के हिंसा ग्रस्त इलाकों का दौरा कर इस मुद्दे को और तूल दे दिया था।
- लगातार जारी हिंसा को देखते हुए ही केंद्र सरकार के द्वारा मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था। 2023 से जारी जातीय संघर्ष अभी भी रुकने का नाम नहीं ले रहा है। आरक्षण को लेकर शुरू हुई जातीय संघर्ष में सैकड़ो लोगों की जान जा चुकी है तो वही हजारों की संख्या में लोग अपने घरों से विस्थापित हो चुके हैं।