Modi Foreign Visit : भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर विदेशी दौरे पर जाने के लिए तैयार हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह विदेशी यात्रा 2 जुलाई से शुरू होगी। 2 जुलाई से 10 जुलाई तक प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा अपनी विदेश यात्रा के दौरान कुल पांच देशों का दौरा किया जाएगा। अपनी विदेश यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी पहली बार भी कई देशों का दौरा करते हुए नजर आएंगे। अपनी विदेश यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ब्रिक्स सम्मेलन में भी हिस्सा लेंगे। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2 जुलाई से 10 जुलाई तक होने वाली पांच देशों की विदेशी यात्रा को रणनीतिक और कूटनीतिक तौर पर अहम माना जा रहा है।
भारत इन देशों के साथ तकनीकी, राजनीतिक और आर्थिक रिश्तों को मजबूत करना चाहता है। ग्लोबल साउथ नीति के तहत कार्य करते हुए भारत लगातार लैटिन अमेरिकी देश और अफ्रीकी देशों के साथ सहयोग बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। विदेश मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक विभिन्न देशों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के साथ-साथ भारत और अफ्रीका के रिश्तों को और मजबूत बनाने की दिशा में इस यात्रा की अहम भूमिका रहेगी।
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घाना से होगी विदेश यात्रा की शुरुआत
2 जुलाई से शुरू होने वाली भारतीय प्रधानमंत्री मोदी की विदेशी यात्रा की शुरुआत घाना से होगी। प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा नामीबिया, घाना त्रि निनाद और टोबेगो देश की पहली बार यात्रा की जाएगी। सर्वप्रथम घाना पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री मोदी त्रिनिदाद और टोबेगो फिर अर्जेंटीना और ब्राजील पहुंचेंगे। ब्राजील में ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद प्रधानमंत्री मोदी विदेशी यात्रा के तहत नामीबिया पहुंचेंगे।
भारत करेगा वैक्सीन हब बनाने में मदद
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा अपनी विदेश यात्रा की शुरुआत घाना से की जाएगी। बताया जा रहा है कि भारत के द्वारा घाना में वैक्सीन हब बनाने में सहायता की जाएगी। जिससे कि घाना का स्वास्थ्य ढांचा मजबूत हो सके। वर्तमान समय में घाना लगातार आर्थिक संकट से गुजर रहा है। आईएमएफ की शर्तों का पालन करते हुए वह लगातार इस संकट में सुधार लाने की कोशिश कर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी अपनी घाना यात्रा के दौरान भारतीय मूल के लोगों को भी संबोधित करेंगे। दोनों देशों के बीच लगभग 24000 करोड रुपए का व्यापार होता है भारत के द्वारा भी बड़े स्तर पर घाना में निवेश किया गया है।
पहली बार त्रिनिनाद और नामीबिया पहुंचेंगे मोदी
विदेश यात्रा के तहत तक घाना पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा त्रि निनाद और टोबेगो पहुंच जायेंगे। प्रधानमंत्री मोदी कि इस देश में यह पहली यात्रा होगी। इससे पहले 1999 में भारतीय प्रधानमंत्री के द्वारा त्रि निनाद की यात्रा की गई थी। मोदी अपनी यात्रा के दौरान द्वीपक्षीय मुलाकात करेंगे। इसके बाद भारतीय प्रधानमंत्री ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल होने के लिए ब्राज़ील पहुंचेंगे। अपनी ब्राज़ील यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ब्राजील के राष्ट्रपति से भी मुलाकात करेंगे।

5 से 8 जुलाई तक ब्रिक्स सम्मेलन में रहेंगे मोदी
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी यात्रा के दौरान 5 जुलाई से 8 जुलाई तक ब्राजील में रहेंगे। ब्राजील में ब्रिक्स सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। ऐसे में भारतीय प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि ब्रिक्स देश के द्वारा आपसी सहयोग को बढ़ाने और अन्य दूसरे मुद्दों पर चर्चा होगी। ऐसे में विकासशील देशों की इस मुलाकात पर सभी की निगाह टिकी हुई है।
नामीबिया से होगी दौरे की समाप्ति
प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा सबसे अंत में नामीबिया जाया जाएगा। नामीबिया प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा का अंतिम चरण होगा। 27 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री के द्वारा नामीबिया का दौरा किया जा रहा है। अपनी नामीबिया यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी वहां के प्रधानमंत्री से भी मुलाकात करेंगे। बताया जा रहा है कि मोदी नामीबिया की संसद को भी संबोधित कर सकते हैं। दोनों देशों के बीच यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस को लागू करने की दिशा में महत्वपूर्ण चर्चा होगी। खनिजों की दृष्टि से समृद्ध नामीबिया के दौरे पर मोदी के द्वारा भारत से संबंध मजबूत बनाने की कोशिश की जाएगी। दोनों देशों के बीच निवेश तथा खनिजों के व्यापार को लेकर चर्चा होने की संभावना जताई जा रही है।
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2 जुलाई से 10 जुलाई तक होने वाली पांच देशों की विदेशी यात्रा को रणनीतिक और कूटनीतिक तौर पर अहम माना जा रहा है। भारत इन देशों के साथ तकनीकी, राजनीतिक और आर्थिक रिश्तों को मजबूत करना चाहता है। ग्लोबल साउथ नीति के तहत कार्य करते हुए भारत लगातार लैटिन अमेरिकी देश और अफ्रीकी देशों के साथ सहयोग बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। विदेश मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक विभिन्न देशों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के साथ-साथ भारत और अफ्रीका के रिश्तों को और मजबूत बनाने की दिशा में इस यात्रा की अहम भूमिका रहेगी।