Modi Foreign Visit: भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चार दिन की विदेश यात्रा के लिए रवाना हो गए हैं| भारतीय प्रधानमंत्री अपनी विदेश यात्रा के दौरान तीन देशों का दौरा करेंगे| अपनी विदेश यात्रा के दौरान नरेंद्र मोदी कनाडा, क्रोशिया और साइप्रस का दौरा करेंगे| अपनी विदेश यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विभिन्न देशों के भारत के साथ संबंधों को और मजबूत बनाने की कोशिश करेंगे| इस दौरान विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की जाएगी|

साइप्रस से करेंगे विदेशी दौरे की शुरुआत
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने विदेशी दौरे की शुरुआत साइप्रस से करेंगे| विदेश मंत्रालय के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 और 16 जून को साइप्रस के दौरे पर रहेंगे| साइप्रस दौर खत्म होने के बाद प्रधानमंत्री कनाडा के लिए रवाना हो जाएंगे और 16 और 17 जून को मोदी कनाडा में रहेंगे| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस दौरान कनाडा में होने वाले जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे|
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भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कुछ दिन पहले ही जी7 शिखर सम्मेलन को लेकर निमंत्रण प्राप्त हुआ था| साइप्रस और कनाडा का दौरा करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्रोएशिआ जाएंगे| नरेंद्र मोदी 18 जून को क्रोएशिया पहुंचेंगे जहां से 19 जून को भारतीय प्रधानमंत्री वापस स्वदेश लौट आएंगे।
साइप्रस जाने वाली पहली प्रधानमंत्री थी इंदिरा गांधी
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साइप्रस के लिए रवाना हो गए हैं| साइप्रस देश में जाने वाले नरेंद्र मोदी भारत के तीसरे प्रधानमंत्री होंगे उनसे पहले इंदिरा गांधी और अटल बिहारी वाजपेई ने साइप्रस का दौरा किया था| साइप्रस दौरे पर सबसे पहले भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी गई थी| उन्होंने 1983 में यह दौरा किया था इसके बाद अटल बिहारी वाजपेई ने भारतीय प्रधानमंत्री के तौर पर 2002 में साइप्रस द्वारा किया था|
भारत और साइप्रस की कूटनीतिक संबंध हमेशा से प्रगाढ़ रहे हैं लेकिन दोनों देशों के बीच प्रधानमंत्री स्तर के दौरे बहुत कम देखने को मिलते हैं| भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 2022 में जब की राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 2018 में साइप्रस का दौरा किया था| भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने साइप्रस दौरे के दौरान वहां के राष्ट्रपति से मुलाकात करते हुए विभिन्न उद्योगपतियों को भी संबोधित करेंगे|
साइप्रस दौरे के पीछे भारत की कूटनीति
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का साइप्रस दौरा एक रणनीति कूटनीति के तहत माना जा रहा है| दोनों देशों के बीच विभिन्न मुद्दों पर बातचीत के अलावा इस मुलाकात के अन्य मायने भी निकाले जा रहे हैं| तुर्कीए और साइप्रस के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है| हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष में तुर्कीए की तरफ से पाकिस्तान को समर्थन किया गया था| तुर्कीए के द्वारा पाकिस्तान को हथियार तथा अन्य उपकरण भी उपलब्ध कराए गए थे|
अब भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने साइप्रस दौरे के दौरान तुर्कीए को भी सबक सिखाने की कोशिश करेंगे| साइप्रस लंबे समय से भारत के सहयोगी के रूप में कार्य करता रहा है| लेबनान युद्ध के दौरान वहां पर फंसे भारतीयों को निकालने में साइप्रस की भूमिका अहम रही थी| लंबे समय से भारत और पाकिस्तान के बीच चले आ रहे कश्मीर मुद्दे पर भी साइप्रस ने हमेशा भारत का साथ दिया है|
आगामी 2026 में यूरोपियन यूनियन की परिषद की अध्यक्षता साइप्रस के द्वारा की जाने वाली है| भारत के समर्थन में वहां पर भी यह मुद्दा उठा सकता है और पाकिस्तान से आने वाले आतंकियों को लेकर पाकिस्तान की हकीकत उजागर कर सकता है| इसके अतिरिक्त साइप्रस भारत की अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी में सदस्यता, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्यता और न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप में सदस्यता को लेकर लंबे समय से समर्थन करता हुआ नजर आया है।
कनाडा के प्रधानमंत्री के बुलावे पर सम्मेलन में शामिल होंगे मोदी
साइप्रस के दौरे के बाद भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कनाडा पहुंचेंगे| कनाडा में भारतीय प्रधानमंत्री जी7 शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे| जी7 शिखर सम्मेलन को लेकर पहले भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निमंत्रण नहीं भेजे जाने की चर्चा थी लेकिन कनाडा के प्रधानमंत्री के द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित करने के बाद भारतीय प्रधानमंत्री जी सेवन शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। G7 शिखर सम्मेलन विभिन्न देशों का एकसमूह है| इस समूह में कुल सात विकसित देश शामिल हैं जिनमें अमेरिका कनाडा ब्रिटेन फ्रांस इटली जर्मनी और जापान शामिल हैं।
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी सेवन शिखर सम्मेलन में लगातार छठी बार शामिल होने जा रहे हैं| इससे पहले भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2019 के सम्मेलन में पहली बार शामिल हुए थे| इसके बाद मोदी 2021 से लगातार जी7 सम्मेलन में शामिल हो रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पहले भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी सेवन शिखर सम्मेलन में पांच बार शामिल हुए थे| भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ब्रिटेन में हुए 2005 के सम्मेलन में शामिल हुए थे।