Modi Maldives Visit : समय कब करवट ले इसे कोई नहीं जानता। कुछ समय पहले मालदीव के राष्ट्रपति के द्वारा इंडिया के साथ संबंध तनावपूर्ण होने पर इंडिया आउट का नारा दिया गया था। लगातार मालदीव का झुकाव चीन की तरफ देखा जा रहा था लेकिन अब मालदीव के राष्ट्रपति के सुर बदल गए हैं। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में मालदीव का दौरा किया। इसके बाद मालदीव के राष्ट्रपति ने भारत और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मालदीव दौरे से मालदीव को पर्यटन में बड़ा लाभ मिलेगा। भारत मालदीव के उन सहयोगी देशों में शामिल रहा है जो लगातार मालदीव में पर्यटन को बढ़ाने में मदद करते रहे हैं। इसके साथ ही मालदीव के राष्ट्रपति के द्वारा फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर भी उम्मीद जताई गई। भारत और मालदीव के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर बातचीत शुरू हो गई है और आने वाले समय में इसे लेकर जल्द निर्णय हो सकता है। मालदीव के राष्ट्रपति के द्वारा भारत और मालदीव दोनों को एक दूसरे के लिए सहयोगी करार दिया गया।
जल्द भारत आ सकते हैं मालदीव के राष्ट्रपति
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मालदीव यात्रा पर जाने के बाद मालदीव के राष्ट्रपति इससे खुश बताये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत और मालदीव आगे भी एक दूसरे के सहयोगी बने रहेंगे। नरेंद्र मोदी की इस यात्रा के बाद मालदीव में पर्यटन को काफी बढ़ावा मिलने वाला है। दोनों देशों के नागरिकों में संबंध मजबूत होगा। मालदीव के राष्ट्रपति से जब भारत की यात्रा को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि वह इसे लेकर जल्द ही योजना बना सकते हैं। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इससे पहले शनिवार को मालदीव के स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे। दोनों देशों के बीच विभिन्न संबंधों को लेकर इस दौरान चर्चा हुई।
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मोदी की यात्रा से कम होगा चीन का प्रभाव
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मालदीव यात्रा से कई प्रभाव सामने नजर आ रहे हैं। भारत और मालदीव के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर बातचीत शुरू हो गई है। संभावना जताई जा रही है कि आने वाले समय में दोनों देशों के बीच इसे लेकर समझौता हो सकता है। लंबे समय से मालदीव का झुकाव चीन की तरफ बढ़ रहा था जबकि मालदीव के राष्ट्रपति के द्वारा इंडिया आउट कैंपेन चलाया गया था। भारतीय प्रधानमंत्री की यात्रा के बाद मालदीव के राष्ट्रपति प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा करते हुए नजर आए। भारत के द्वारा मालदीव को बड़ी मात्रा में कर्ज देने की भी घोषणा की गई है। प्रधानमंत्री मोदी ने मालदीव दौरे पर भारत को सबसे भरोसेमंद मित्र करार दिया था।
दोनों देशों के बीच हुए आठ समझौते
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मालदीव यात्रा के दौरान उनकी मुलाकात मालदीव के राष्ट्रपति से हुई। इस दौरान भारत और मालदीव के बीच आठ समझौते हुए। दोनों देशों के द्वारा इस पर सहमति जताई गई है जिसमें यूपीआई, डिजिटल परिवर्तन, वाटर, कृषि, मत्स्य पालन, फ्री ट्रेड एग्रीमेंट आदि शामिल है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति के द्वारा मालदीव के नए रक्षा मंत्रालय के भवन का भी उद्घाटन किया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने मालदीव में एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत पौधारोपण भी किया। दोनों देशों के संबंधों को 60 वर्ष पूरे हो जाने के उपलक्ष में मालदीव के द्वारा एक डाक टिकट जारी किया गया है। भारत की तरफ से मालदीव को घायल लोगों के इलाज करने के लिए भीष्म क्यूब सेट गिफ्ट किए हैं।

भारत के लिए दोस्ती पहले -मोदी
भारत और मालदीव के संबंधों को 60 वर्ष पूरे हो जाने के मौके पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत लगातार अपने पड़ोसी देशों के साथ दोस्त के जैसा व्यवहार करता रहा है। भारत के लिए दोस्ती हमेशा सबसे पहले आती है जिसमें मालदीव भारत का सबसे करीबी पड़ोसी देश है। भारत नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी के तहत कार्य करते हुए आगे बढ़ रहा है। महासागर विज़न में मालदीव की एक महत्वपूर्ण भूमिका है। भारतीय प्रधानमंत्री के द्वारा मालदीव का सबसे भरोसेमंद दोस्त होने का दावा किया गया। उन्होंने कहा कि चाहे महामारी हो या संकट भारत हमेशा मालदीव के लिए सहयोगी के रूप में कार्य करता रहा है। कोरोना के बाद अर्थव्यवस्था को संभालना या आवश्यक वस्तुओं को उपलब्ध कराना इन सभी कार्यों में भारत के द्वारा मालदीव के साथ मिलकर कार्य किया गया है।
भारत और मालदीव के रिश्ते काफी मजबूत हैं। दोनों देशों के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर जल्द ही कार्य शुरू होने की उम्मीद है। दूसरी तरफ मालदीव के राष्ट्रपति के द्वारा भी इस दौरान भारत की प्रशंसा की गई। उन्होंने ग्रेटर हिमालय कनेक्टिविटी को भारत और मालदीव की दोस्ती का प्रतीक करार दिया। मालदीव की तरफ से भारत को नेशनल डिफेंस फोर्स के लिए 72 गाड़ी दी गई। मालदीव के राष्ट्रपति ने आश्वाशन दिया कि भारत को कॉप 33 की मेजबानी के लिए पूरा समर्थन मालदीव की तरफ से किया जाएगा। साथ ही साथ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए दोनों देशों के नेताओं के बीच महत्वपूर्ण चर्चा हुई।
मोदी की यात्रा से होंगे कई उद्देश्य प्रभावित
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कि इस मालदीव यात्रा से विभिन्न प्रभाव देखने को मिलेंगे। दोनों देशों के बीच 2022-23 में संबंध तनावपूर्ण हो गए थे। ऐसे में भारतीय प्रधानमंत्री की इस यात्रा से दोनों देशों के संबंध मजबूत होने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे। मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र में भारत का महत्वपूर्ण पड़ोसी देश है। ऐसे में समुद्री सुरक्षा और स्थिरता को लेकर भी मजबूती मिलेगी। लंबे समय से आर्थिक संकट से गुजर रहे मालदीव को भारत के द्वारा समर्थन किया जा रहा है। लगातार मालदीव के साथ चीन की नजदीकी बढ़ने के कारण भारत के प्रधानमंत्री का दौरा चीन के प्रभाव को खत्म करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। भारत लगातार चीन के प्रभाव को कम करने की रणनीति पर कार्य कर रहा है। भारत और मालदीव के पर्यटकों के द्वारा लगातार एक दूसरे देश का भ्रमण किया जाता है। ऐसे में दोनों देशों के पर्यटन और सांस्कृतिक संबंधों को इस दौरे से मजबूती मिलेगी।