Myanmar Tariff Trump : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप वर्तमान में दुनिया के विभिन्न देशों पर बड़ी मात्रा में टैरिफ लगाने की घोषणा कर रहे हैं। एक के बाद एक लगातार ट्रंप के द्वारा लगातार टैरिफ को लेकर घोषणा की जा रही है। दुनिया के विभिन्न देश ट्रंप के द्वारा लगातार लगाए जा रहे टैरिफ से नाखुश है लेकिन एक देश ऐसा भी है जिसके ऊपर अमेरिका के द्वारा बड़ी मात्रा में टैरिफ लगाने की घोषणा की गई है इसके बावजूद उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस कदम की तारीफ की है। म्यांमार के ऊपर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 40% टैरिफ लगाने की घोषणा की है। इसके बावजूद वह देश ट्रंप के इस फैसले का स्वागत करता हुआ दिखाई दे रहा है।
म्यांमार ने की ट्रंप की लीडरशिप की प्रशंसा
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा म्यांमार पर 40% टैरिफ लगाने की घोषणा करने के बाद म्यांमार के सेना प्रमुख के द्वारा ट्रंप को इस टैरिफ के लेटर का जवाब भेजा गया। उन्होंने इस लेटर में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की लीडरशिप की खुले मन से प्रशंसा की है। म्यांमार के द्वारा भेजे गए लेटर में सैन्य सरकार का भी जिक्र किया गया है। म्यांमार में सेना के द्वारा तख्ता पलट करके सत्ता प्राप्त की गई थी। यही कारण है कि अमेरिका के द्वारा बड़ी मात्रा में टैरिफ लगाने के बावजूद अमेरिका की प्रशंसा की जा रही है। म्यांमार की सेना के प्रमुख के द्वारा यह भी आरोप लगाया गया है कि जिस तरह अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव 2020 में गड़बड़ी हुई थी ठीक उसी तरह म्यांमार के चुनाव में भी धोखाधड़ी सामने आई है। अमेरिका के द्वारा म्यांमार पर टैरिफ लगाने को म्यांमार अपनी सैन्य सरकार को मान्यता देने के तौर पर देख रहा है।
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ट्रंप से की प्रतिबंध हटाने की अपील
दुनिया के दूसरे देश अमेरिका के द्वारा टैरिफ लगाने का विरोध कर रहे हैं जबकि म्यांमार के सेना प्रमुख इसे एक अवसर के तौर पर देख रहे हैं। उन्होंने ट्रंप की तारीफ करते हुए अमेरिका से सहयोग की अपील की है। म्यांमार के सेना प्रमुख के द्वारा लिखे गए लेटर में उन्होंने म्यांमार पर लगे प्रतिबंधों को हटाने की अपील की है। उनका कहना है कि या तो प्रतिबंध पूर्ण रूप से हटा दिया जाए या फिर इन्हें कम कर दिया जाए क्योंकि अमेरिका और म्यांमार के हितों पर इस से प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने यह भी अपील की अमेरिका को म्यांमार पर 10 से 20% तक का ही टैरिफ लगाना चाहिए था।
म्यांमार लगातार अमेरिका के साथ जुड़ा हुआ रहना चाहता है लेकिन यदि जरूरत पड़ी तो अमेरिका से बातचीत के लिए म्यांमार के द्वारा प्रतिनिधिमंडल भेजा जाएगा। म्यांमार के सेना प्रमुख के द्वारा अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तारीफ में लिखा गया कि उनके द्वारा मीडिया संस्थानों को की जा रही फंडिंग पर रोक लगाने का कार्य बहुत अच्छा है। यह मीडिया संस्थान लगातार संघर्षों को बढ़ावा देने का कार्य करते थे। अमेरिका के द्वारा कुछ समय पहले ही रेडियो फ्री एशिया और वॉइस ऑफ अमेरिका को मिलने वाली सहायता बंद कर दी थी जिसके बाद उनके प्रसारण भी बंद हो गए थे।
2021 में सेना कर चुकी सत्ता पर कब्जा
म्यांमार में 2021 से पहले आंग सान सू की सरकार थी लेकिन 2021 में सेना के द्वारा सरकार से विद्रोह करके तख्ता पलट कर दिया गया। 1 फरवरी 2021 को म्यांमार में तख्ता पलट किया गया था। इसके बाद में म्यांमार में गृह युद्ध की स्थिति पैदा हो गई थी। अमेरिका के द्वारा म्यांमार के विभिन्न सैन्य अधिकारियों पर पाबंदी लगा दी गई थी। लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को सेना के द्वारा 2021 में हटाकर सत्ता प्राप्त की गई थी। जिसके बाद अमेरिका तथा दूसरे देशों के द्वारा इस सरकार को मान्यता प्रदान नहीं की गई थी। रूस और चीन जैसे देश लगातार म्यांमार की सैन्य सरकार को मदद करते हुए दिखाई दे रहे हैं जबकि ब्रिटेन अमेरिका और यूरोपियन यूनियन जैसी ताकतों ने अभी भी म्यांमार पर विभिन्न तरह के प्रतिबंध लगा रखे हैं। संयुक्त राष्ट्र के द्वारा भी इसे गलत माना गया था।

तख्तापलट के बाद जारी है म्यांमार में गृह युद्ध
म्यांमार में सेना के द्वारा निर्वाचित सरकार को हटा देने के बाद से लगातार गृह युद्ध जारी है। 1 फरवरी 2021 के बाद म्यांमार में स्थिति बिगड़ी हुई है। सेना के द्वारा निर्वाचित सरकार को उखाड़ फेंकने के बाद सरकार के नेताओं को भी सेना के द्वारा हिरासत में लिया गया था। इसका विरोध म्यांमार में व्यापक रूप से दिखाई दे रहा है। विभिन्न संगठनों के द्वारा लगातार सेना के द्वारा किए जा रहे कार्यों का विरोध किया जा रहा है जबकि दुनिया के विभिन्न देश भी इसे गलत ठहरा चुके हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा म्यांमार पर टैरिफ लगाने की घोषणा को म्यांमार की सेना अवसर के तौर पर देख रही है। उनका कहना है कि यदि अमेरिका के द्वारा म्यांमार पर टैरिफ लगाने की घोषणा की गई है तो फिर उसे एक स्वतंत्र राष्ट्र की मान्यता भी प्राप्त हो सकती है। अमेरिका के द्वारा अभी तक सैन्य सरकार को मान्यता प्रदान नहीं की गई थी। यही कारण है कि अमेरिका के द्वारा बड़ी मात्रा में टैरिफ लगाने के बावजूद म्यांमार के सेना प्रमुख के द्वारा अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की प्रशंसा की जा रही है।
सेना कर रही म्यांमार में अत्याचार
जनवरी 2021 में तख्तापलट हो जाने के बाद सेना के द्वारा म्यांमार में ज्यादती की खबर सामने आ रही है। सेना पर आरोप है कि उसके द्वारा हवाई हमले तथा गाँवो को जलाया जा रहा है। गृह युद्ध की स्थिति पैदा हो जाने के बाद म्यांमार में स्थिति बिगड़ी हुई है। भुखमरी और गरीबी लगातार म्यांमार में बढ़ती जा रही है जबकि मानवीय संकट भी लगातार म्यांमार के सामने गहराता हुआ जा रहा है। इस ग्रह युद्ध में अब तक 75000 से भी अधिक लोगों के मारे जाने की खबर है। दूसरी तरफ 3 मिलियन से भी अधिक लोग इस गृह युद्ध के कारण अपने मूल निवास से विस्थापित हो चुके हैं।