Nepal political crisis : नेपाल में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगा दिए जाने के बाद युवाओं के द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन के कारण सरकार बदल चुकी है। नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली अपने पद से इस्तीफा देने के साथ सरकार भी गवा चुके हैं। विरोध प्रदर्शन के लंबे समय बाद नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री को सार्वजनिक कार्यक्रम में पहली बार देखा गया। लगभग 18 दिन बाद केपी शर्मा ओली एक छात्र संगठन के कार्यक्रम में दिखाई दिए। इस दौरान उन्होंने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि वह किसी भी सूरत में नेपाल छोड़कर नहीं जाएंगे। देश को तमाशे वाली सरकार के हवाले नहीं किया जा सकता।
सेना ने स्थाई आवास में किया था शिफ्ट
नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को विरोध प्रदर्शन के बीच इस्तीफा देना पड़ा था। 9 सितंबर को उन्होंने युवाओं के विरोध प्रदर्शन के बीच इस्तीफा दिया था। देश भर में उग्र रूप से हो रही हिंसा के बीच नेपाल की सेना के द्वारा नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री का रेस्क्यू किया गया था। उन्हें हेलीकॉप्टर के माध्यम से अस्थाई आवास में शिफ्ट किया गया था। लंबे समय बाद एक बार फिर सामने आए नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा है कि मौजूदा सरकार तमाशा वाली सरकार है। यह सरकार जनता की इच्छा से नहीं बनी है बल्कि तोड़फोड़ और हिंसा के सहारे इस सरकार का गठन किया गया है। उन्होंने एक बार फिर दावा किया कि नेपाल की सरकार को गोली चलाने का आदेश उनके द्वारा नहीं दिया गया था।
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ओली का आरोप- सरकार नहीं दे रही सुरक्षा
नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री ने सामने आने के बाद नेपाल की अंतिम सरकार को लेकर शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने कहा कि उनके स्थाई घर का पता लग जाने के बाद उनको लगातार जान से मारने की धमकी मिल रही है। इसके बावजूद सरकार के द्वारा सुरक्षा उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। लगातार हमले की योजना बनाई जा रही है। आखिर सरकार के द्वारा किस बात का इंतजार किया जा रहा है। उन्होंने नेपाल में नई सरकार के ऊपर यह भी आरोप लगाए कि उन पर मुकदमा चलाने, उनकी सुविधा छीनने तथा पासपोर्ट रोकने को लेकर भी कार्य किया जा रहा है।
नेपाल में विरोध प्रदर्शन के बाद सरकार गिर जाने से अब अंतरिम सरकार के द्वारा कार्य किया जा रहा है। नेपाल की प्रधानमंत्री सुशिला कार्की के द्वारा कैबिनेट में चार मंत्रियों को शामिल किए जाने को लेकर राष्ट्रपति से सिफारिश की गई थी जिसके बाद नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल के द्वारा चार नए मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। नए कैबिनेट मंत्रियों की शपथ का समारोह राष्ट्रपति निवास पर आयोजित किया गया। इस तरह अब कुल मिलाकर नेपाल की कैबिनेट में प्रधानमंत्री सहित 8 सदस्य हो गए हैं। नेपाल में युवाओं के द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन के बाद सुशिला को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाया गया था। नेपाल के प्रधानमंत्री बनने के साथ-साथ उन्होंने 5 मार्च 2026 को चुनाव कराने की जिम्मेदारी भी सौंप दी गई है।
नए मंत्रियों को किया विभागों का बंटवारा
नेपाल की कैबिनेट में शामिल किए गए चार नए मंत्रियों को उनका मंत्रालय भी वितरित कर दिया गया है। कैबिनेट में शामिल किए गए मंत्री अलग-अलग क्षेत्र से जुड़े हुए लोग हैं। पूर्व जस्टिस अनिल कुमार सिंह को उद्योग मंत्रालय विधि एवं भूमि प्रबंधन और सहकारिता मंत्रालय दिया गया है जबकि महावीर को शिक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई है। मदन परिहार को कृषि मंत्रालय जबकि जगदीश को संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय आवंटित किया गया है।
नेपाल में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगा दिए जाने के बाद युवाओं के द्वारा किए गए प्रदर्शन के कारण नेपाल की सरकार गिर चुकी है। नेपाल में वर्तमान में अंतरिम सरकार कार्य कर रही है। युवाओं की उग्र भीड़ के द्वारा सरकारी आवास के साथ-साथ राजनेताओं को निशाना बनाने की कोशिश की गई थी। इसके बाद अब नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली को गिरफ्तार करने की मांग की जा रही है। युवाओं के द्वारा यह आरोप लगाया जा रहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री के आदेश के कारण विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों पर गोलीबारी चलाई गई थी जिसमें कई लोगों की मौत हो गई थी। नेपाल में आठ और 9 सितंबर को हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन में 70 से भी अधिक लोगों की मौत हुई थी जिसमें कई पुलिसकर्मी भी शामिल थे। सोशल मीडिया पर प्रतिबंध तथा भ्रष्टाचार के कारण युवाओं की भीड़ भड़क गई थी।

पूर्व प्रधानमंत्री ने दी सफाई
नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने के आदेश को लेकर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी करने का आदेश उनका नहीं था। पुलिस के पास ऐसे हथियार नहीं थे जिन हथियारों से प्रदर्शनकारियों पर गोली चली थी। पूर्व प्रधानमंत्री ने इस मामले की स्वतंत्र जाँच की भी मांग की है। नेपाल में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन होने के बाद 9 सितंबर को पूर्व प्रधानमंत्री के द्वारा इस्तीफा दे दिया गया था। अब युवाओं की मांग है कि 1990 से बड़े पदों पर रहे नेता और सरकारी अधिकारियों की संपत्ति की जांच के लिए एक स्वतंत्र आयोग का गठन किया जाना चाहिए।
हिंसा और बर्बरता की घटनाओं की होगी जांच
नेपाल में बड़े स्तर पर हुई हिंसा की जांच की जाएगी। इसके लिए एक उच्च स्तरीय आयोग का गठन कर दिया गया है। अंतरिम सरकार के द्वारा नेपाल में हुए हिंसा प्रदर्शन के दौरान बर्बरता आगजनि तथा हत्या जैसे मामलों की जांच करने के लिए इस आयोग का गठन किया गया है। सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगा देने के बाद नेपाल में पैदा हुई हिंसा के कारण नेपाल को नुकसान उठाना पड़ा है। उग्र भीड़ ने सरकारी आवास के साथ-साथ विभिन्न सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जिसमें विभिन्न नागरिकों की भी मौत हो गई थी। उग्र भीड़ द्वारा वर्तमान सरकार में महत्वपूर्ण पदों पर मौजूद राजनेताओं के साथ-साथ पूर्व सरकार के नेताओं को भी निशाना बनाया गया था। युवाओं के द्वारा किए गए प्रदर्शन के कारण नेपाल में तख्ता पलट हो गया था जिसके बाद अब नेपाल में अंतरिम सरकार के द्वारा कार्य किया जा रहा है।