Nepal Political Crisis : विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगा देने के बाद नेपाल में भड़की हिंसा के बाद नेपाल में सरकार का तख्तापलट हो चुका है। नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री के पी ओली ने नेपाल में हुई हिंसा को लेकर भारत को जिम्मेदार ठहराया है। हालांकि उनके द्वारा सीधे तौर पर भारत का नाम नहीं लिया गया लेकिन उन्होंने कहा कि भगवान राम को लेकर दिए गए बयान पर यदि वह बदल जाते तो मुझे और भी अधिक समय तक देश की राजनीति करने में मौका मिलता। इससे पहले उन्होंने कहा था कि भगवान राम का जन्म नेपाल में हुआ था तथा लिपुलेख काला पानी को लेकर उन्होंने नेपाल का होने का दावा किया था। नेपाल में हिंसा भड़क जाने के बाद नेपाल के प्रधानमंत्री समेत सरकार में कार्य कर रहे दूसरे मंत्रियों के द्वारा इस्तीफा दिया जा चुका है। नेपाल सरकार के द्वारा 4 सितंबर को विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर रोक लगाई गई थी। इसके खिलाफ युवा वर्ग के द्वारा प्रदर्शन करते हुए सरकार को गिरा दिया गया है।
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नेपाल की जेलों से फरार हुए कैदी
नेपाल में चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच प्रदर्शनकारियों के द्वारा लगातार सरकारी भवनों को निशाना बनाया जा रहा है। नेपाल की विभिन्न जेलों को प्रदर्शनकारियों के द्वारा तोड़ दिया गया है जिसके बाद जेल में बंद कैदी जेल से फरार हो गए हैं। नेपाल की एक जेल में आग लगा देने के बाद अब प्रदर्शनकारियों को दूसरे जेल में शिफ्ट करने की संभावना जताई जा रही है। बताया जा रहा है कि नेपाल में 13500 से अधिक कैदी जेलों से फरार हो चुके हैं। जेल तोड़ने की कोशिश के दौरान सेना के द्वारा की गई फायरिंग में एक कैदी की मौत भी हो गई। नेपाल की सरकार के द्वारा नेपाल में कर्फ्यू को लगातार बढ़ाया जा रहा है।
नई सरकार को लेकर नेपाल में मतभेद
नेपाल में विरोध प्रदर्शन के बीच सरकार के गिर जाने के बाद अब नई सरकार को लेकर चर्चा शुरू हो गई है लेकिन नेपाल में लीडरशिप को लेकर तनाव बना हुआ है। सेना के द्वारा प्रदर्शनकारियों से लगातार अपील की जा रही है लेकिन प्रदर्शनकारियो की तरफ से अलग-अलग नाम सामने आ रहे हैं जिसके बाद सेना के द्वारा लीडरशिप पर सहमति बनाने की बात कही गई है। सुशीला कार्की को नेपाल का अंतरिम प्रधानमंत्री बनाने का भीड़ के द्वारा विरोध किया गया। जिसके बाद सेना के द्वारा सभी पक्षों से नाम देने पर चर्चा की गई। इसी बीच राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के अध्यक्ष ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह नेपाल में नई सरकार बनाने की कोई कोशिश नहीं करेंगे। उन्होंने कहा मैं न तो लीडरशिप के दौड़ में हूं और न हीं सरकार बनाने की बैठक में मेरे द्वारा हिस्सा लिया जाएगा। नेपाल में चल रहे विवाद में मुझे घसीटने की कोशिश की जा रही है।
नेपाल की सरकार के द्वारा सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर प्रतिबंध लगा देने के बाद युवा वर्ग के द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। युवा वर्ग के द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन के कारण नेपाल में सरकार गिर चुकी है। नेपाल के प्रधानमंत्री तथा गृहमंत्री समेत सभी महत्वपूर्ण नेताओं के द्वारा अपने पद से इस्तीफा दिया जा चुका है। इसके बाद संभावना जताई जा रही है कि नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री के तौर पर सुशीला कार्की को नियुक्त किया जाएगा। उनके नाम पर लगभग सहमति बना ली गई है। विभिन्न महत्वपूर्ण नेताओं से चर्चा करने के बाद यह निर्णय लिया गया है काठमांडू के मेयर वाले शाह के द्वारा भी सुशीला के नाम पर सहमति जाता दी गई है। सुशीला कार्की लंबे समय से नेपाल की राजनीति में सक्रिय है। नेपाल की पहली महिला चीफ जस्टिस के तौर पर भी सुशीला को जाना जाता है।
भीड़ ने राजनेताओं को बनाया निशाना
नेपाल में चल रही हिंसा में भीड़ के द्वारा राजनेताओं तथा उनके परिवार को निशाना बनाया जा रहा है। इन सब प्रदर्शन के कारण नेपाल में हालात बेकाबू है। सेना के द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में लगातार प्रदर्शन को शांत करने की कोशिश की जा रही है। उग्र भीड़ के द्वारा नेपाल के राष्ट्रपति आवास प्रधानमंत्री आवास तथा संसद में भी आग लगा दी गई। पूर्व प्रधानमंत्री की पत्नी को भी भीड़ के द्वारा आग के हवाले कर दिया गया जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गई। घायल अवस्था में उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया लेकिन वहां पर उनकी मौत हो गई। नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर को भीड़ के द्वारा उनके घर में ही घेर लिया गया जिसके बाद उनकी पिटाई भीड़ के द्वारा कर दी गई। नेपाल सरकार में वित्त मंत्री विष्णु को भी भीड़ के द्वारा दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया। एक वीडियो सोशल मीडिया पर लगातार वायरल हो रहा है जिसमें वित्त मंत्री को भीड़ पीटते हुए दिखाई दे रही है। नेपाल के प्रधानमंत्री के द्वारा इस्तीफा देने के बाद उन्हें सेना के द्वारा सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है।

राजनेताओं के परिवार को मिल रही सुविधा से भड़के युवा
नेपाल की सरकार के द्वारा सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगा देने के साथ-साथ इस उग्र प्रदर्शन के कुछ और भी कारण सामने आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि ताकतवर लोगों के बच्चे अर्थात राजनेताओं के परिवार की जिंदगी का तरीका देखकर युवाओं में खासा आक्रोश था। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विभिन्न तस्वीर और वीडियो वायरल हो रही है जिनमें राजनेता और उनके परिवार के लोग ब्रांडेड कपड़े महंगी कार तथा दूसरे मामले में आम नेपाली नागरिकों से आगे दिखाई दे रहे हैं। इस कारण नेपाल के युवाओं में असंतोष बढ़ गया और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन उग्र कर दिया।
26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लगाया था प्रतिबंध
नेपाल सरकार के द्वारा 3 सितंबर को सोशल मीडिया को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया था। इसके माध्यम से फेसबुक इंस्टाग्राम यूट्यूब समेत कई दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को नेपाल में बैन कर दिया गया था। नेपाल सरकार का यह तर्क था कि इन प्लेटफार्म के द्वारा संचार और सूचना प्रौद्योगिकी नेपाल मंत्रालय में रजिस्ट्रेशन नहीं कराया गया है। इसके लिए सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के द्वारा 28 अगस्त को एक आदेश जारी किया गया था जिसमें रजिस्ट्रेशन जारी करने के लिए 7 दिन की समय सीमा दी गई थी। नेपाल सरकार के द्वारा दी गई समय सीमा 2 सितंबर को समाप्त होने के बाद नेपाल सरकार के द्वारा 3 सितंबर को प्रतिबंध लगाए गए थे। सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिए गए निर्देश के बाद नेपाल की सरकार इन कंपनियों पर शिकंजा कसने की कोशिश कर रही थी। सरकार का मानना है कि इन प्लेटफार्म के जरिए साइबर क्राइम गलत सूचना तथा हैट स्पीच जैसे मामले बढ़ रहे हैं। नेपाल में पूर्णतया सोशल मीडिया पर प्रतिबंध नहीं था। केवल उन्हीं कंपनियों को प्रतिबंधित किया गया था जिनके द्वारा नेपाल के मंत्रालय में रजिस्ट्रेशन नहीं कराया गया था। कुछ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जिनके द्वारा नेपाल के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में रजिस्ट्रेशन कर दिया गया था उन पर सरकार ने प्रतिबंध नहीं लगाया था।