Nepal Social Media : नेपाल की सरकार के द्वारा सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर प्रतिबंध लगा देने के बाद युवा वर्ग के द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। युवा वर्ग के द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन के कारण नेपाल में सरकार गिर चुकी है। नेपाल के प्रधानमंत्री तथा गृहमंत्री समेत सभी महत्वपूर्ण नेताओं के द्वारा अपने पद से इस्तीफा दिया जा चुका है। इसके बाद संभावना जताई जा रही है कि नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री के तौर पर सुशीला कार्की को नियुक्त किया जाएगा। उनके नाम पर लगभग सहमति बना ली गई है। विभिन्न महत्वपूर्ण नेताओं से चर्चा करने के बाद यह निर्णय लिया गया है काठमांडू के मेयर वाले शाह के द्वारा भी सुशीला के नाम पर सहमति जाता दी गई है। सुशीला कार्की लंबे समय से नेपाल की राजनीति में सक्रिय है। नेपाल की पहली महिला चीफ जस्टिस के तौर पर भी सुशीला को जाना जाता है।
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भीड़ ने राजनेताओं को बनाया निशाना
नेपाल में चल रही हिंसा में भीड़ के द्वारा राजनेताओं तथा उनके परिवार को निशाना बनाया जा रहा है। इन सब प्रदर्शन के कारण नेपाल में हालात बेकाबू है। सेना के द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में लगातार प्रदर्शन को शांत करने की कोशिश की जा रही है। उग्र भीड़ के द्वारा नेपाल के राष्ट्रपति आवास प्रधानमंत्री आवास तथा संसद में भी आग लगा दी गई। पूर्व प्रधानमंत्री की पत्नी को भी भीड़ के द्वारा आग के हवाले कर दिया गया जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गई। घायल अवस्था में उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया लेकिन वहां पर उनकी मौत हो गई। नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर को भीड़ के द्वारा उनके घर में ही घेर लिया गया जिसके बाद उनकी पिटाई भीड़ के द्वारा कर दी गई। नेपाल सरकार में वित्त मंत्री विष्णु को भी भीड़ के द्वारा दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया। एक वीडियो सोशल मीडिया पर लगातार वायरल हो रहा है जिसमें वित्त मंत्री को भीड़ पीटते हुए दिखाई दे रही है। नेपाल के प्रधानमंत्री के द्वारा इस्तीफा देने के बाद उन्हें सेना के द्वारा सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है।
युवाओं के आगे सरकार बेबस
नेपाल सरकार के द्वारा सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने के बाद ही युवाओं के द्वारा लगातार विरोध प्रदर्शन किया गया। युवाओं ने अपने विरोध को और तेज कर दिया। जिसके बाद यह हिंसा भड़क गई। नेपाल सरकार के खिलाफ किए गए विरोध प्रदर्शन में 18 साल से 28 वर्ष के युवाओं की संख्या सर्वाधिक थी। युवा संसद के बाहर इकट्ठा होना शुरू हो गए और उनके द्वारा पुलिस के द्वारा की गई बेरी कैडिंग को तोड़कर संसद में घुसने की कोशिश की गई। इसी दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस में झड़प हो गई। पुलिस के द्वारा भीड़ को काबू करने के लिए बल प्रयोग किया गया। लोगों ने प्रदर्शन के दौरान सड़कों पर खड़ी विभिन्न गाड़ियों के साथ-साथ दूसरे सामान को नुकसान पहुंचाया।
26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लगाया था प्रतिबंध
नेपाल सरकार के द्वारा 3 सितंबर को सोशल मीडिया को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया था। इसके माध्यम से फेसबुक इंस्टाग्राम यूट्यूब समेत कई दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को नेपाल में बैन कर दिया गया था। नेपाल सरकार का यह तर्क था कि इन प्लेटफार्म के द्वारा संचार और सूचना प्रौद्योगिकी नेपाल मंत्रालय में रजिस्ट्रेशन नहीं कराया गया है। इसके लिए सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के द्वारा 28 अगस्त को एक आदेश जारी किया गया था जिसमें रजिस्ट्रेशन जारी करने के लिए 7 दिन की समय सीमा दी गई थी। नेपाल सरकार के द्वारा दी गई समय सीमा 2 सितंबर को समाप्त होने के बाद नेपाल सरकार के द्वारा 3 सितंबर को प्रतिबंध लगाए गए थे। सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिए गए निर्देश के बाद नेपाल की सरकार इन कंपनियों पर शिकंजा कसने की कोशिश कर रही थी। सरकार का मानना है कि इन प्लेटफार्म के जरिए साइबर क्राइम गलत सूचना तथा हैट स्पीच जैसे मामले बढ़ रहे हैं। नेपाल में पूर्णतया सोशल मीडिया पर प्रतिबंध नहीं था। केवल उन्हीं कंपनियों को प्रतिबंधित किया गया था जिनके द्वारा नेपाल के मंत्रालय में रजिस्ट्रेशन नहीं कराया गया था। कुछ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जिनके द्वारा नेपाल के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में रजिस्ट्रेशन कर दिया गया था उन पर सरकार ने प्रतिबंध नहीं लगाया था।

नेपाल सरकार के द्वारा लिया गया एक निर्णय खुद अपने लिए ही परेशानी बन गया। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर प्रतिबंध लगाने के बाद नेपाल में हिंसा भड़क गई। नेपाल के युवाओं के द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन के कारण नेपाल में तख्ता पलट हो गया है। नेपाल में लगातार विरोध प्रदर्शन जारी है। उग्र प्रदर्शन में अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है जबकि सैकड़ो लोग घायल बताए जा रहे हैं। इस प्रदर्शन में अधिकतर युवा वर्ग शामिल है जिनकी उम्र 18 वर्ष से लेकर 25 वर्ष है। सोशल मीडिया से जुड़ाव के कारण सरकार का निर्णय उन्हें अच्छा नहीं लगा और उनके द्वारा सरकार के खिलाफ बिगुल बजा दिया गया। नेपाल के युवाओं के द्वारा किए गए प्रदर्शन के आगे सरकार को झुकना पड़ा और सोशल मीडिया पर लगाए गए प्रतिबंध को हटाने का निर्णय लिया लेकिन युवाओं का गुस्सा काफी ज्यादा था। नेपाल के राजनेताओं को युवाओं की भीड़ ने निशाना बनाने की पूरी कोशिश की।
राजनेताओं के परिवार को मिल रही सुविधा से भड़के युवा
नेपाल की सरकार के द्वारा सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगा देने के साथ-साथ इस उग्र प्रदर्शन के कुछ और भी कारण सामने आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि ताकतवर लोगों के बच्चे अर्थात राजनेताओं के परिवार की जिंदगी का तरीका देखकर युवाओं में खासा आक्रोश था। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विभिन्न तस्वीर और वीडियो वायरल हो रही है जिनमें राजनेता और उनके परिवार के लोग ब्रांडेड कपड़े महंगी कार तथा दूसरे मामले में आम नेपाली नागरिकों से आगे दिखाई दे रहे हैं। इस कारण नेपाल के युवाओं में असंतोष बढ़ गया और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन उग्र कर दिया।