Nuclear Threat India :भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि लंबे समय से भारत को न्यूक्लियर ब्लैकमेल किया गया लेकिन अब न्यूक्लियर ब्लैकमेल का दौर खत्म हो चुका है। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के द्वारा पाकिस्तान तथा आतंकवाद से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के दौरान यह बात कही गई थी। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान के द्वारा भारत के ऑपरेशन सिंदूर की कार्रवाई के बाद बड़े हमले की धमकी दी गई थी लेकिन भारत ने भी इसके जवाब में करारा जवाब देने की बात कही थी।
अब नहीं सहेगा भारत न्यूक्लियर धमकी
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत को समय-समय पर पड़ोसी देश के द्वारा न्यूक्लियर हथियारों को लेकर धमकी दी जाती थी लेकिन अब भारत न्यूक्लियर धमकी से डरने वाला नहीं है। समय-समय पर भारत को न्यूक्लियर ब्लैकमेल के जरिए संयम बरतने की सलाह दी जाती थी लेकिन अब आतंकवाद तथा दूसरे मुद्दों पर भारत चुप रहने वाला नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि अब आतंकियों और आतंकियों को शरण देने वाले आकाओ को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आतंकवाद की घटना को भारत ने युद्ध की शुरुआत के तौर पर माना है। ऐसे में भविष्य में आतंकियों पर भारत के द्वारा बड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
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एक सोची समझी साजिश था पहलगाम हमला -जयशंकर
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुआ आतंकी हमला एक सोची समझी साजिश था। आतंकियों के द्वारा यह एक आर्थिक युद्ध के तौर पर हमला किया गया था। कश्मीर में लगातार बढ़ रहे पर्यटन तथा उद्योग को समाप्त करने की दृष्टि से यह तनाव पैदा किया गया था। कश्मीर का आर्थिक ढांचा किस तरह टूट सकता है। इसका अध्ययन करने के बाद आतंकवादियों के द्वारा सांप्रदायिक तनाव फैलने की कोशिश भी कश्मीर में की गई। उन्होंने बताया कि कश्मीर की अर्थव्यवस्था की रीड पर्यटन है।
अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने दी थी हमले की चेतावनी
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत और पाकिस्तान के बीच पैदा हुए तनाव को संघर्ष विराम में बदलने पर बातचीत करते हुए कहा कि अमेरिका के उपराष्ट्रपति के द्वारा भारतीय प्रधानमंत्री मोदी से जिस समय बात की गई थी तो वह भी उसी कमरे में मौजूद थे। अमेरिका के उपराष्ट्रपति ने चेतावनी देते हुए कहा था कि पाकिस्तान भारत पर बड़ा हमला करने की तैयारी कर रहा है जिस पर प्रधानमंत्री मोदी ने बिना परवाह किए कहा था कि हमले का करारा जवाब दिया जाएगा। ऐसे में भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अमेरिका के द्वारा भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम के लिए व्यापार का दबाव नहीं बनाया गया था।
अमेरिकी विदेश मंत्री ने किया था पीएम से संपर्क जयशंकर
भारत और पाकिस्तान के बीच कई दिनों तक संघर्ष की स्थिति बने रहने के बाद संघर्ष विराम पर दोनों देशों में सहमति बनी थी। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि अमेरिका के उपराष्ट्रपति के द्वारा भारतीय प्रधानमंत्री से बातचीत करने के अगले दिन अमेरिका के विदेश मंत्री ने पीएम मोदी से बातचीत की थी। अमेरिका के विदेश मंत्री के द्वारा भारतीय प्रधानमंत्री मोदी से कहा गया था कि पाकिस्तान बातचीत के लिए तैयार है। इसके बाद सहमति दिए जाने पर पाकिस्तान के और भारत के बीच संघर्ष विराम को लेकर सहमति बनी थी। पाकिस्तान के डीजीएमओ द्वारा संघर्ष विराम के लिए गुजारिश की गई थी।

आतंकवाद के खिलाफ भारत का रुख स्पष्ट
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत का आतंकवाद के खिलाफ नजरिया बिल्कुल स्पष्ट है। आतंकवादियों को किसी भी सूरत में छोड़ा नहीं जाएगा। साथ ही अब भारत के द्वारा आतंकवाद की घटना को युद्ध की शुरुआत के तौर पर देखा जाएगा आतंकियों को शरण देने वाली सरकार को अब बख्सा नहीं जाएगा। इसी के साथ उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के मध्य संघर्ष विराम को लेकर जिस तरह का घटनाक्रम हुआ यह ठीक नहीं था। कूटनीति और व्यापार दोनों एक दूसरे से बिल्कुल अलग हैं। जयशंकर ने कहा कि व्यापार से जुड़े लोग वही कर रहे हैं जो उनको करना चाहिए।
आतंकी और उनके आका नहीं रहेंगे सुरक्षित जयशंकर
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि लंबे समय से भारत के ऊपर परमाणु हथियारों की धमकी का दबाव बनाया जाता था लेकिन आने वाले समय में आतंकवाद पर भारत के द्वारा करारा जवाब दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि परमाणु हथियारों की धमकी से भारत अब डरने वाला नहीं है। लंबे समय से भारत को दोनों देशों के परमाणु ताकत को देखते हुए संयम बरतने की सलाह दी जाती थी लेकिन अब न तो आतंकियों को छूट दी जाएगी और न हीं आतंकियों को शरण देने वाले उनके आका सुरक्षित रहेंगे।
ट्रंप बार-बार दोहरा रहे भारत-पाक चीज फायर मुद्दा
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा बार-बार भारत और पाकिस्तान के बीच पैदा हुए तनाव को संघर्ष विराम में बदलने की बात दोहराई जा रही है। डोनाल्ड ट्रंप का मानना है कि उनकी कोशिश के कारण भारत और पाकिस्तान में संघर्ष विराम हुआ था। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बार-बार इस बात को दोहराते हुए नजर आ रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि भारत और पाकिस्तान पर व्यापार समझौते को लेकर दबाव बनाने के बाद दोनों देश संघर्ष विराम पर सहमत हुए थे। मैने दिल्ली और इस्लामाबाद दोनों के साथ जंग नहीं रोकने पर व्यापार नहीं करने की धमकी दी थी तब जाकर दोनों परमाणु संपन्न देश संघर्ष विराम पर राजी हुए थे।