Operation Mahadev : भारतीय गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान यह स्पष्ट कर दिया है कि ऑपरेशन महादेव के दौरान मारे गए तीनों आतंकवादियों के द्वारा पहलगाम हमले को अंजाम दिया गया था। आतंकियों से जप्त किए गए हथियारों से यह पुष्टि हुई है कि इन्हीं हथियारों का इस्तेमाल पहलगाम आतंकी हमले में किया गया था। इन तीनों आतंकियों को सेना के द्वारा चलाए गए ऑपरेशन में श्रीनगर के पास ढेर कर दिया गया है। इन तीनों आतंकीयो की पहचान सुलेमान, अफगान और जिब्रान के रूप में हुई है। गृहमंत्री ने यह भी कहा कि इन मारे गए आतंकियों की पहचान इनको शरण देने वाले लोगों के द्वारा भी की गई है। आतंकियों से बरामद किए गए हथियारों की जांच करने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि इन्हीं हथियारों का प्रयोग पहलगाम हमले में किया गया था।
आतंकियों से प्राप्त हुए पाकिस्तान के पहचान पत्र
लोकसभा में ऑपरेशन सिन्दूर पर चर्चा के दौरान भारतीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले को अंजाम देने वाले आतंकी सेना के द्वारा चलाए गए ऑपरेशन में ढेर हो चुके हैं। इन आतंकवादियों के पास से पाकिस्तानी मतदाता पहचान पत्र प्राप्त हुए हैं। साथ ही साथ पाकिस्तान में बनी चॉकलेट और हथियार भी बरामद किए गए हैं। सेंसर से जंगल में छिपे होने की सूचना मिलने के बाद सेना के द्वारा इन आतंकवादीयो की घेराबंदी। करते हुए इन्हें मौत के घाट उतारा गया केंद्रीय गृह मंत्री के मुताबिक मारे गए आतंकवादियों से प्राप्त हुए हथियारों की जांच केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला में की गई। जिसमे यह साबित हो गया है कि यह वही गोलियां है जिनका इस्तेमाल पहलगाम हमले में किया गया था।
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कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकियों के द्वारा भीषण हमला किया गया था। इस हमले के बाद लगातार इन आतंकियों की तलाश सुरक्षा बलों के द्वारा की जा रही थी। सुरक्षा बलों के द्वारा चलाए गए ऑपरेशन महादेव में तीन पाकिस्तानी आतंकवादियों के मारे जाने की खबर मिल रही थी। बताया जा रहा है कि इस ऑपरेशन में मारे गए आतंकियों में पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड भी शामिल है। पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड हाशिम मूसा लगातार पहलगाम हमले के बाद पुलिस गिरफ्त से दूर था। सेना के द्वारा की गई कार्रवाई के बाद मारे गए आतंकीयो की पहचान की गई है जिनमें हासिम मूसा के साथ-साथ दो अन्य पाकिस्तानी आतंकी शामिल हैं। सेटेलाइट फोन के सिग्नल से मिली लोकेशन के आधार पर सुरक्षा बलों ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया।
आतंकियों के पास मिले हथियार
ऑपरेशन महादेव के तहत मारे गए पाकिस्तानी आतंकियों के पास बड़ी मात्रा में हथियार बरामद हुए हैं। बताया जा रहा है कि आतंकियों से मिले हथियारों में अमेरिकी कार्रवाई ने एक-47, 17 राइफल और ग्रेनेड के अलावा अन्य हथियार भी मिले हैं। हालांकि सेना के द्वारा अभी इस ऑपरेशन को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। पुलिस लगातार पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा बलों की सहायता से इन्हें पकड़ने की कोशिश कर रही थी। सुरक्षा बलों के द्वारा चलाए गए अभियान में सुराग मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने तीनों आतंकवादियों को ढेर कर दिया। जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के द्वारा सेना के द्वारा पाकिस्तान के आतंकियों को मारे जाने की पुष्टि की गई। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन के द्वारा इस बारे में पूरी जानकारी अलग से दी जाएगी। लेकिन मैं इस ऑपरेशन में शामिल सेना और पुलिस के सभी लोगों को बधाई देता हूं।

जंगल में छिपे होने की मिली थी सूचना
ऑपरेशन महादेव शुरू होने से पहले सुरक्षा बलों को श्रीनगर के जंगलों में आतंकियों के छिपी होने की सूचना मिली थी। इसके बाद लगातार सेना के द्वारा ऑपरेशन चलाया गया। आतंकियों के द्वारा एक अल्ट्रा कम्युनिकेशन सेट को एक्टिवेट किया गया था। जैसे ही एक्टिवेट वहां सेटेलाइट फोन के सिग्नल ट्रेस हो गए। सेना के लिए यह बड़ा अहम सुराग बना और आतंकियों तक पहुंचने में उन्हें मदद मिली। इसके बाद सुरक्षा बलों के द्वारा बड़ी सावधानी पूर्वक ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। आतंकियों की लोकेशन पर पहुंच कर घेराबंदी करते हुए आतंकियों को मौत के घाट उतारा गया। सेना के द्वारा इस अभियान में ड्रोन का सहारा लिया गया। पुलिस के द्वारा आतंकवादियों को गोली मारने के बाद एक आतंकवादी के द्वारा भागने की कोशिश की गई लेकिन सुरक्षा बलों ने उसकी कोशिश को विफल कर दिया। आतंकवादियों के समूह की पहचान होने के बाद जल्द ही सेना के द्वारा इस ऑपरेशन को लेकर जानकारी दी जाएगी।
जंगल में छिपे होने की मिली थी सूचना
ऑपरेशन महादेव शुरू होने से पहले सुरक्षा बलों को श्रीनगर के जंगलों में आतंकियों के छिपी होने की सूचना मिली थी। इसके बाद लगातार सेना के द्वारा ऑपरेशन चलाया गया। आतंकियों के द्वारा एक अल्ट्रा कम्युनिकेशन सेट को एक्टिवेट किया गया था। जैसे ही एक्टिवेट वहां सेटेलाइट फोन के सिग्नल ट्रेस हो गए। सेना के लिए यह बड़ा अहम सुराग बना और आतंकियों तक पहुंचने में उन्हें मदद मिली। इसके बाद सुरक्षा बलों के द्वारा बड़ी सावधानी पूर्वक ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। आतंकियों की लोकेशन पर पहुंच कर घेराबंदी करते हुए आतंकियों को मौत के घाट उतारा गया। सेना के द्वारा इस अभियान में ड्रोन का सहारा लिया गया। पुलिस के द्वारा आतंकवादियों को गोली मारने के बाद एक आतंकवादी के द्वारा भागने की कोशिश की गई लेकिन सुरक्षा बलों ने उसकी कोशिश को विफल कर दिया। आतंकवादियों के समूह की पहचान होने के बाद जल्द ही सेना के द्वारा इस ऑपरेशन को लेकर जानकारी दी जाएगी।