Operation Sindoor : भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में हुई चर्चा पर जवाब देते हुए कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम पाकिस्तान के अनुरोध पर किया गया था ना कि किसी तीसरे देश के कहने पर। प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा लोकसभा में चर्चा के दौरान यह जवाब दिया गया। इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर काफी लंबी चर्चा की। मोदी का कहना है कि सरकार के द्वारा सशस्त्र बलों को खुली छूट दे दी गई थी। कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद हमारे द्वारा जैसा निर्णय लिया गया था वैसा ही अंजाम भारतीय सेना के द्वारा आतंकियों का किया गया और पाकिस्तान सिर्फ देखता रह गया। 22 मिनट में 22 अप्रैल का बदला निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करते हुए पूरा किया। भारतीय सेना के द्वारा की गई कार्रवाई के कारण पाकिस्तान की नींद हराम हो गई है। पाकिस्तान के साथ हमने कई बार युद्ध लड़े हैं लेकिन यह पहली बार हुआ है जब पाकिस्तान के हर कोने में स्थित आतंकी ठिकानों को नष्ट किया हो। सिंदूर से लेकर सिंधु तक पाकिस्तान पर भारतीय सेना के द्वारा हमला किया गया।
अमेरिका की भूमिका को मोदी ने नकारा
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा बार-बार यह कहा जा रहा था कि उनके द्वारा भारत और पाकिस्तान के संघर्ष को रोकने में अहम भूमिका निभाई गई थी। भारत और पाकिस्तान पर व्यापार को लेकर दबाव बनाने के बाद दोनों देश संघर्ष विराम पर सहमत हुए थे। इसे लेकर सदन में भारतीय प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके पास अमेरिका के उपराष्ट्रपति का फोन आया था। उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान भारत पर बड़े हमले की योजना बना रहा है। जिसके जवाब में हमने स्पष्ट कर दिया था कि यदि पाकिस्तान के द्वारा यह गलती की गई तो उसे बड़ी कीमत चुकानी होगी। पाकिस्तान के द्वारा किए जाने वाले हमले का हम करारा जवाब देंगे। हमारा ऑपरेशन सिंदूर लगातार जारी है। भारतीय प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि अमेरिका के राष्ट्रपति के द्वारा बार-बार बयान दिए जाने के बावजूद भारत अपने उस स्टैंड पर कायम है जिसमें यह कहा गया था कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम पाकिस्तान के अनुरोध पर किया गया था।
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पाकिस्तान के हमले को आसमान में किया चूर-चूर
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा करते हुए कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच पैदा हुए तनाव के बाद 9 मई को पाकिस्तान की तरफ से बड़े स्तर पर मिसाइल और ड्रोन से हमला करने की कोशिश की गई थी। पाकिस्तान की तरफ से लगभग 1000 मिसाइल और ड्रोन छोड़े गए थे लेकिन भारतीय डिफेंस सिस्टम के द्वारा इन कोशिश को आसमान में ही नष्ट कर दिया गया था। अगर यह मिसाइल भारत पर गिरती तो तबाही हो सकती थी। पाकिस्तान ने झूठ बोलकर आदमपुर एयर बेस को नुकसान होने की बात फैलाई लेकिन मैंने खुद वहां का दौरा करते हुए पाकिस्तान के झूठ को सभी के सामने ला दिया।

ट्रंप के बयान को झूठ बताएं मोदी -राहुल गांधी
लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा करते हुए नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के द्वारा सरकार पर सवाल खड़े किए गए। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच पैदा हुए तनाव में सरकार के द्वारा पाकिस्तान को यह बता दिया गया कि उनके पास लड़ने की राजनीतिक इच्छा शक्ति नहीं है। कैप्टन शिवकुमार के द्वारा भारत के कुछ एयरक्राफ्ट नष्ट होने की बात कही गई थी। उन्होंने कहा था कि हमें सिर्फ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने की आदेश दिए गए थे। सैनिक ठिकानों को नहीं। ऐसा करके सरकार ने सैनिकों के हाथ बांध दिए थे। दूसरी तरफ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 29 बार संघर्ष विराम करने को लेकर बयान दे चुके हैं। यदि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास इंदिरा गांधी का 50% भी साहस हो तो वह अमेरिका के राष्ट्रपति के बयान को लेकर अपना मत स्पष्ट करें। मोदी में दम है तो बताएं कि ट्रंप झूठ बोल रहे हैं। पहलगाम हमला हो जाने के बाद एक भी देश के द्वारा पाकिस्तान की निंदा नहीं की गई। इससे स्पष्ट है की पूरी दुनिया के सामने भारत और पाकिस्तान को बराबर का दर्जा दिया गया।
पहलगाम में सुरक्षा कमी को लेकर प्रियंका गांधी ने साधा निशाना
कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हो जाने के बाद लोकसभा में चल रही चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के द्वारा सुरक्षा को लेकर सरकार पर सवाल खड़े किए गए। उन्होंने कहा कि पर्यटकों के द्वारा सरकार पर भरोसा करते हुए पहलगाम जाया गया था लेकिन सरकार ने लोगों को भगवान के भरोसे छोड़ दिया। जिस समय पहलगाम में आतंकी हमला हुआ उस समय एक भी सुरक्षाकर्मी पहलगाम में मौजूद नहीं था। सरकार को यह पहले से पता था कि उस स्थान पर रोजाना बड़ी मात्रा में पर्यटक पहुंचते हैं। ऐसे में वहां पर सुरक्षा व्यवस्था मौजूद क्यों नहीं थी? पहलगाम पहुंचने के लिए जंगल के रास्ते होकर जाना पड़ता था। ऐसे में सुरक्षा को लेकर सरकार ने क्या व्यवस्था की इसका कोई स्पष्ट जवाब नहीं है। पहलगाम हमला हो जाने के बाद भी गृहमंत्री या खुफिया विभाग के किसी भी व्यक्ति का इस्तीफा नहीं हुआ। ऐसा क्यों मोदी सरकार लगातार पहलगाम हमले में हुई सुरक्षा चूक पर चुप्पी साधे हुए हैं।