Pahalgam Terror Attack : कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकियों के द्वारा भीषण हमला किया गया था। इस हमले के बाद लगातार इन आतंकियों की तलाश सुरक्षा बलों के द्वारा की जा रही थी। सुरक्षा बलों के द्वारा चलाए गए ऑपरेशन महादेव में तीन पाकिस्तानी आतंकवादियों के मारे जाने की खबर मिल रही है। बताया जा रहा है कि इस ऑपरेशन में मारे गए आतंकियों में पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड भी शामिल है। पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड हाशिम मूसा लगातार पहलगाम हमले के बाद पुलिस गिरफ्त से दूर था। सेना के द्वारा की गई कार्रवाई के बाद मारे गए आतंकीयो की पहचान की गई है जिनमें हासिम मूसा के साथ-साथ दो अन्य पाकिस्तानी आतंकी शामिल हैं। सेटेलाइट फोन के सिग्नल से मिली लोकेशन के आधार पर सुरक्षा बलों ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया।
आतंकियों के पास मिले हथियार
ऑपरेशन महादेव के तहत मारे गए पाकिस्तानी आतंकियों के पास बड़ी मात्रा में हथियार बरामद हुए हैं। बताया जा रहा है कि आतंकियों से मिले हथियारों में अमेरिकी कार्रवाई ने एक-47, 17 राइफल और ग्रेनेड के अलावा अन्य हथियार भी मिले हैं। हालांकि सेना के द्वारा अभी इस ऑपरेशन को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। पुलिस लगातार पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा बलों की सहायता से इन्हें पकड़ने की कोशिश कर रही थी। सुरक्षा बलों के द्वारा चलाए गए अभियान में सुराग मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने तीनों आतंकवादियों को ढेर कर दिया। जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के द्वारा सेना के द्वारा पाकिस्तान के आतंकियों को मारे जाने की पुष्टि की गई। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन के द्वारा इस बारे में पूरी जानकारी अलग से दी जाएगी। लेकिन मैं इस ऑपरेशन में शामिल सेना और पुलिस के सभी लोगों को बधाई देता हूं।
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जंगल में छिपे होने की मिली थी सूचना
ऑपरेशन महादेव शुरू होने से पहले सुरक्षा बलों को श्रीनगर के जंगलों में आतंकियों के छिपी होने की सूचना मिली थी। इसके बाद लगातार सेना के द्वारा ऑपरेशन चलाया गया। आतंकियों के द्वारा एक अल्ट्रा कम्युनिकेशन सेट को एक्टिवेट किया गया था। जैसे ही एक्टिवेट वहां सेटेलाइट फोन के सिग्नल ट्रेस हो गए। सेना के लिए यह बड़ा अहम सुराग बना और आतंकियों तक पहुंचने में उन्हें मदद मिली। इसके बाद सुरक्षा बलों के द्वारा बड़ी सावधानी पूर्वक ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। आतंकियों की लोकेशन पर पहुंच कर घेराबंदी करते हुए आतंकियों को मौत के घाट उतारा गया। सेना के द्वारा इस अभियान में ड्रोन का सहारा लिया गया। पुलिस के द्वारा आतंकवादियों को गोली मारने के बाद एक आतंकवादी के द्वारा भागने की कोशिश की गई लेकिन सुरक्षा बलों ने उसकी कोशिश को विफल कर दिया। आतंकवादियों के समूह की पहचान होने के बाद जल्द ही सेना के द्वारा इस ऑपरेशन को लेकर जानकारी दी जाएगी।

तीनों आतंकी पाकिस्तान के
भारतीय सुरक्षा बलों के द्वारा चलाए गए ऑपरेशन महादेव में मारे गए तीनों आतंकियों के नाम सामने आ गए हैं। इससे पहले अनंतनाग पुलिस के द्वारा पहलगाम हमला हो जाने के बाद इन आरोपियों के स्केच भी जारी किए गए थे। बताया जा रहा है कि एनकाउंटर में मारे गए आतंकवादियों में हमले का मास्टरमाइंड हाशिम मूसा और सुलेमान आदिल हुसैन और अली शामिल हैं। हाशिम मूसा पाकिस्तान के स्पेशल सर्विस ग्रुप में कमांडो के पद पर रह चुका है। सुरक्षा बलों के द्वारा उनके ऊपर 20 लाख रुपए का इनाम रखा गया था। सुरक्षा बालों के द्वारा जिन तीन आतंकियों का एनकाउंटर किया गया है उनमें दो आतंकवादी पाकिस्तान के हैं। ऐसे में लंबे समय से पाकिस्तान के द्वारा पाले जा रहे आतंकवाद का यह भी एक सबूत है।
22 अप्रैल को हुआ था पहलगाम हमला
कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकवादियों के द्वारा भीषण हमला किया गया था। आतंकवादियों ने लोगों को धर्म पूछ कर निशाना बनाया था। जिस वक्त आतंकवादियों के द्वारा हमला किया गया था पर्यटक कश्मीर के पहलगाम में घूम रहे थे। अचानक हुए इस हमले से पर्यटकों को संभालने का मौका नहीं मिला। इस हमले के बाद भारतीय सेना के द्वारा आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए ऑपरेशन सिंदूर चलाया गया था। ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में स्थित 9 आतंकी ठिकानों को भारतीय सेना के द्वारा नष्ट किया गया था। इस ऑपरेशन में 100 से भी अधिक आतंकवादी मारे गए थे। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान में लंबे समय तक तनाव पैदा हो गया था। दोनों देशों के बीच कई दिनों तक युद्ध की स्थिति बनी रही थी। हालांकि बाद में भारत और पाकिस्तान संघर्ष विराम पर सहमत हुए थे।
पहलगाम हमला हो जाने के बाद लगातार आरोपियों की तलाश की जा रही थी। सुरक्षा बलों के द्वारा इन आरोपियों की स्केच भी जारी किए गए थे। राष्ट्रीय सुरक्षा जांच एजेंसी के द्वारा कुछ दिन पहले स्थानीय लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इन लोगों की गिरफ्तारी आतंकवादियों से जुड़ी जानकारी प्राप्त करने के लिए की गई थी। बताया जा रहा है कि आतंकवादी पहलगाम हमला करने के पहले और बाद में स्थानीय लोगों की मदद से ही फरार हुए थे। पुलिस के द्वारा इन आतंकवादियों पर 20-20 लख रुपए का इनाम भी घोषित किया गया था। ऐसे में लंबे समय बाद सुरक्षा बलों को आतंकवादियों को खत्म करने में सफलता मिली है।