Pahalgam Terror Attack : 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों के द्वारा किए गए हमले की जिम्मेदारी लेने वाले संगठन पर अमेरिका के द्वारा बड़ी कार्रवाई की गई है। अमेरिका ने इस संगठन को विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी संगठनों की सूची में शामिल कर दिया है। अमेरिका के विदेश मंत्री के द्वारा इस संगठन को इस लिस्ट में शामिल करने की सूचना दी गई है। अमेरिका की विदेश मंत्री के द्वारा कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए यह बयान दिया गया। उन्होंने कहा कि कश्मीर के पहलगाम में हुआ आतंकी हमला 2008 के मुंबई हमलों के बाद लश्कर का भारत में सबसे बड़ा हमला था जिसमें 26 नागरिकों की मौत हुई थी।
फैसले को बताया आतंकवाद के खिलाफ ट्रंप प्रशासन की प्रतिबद्धता
अमेरिका के विदेश मंत्री के द्वारा पहलगाम हमले की जिम्मेदारी लेने वाले संगठन को आतंकी संगठन घोषित कर देने के बाद कहा गया कि अमेरिका के द्वारा लगातार आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की रही है। पहलगाम हमले के लिए न्याय का आह्वान करते हुए अमेरिकी सरकार और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा यह कदम उठाया गया है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में और वर्तमान में अमेरिका सरकार के द्वारा आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई की प्रतिबद्धता को इस फैसले के माध्यम से देखा जा सकता है।
शरणार्थियों पर ईरान की बड़ी कार्रवाई जारी; रोज निकाले जा रहे हैं करीब 30000 शरणार्थी
पहले वनडे मुकाबले में भारतीय महिलाओं ने इंग्लैंड को दी मात
हाइब्रिड आतंकवादियों की भर्ती करता है यह संगठन
जिस आतंकी संगठन को अमेरिका के द्वारा आतंकी संगठनों की सूची में शामिल किया गया है। वह जम्मू कश्मीर में काफी सक्रिय है। इस संगठन के द्वारा ऐसे लोगों की भर्ती की जाती है जो दिखने में आम नागरिक दिखाई देते हैं लेकिन आतंकी गतिविधियों में लगातार सक्रिय होते हैं। इसी कारण ऐसे आतंकवादियों को हाइब्रिड आतंकवादी कहा जाता है। भारत सरकार के द्वारा भी इस आतंकी संगठन को 5 जनवरी 2023 को आतंकी संगठन घोषित किया गया था। भारत सरकार के द्वारा लगातार वैश्विक मंचों पर आतंकवाद को लेकर मुद्दा उठाया जा रहा था। इसी कारण अमेरिका के द्वारा यह फैसला लिया गया है।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका के द्वारा इस संगठन पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद कहा की अमेरिका के फैसले से भारत और अमेरिका के आतंकवाद विरोधी सहयोग की मजबूती को लेकर संकेत मिला है। उन्होंने इसके लिए अमेरिका के विदेश मंत्री को धन्यवाद दिया। अमेरिका के द्वारा जिस लिस्ट में इस संगठन को शामिल किया गया है उसे अमेरिका की विदेश विभाग के द्वारा तैयार किया जाता है। इसमें ऐसे संगठनों को शामिल किया जाता है जो राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति के लिए खतरा माने जाते हैं। इस लिस्ट में शामिल किए गए संगठन या संस्था की किसी भी तरह से की गई मदद को गैर कानूनी माना जाता है और ऐसा किए जाने पर कानूनी कार्रवाई करने का भी प्रावधान है।

प्रतिबंध से दिखेगा असर
अमेरिका के द्वारा पहलगाम हमले की जिम्मेदारी लेने वाले संगठन को प्रतिबंधित सूची में शामिल करने के बाद विभिन्न प्रभाव इस पर दिखाई देंगे। अमेरिका में संगठन की मौजूद सभी संपत्तियों को जप्त कर ली जाएगी। साथ ही साथ दूसरे नागरिक और संस्थाओं को संगठन के साथ लेनदेन की अनुमति भी नहीं होगी। इस लिस्ट में शामिल होने के बाद किसी भी आतंकी संगठन के लिए दुनिया के किसी नहीं हिस्से में फंडिंग करना काफी मुश्किल हो जाता है। फंडिंग की कमी के कारण आतंकवादी संगठन लंबे समय तक सक्रिय नहीं रह पाता है। इसी के साथ दूसरे देशों के द्वारा भी ऐसे आतंकी संगठनों पर सतर्कता बढ़ा दी जाती है।
भारत लगातार उठा रहा आतंकवाद का मुद्दा
कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकवादियों के द्वारा हमला कर दिए जाने के बाद से लगातार भारत आतंकवादी के मुद्दे को वैश्विक स्तर पर उठाने का कार्य कर रहा है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा ब्रिक्स सम्मेलन में आतंकवादी के मुद्दे को उठाया गया था। जिसके बाद सभी देशों ने आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ने के लिए प्रतिबद्धता जताई थी। चीन में आयोजित हो रहे शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने साझा बयान पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया था क्योंकि इस बयान में बलूचिस्तान के हमले का तो जिक्र था लेकिन पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र नहीं किया गया था। इसी के साथ उन्होंने पाकिस्तान के ऊपर भी आतंकवाद को लेकर आरोप लगाया था। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर भी लगातार दूसरे देशों को आतंकवाद के मुद्दे पर मिलकर लड़ाई लड़ने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।