Pakistan Army Chief : पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर का पाकिस्तान में वर्चस्व लगातार बढ़ता जा रहा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री तथा दूसरे राजनेताओं की तुलना में दूसरे देशों के द्वारा सेना प्रमुख को ज्यादा तरजीह दी जाती है। कुछ समय पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ पाकिस्तान सेना प्रमुख की मुलाकात हुई थी। इसके बाद अब उन्होंने चीन के राष्ट्रपति से मुलाकात की है। आसिम मुनीर के फील्ड मार्शल बनने के बाद चीन के राष्ट्रपति से यह पहली मुलाकात है। जिस समय पाकिस्तान के सेना प्रमुख की चीन के राष्ट्रपति से मुलाकात हुई। उस समय पाकिस्तान के प्रधानमंत्री भी उनके साथ मौजूद थे। चीन के राष्ट्रपति के साथ हुई मुलाकात में शंघाई सहयोग संगठन के मुद्दों के साथ-साथ क्षेत्रीय सहयोग पर भी चर्चा हुई। बताया जा रहा है कि चीन में आयोजित होने वाली विक्ट्री डे परेड में भी पाकिस्तान के सेना प्रमुख शामिल होंगे। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री भी इस दौरान उपस्थित रहेंगे।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने SCO में उठाया सिंधु समझौते का मुद्दा
चीन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए दुनिया के विभिन्न नेता चीन पहुंचे। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के राष्ट्रपति पुतिन के साथ-साथ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री सहबाज़ शरीफ भी शंघाई सहयोग संगठन के समिट में शामिल हुए। एक तरफ भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद के मुद्दे को लेकर बैठक में समर्थन की मांग की। दूसरी तरफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के द्वारा भारत पर निशाना साधा गया। उन्होंने बैठक में कहा कि पाकिस्तान के द्वारा क्षेत्रीय शांति और सहयोग पर कार्य किया जाता है। लगातार हम अपने पड़ोसी देशों की अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करते रहे हैं। इसके बावजूद पिछले कुछ समय से लगातार हमारे क्षेत्र में परेशान करने वाली घटनाएं हो रही हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का इशारा भारत की तरफ था।
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पानी के हिस्से तक बने उचित पहुंच -शरीफ
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने संगठन की बैठक में संबोधन देते हुए कहा कि सभी शंघाई सहयोग संगठन के सदस्यों को एक दूसरे के साथ चल रहे समझोतो का पालन करना चाहिए। सिंधु जल समझौते के तहत भारत के व्यवहार का उनके द्वारा जिक्र किया गया। उन्होंने कहा कि शंघाई सहयोग संगठन के सुचारू कामकाज को मजबूत करने के लिए पानी के उचित हिस्से तक पहुंच जरूरी है। भारत के द्वारा पाकिस्तान से तनाव पैदा होने के बाद में सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया था।
पाकिस्तान में बाढ़ का किया जिक्र
पाक प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने शंघाई सहयोग संगठन के सम्मेलन में संबोधन देते हुए कहा कि पाकिस्तान में इस समय बाढ़ से हालात बेकाबू है। अचानक आई बाढ़ के कारण विभिन्न स्तर पर नुकसान झेलना पड़ा है। पाकिस्तान सरकार के द्वारा लगातार लोगों की सहायता के लिए कोशिश की जा रही है। उन्होंने पाकिस्तान और चीन के आर्थिक सहयोग से बना रहे गलियारे को लेकर भी बयान दिया। उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट पूरा होने पर पाकिस्तान और चीन के बीच कनेक्टिविटी बढ़ जाएगी। दोनों देशों के बीच विभिन्न स्तर पर होने वाला आदान-प्रदान काफी आसान हो जाएगा। पाकिस्तान और चीन के बीच आर्थिक गलियारे को शुरू करने को लेकर हाल ही में सहमति बनी थी।
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन में आयोजित हो रहे शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में शामिल होने के लिए वर्तमान में चीन दौरे पर है। शंघाई सहयोग संगठन समिट के दूसरे दिन भारत के द्वारा आतंकवाद के मुद्दे को उठाया गया। आतंकवाद के मुद्दे को दुनिया के द्वारा भी समर्थन दिया गया। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की मौजूदगी में कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा की गई। शंघाई सहयोग संगठन के घोषणा पत्र में भी पहलगाम हमले का जिक्र किया गया। इसमें कहा गया कि पहलगाम हमले को अंजाम देने वाले अपराधियों उनका समर्थन करने वालों और आयोजकों को सजा दिलाना जरूरी हो गया है। कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकवादियों के द्वारा पर्यटकों को निशाना बनाया गया था। इस हमले में 26 निर्दोष पर्यटक मारे गए थे।

रक्षा मंत्रियों की बैठक में भी भारत उठा चुका मुद्दा
शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन में भारतीय प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में आतंकवाद के मुद्दे को उठाया गया। इससे पहले रक्षा मंत्रियों की बैठक के दौरान भी शंघाई सहयोग संगठन में भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के द्वारा आतंकवाद के मुद्दे को उठाया गया था। हालाँकि उस समय घोषणा पत्र में पहलगाम हमले का जिक्र नहीं किया गया था। इसे लेकर भारत के द्वारा नाराजगी जताई गई थी। भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था।
आतंकवाद दुनिया के लिए खतरा मोदी
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन की बैठक को संबोधित किया। उन्होंने आतंकवाद के मुद्दे पर जमकर सवाल खड़े किए। कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद का सबसे बुरा रूप करार दिया। उन्होंने कहा कि भारत पिछले चार दशक से लगातार आतंकवाद की मार से जूझ रहा है। कुछ देशों के द्वारा आतंकवाद को खुले रूप से समर्थन दिया जा रहा है। यह किस तरह स्वीकार किया जा रहा है? समझ से बाहर है। उन्होंने कहा कि शंघाई सहयोग संगठन को लेकर भारत की सोच और नीति बिल्कुल स्पष्ट है। हमें मिलकर आतंकवाद का विरोध करना होगा। मानवता के प्रति यह हमारा दायित्व है। भारत हमेशा से मजबूत कनेक्टिविटी के जरिए विश्वास और विकास पैदा करने की कोशिश के समर्थन में है।