Pakistan Saudi Defense : पाकिस्तान के द्वारा लंबे समय से आतंकी गतिविधियों को संचालित किया जाता रहा है। इसे लेकर वह कई बार विश्व स्तर पर भी बेनकाब हो चुका है। भारत के द्वारा लगातार वैश्विक मंचों के साथ-साथ अन्य मुद्दों के तहत पाकिस्तान को आतंकवाद पर कठघरे में खड़ा किया जाता रहा है। भारतीय विदेश मंत्रालय के द्वारा दिए गए बयान के बाद अब यह चर्चा एक बार फिर तेज हो गई है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान की आतंकवादियों से सांठ गांठ अब पूरी दुनिया जान चुकी है। विभिन्न आतंकी संगठनों के साथ पाकिस्तान के संबंध हैं। पाकिस्तान की सेना भी आतंकवादियों के सहयोग से लगातार कार्य कर रही है। भारत का स्टैंड आतंकवाद के मुद्दे पर बिल्कुल क्लियर है। सीमा पार से होने वाले आतंकवाद के खिलाफ पूरे विश्व को एकजुट होकर कार्य करना होगा। इसी के साथ उन्होंने अपील की आतंकवाद से निपटने के लिए अपनी कोशिशें को और तेज किया जाना चाहिए।
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भारत के साथ अपने रिश्तों का ख्याल रखेगा सऊदी अरब
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हाल ही में पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच महत्वपूर्ण रक्षा समझौता किया गया है। दोनों देशों के बीच किए गए रक्षा समझौते के तहत किसी भी देश पर हमला होने पर उसे दोनों देशों पर हमला माना जाएगा। सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच हुई रक्षा समझौते के तहत सऊदी अरब के द्वारा पाकिस्तान के परमाणु हथियारों का उपयोग किया जा सकता है। दोनों देशों के बीच यह समझौता हो जाने के बाद इस पर भारत सरकार के द्वारा भी प्रतिक्रिया दी गई है। भारत का कहना है कि सऊदी अरब के द्वारा भारत के साथ चल रहे रिश्तों का ख्याल रखा जाएगा। पिछले कुछ समय से लगातार भारत और सऊदी अरब के बीच रिश्ते मजबूत होते जा रहे हैं। हम उम्मीद करते हैं कि आने वाले समय में संवेदनशीलता और आपसी हितों का ध्यान रखा जाएगा। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के द्वारा की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बयान दिया गया।
हमलो का मिल कर देंगे जवाब -पाकिस्तान
सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच रक्षा समझौता हो जाने के बाद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री के द्वारा इस समझौते को लेकर बयान दिया गया। उन्होंने कहा कि इस समझौते का इस्तेमाल किसी भी देश के खिलाफ नहीं किया जाएगा बल्कि हमारे देश की रक्षा करने के लिए यह कार्य करेगा। उन्होंने कहा है कि न तो पाकिस्तान के द्वारा किसी खास देश का नाम लिया गया है और ना ही सऊदी अरब ने ऐसा किया है। यह दोनों देशों को सुरक्षा देने का कार्य करेगा। दोनों देश मिलकर किसी भी देश पर हमला होने पर उसका जवाब देंगे। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच हुए समझौते को रक्षा व्यवस्था करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह किसी भी तरह का कोई आक्रामक समझौता नहीं है।
भारत के विरुद्ध साथ देगा सऊदी अरब
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री के द्वारा सऊदी अरब के साथ किए गए समझौते पर जब भारत को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने इसका जवाब दिया। उनसे पूछा गया कि यदि पाकिस्तान का भविष्य में भारत के साथ युद्ध होता है तो क्या इसमें सऊदी अरब के द्वारा साथ दिया जाएगा? इस पर पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने कहा कि इसमें कोई शक की बात नहीं है। बिल्कुल सऊदी अरब के द्वारा पाकिस्तान का साथ दिया जाएगा। इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि इस समझौते का इस्तेमाल किसी भी देश के खिलाफ नहीं किया जाएगा बल्कि खुद की रक्षा के लिए किया जाएगा। आने वाले समय में दूसरे देशों के साथ भी पाकिस्तान के द्वारा ऐसे समझौते करने की कोशिश की जाएगी। विभिन्न देशों के साथ रणनीतिक रक्षा समझौते करने में पाकिस्तान के द्वारा रुचि दिखाई जा रही है। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि विभिन्न देशों के द्वारा इस व्यवस्था की इच्छा जताई है। इस पर फिलहाल कुछ कहना जल्दबाजी होगा लेकिन आने वाले समय में इसके नतीजे दिखाई दे सकते हैं। ऐसे समझौते एक नियम के तहत किए जाते हैं।

समझौते से हैं दोनों देश खुश
पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच हुए रक्षा समझौते को लेकर पाकिस्तान की रक्षा मंत्री ने कहा कि इस समझौते को अंतिम रूप देने में काफी समय लगा है। दोनों देशों के बीच हुआ यह समझौता मील का पत्थर साबित होगा। इस समझौते से पाकिस्तान और सऊदी अरब दोनों ही देश संतुष्ट होने के साथ-साथ खुश हैं। मुश्किल वक्त में पाकिस्तान का हमेशा सऊदी अरब के द्वारा साथ दिया गया है जिसमें आर्थिक संकट के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय संकट भी शामिल हैं।
‘जिम्मेदार परमाणु शक्ति है पाकिस्तान’
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान एक जिम्मेदार परमाणु शक्ति है। हमारे सभी परमाणु ठिकाने जांच के लिए हमेशा खुले रहते हैं। किसी भी एजेंसी के द्वारा किसी भी तरह की जांच की जा सकती है। अपनी सुविधाओं के लिए हमें लगातार प्रमाण पत्र मिलते रहे हैं। किसी भी नियम का उल्लंघन किए बगैर हमारे द्वारा स्थाई परमाणु शक्ति पैदा की गई है। सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच हुए समझौते के तहत दोनों देशों की सुरक्षा और विश्व में शांति स्थापित करने की प्रतिबद्धता को दिखाया गया है। इस समझौते के तहत दोनों देशों के बीच डिफेंस सहयोग भी विकसित किया जाएगा। आवश्यकता पड़ने पर सऊदी अरब के द्वारा पाकिस्तान के परमाणु हथियारों का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।