Palestine Recognition : संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में शामिल होने के लिए दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों से बड़े नेता न्यूयॉर्क पहुंच रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपना भाषण देने के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति जाम में फंसे हुए नजर आए। दरअसल फ्रांस के राष्ट्रपति संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाषण देने के बाद फ्रांसीसी दूतवास में आराम करने के लिए जा रहे थे लेकिन अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का काफिला गुजरने के कारण फ्रांस के राष्ट्रपति के काफिले को रोक दिया गया। जब उन्होंने इससे संबंधित सवाल पुलिस अधिकारियों से किया तो उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के काफिले की सूचना दी। जिस पर फ्रांस के राष्ट्रपति ने फोन पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बातचीत करते हुए रास्ता खाली करने की अपील की।
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रोचक रही ट्रंप और मैक्रो की फोन पर बातचीत
फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रो जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के काफिले के कारण जाम में फंसे हुए थे तो उन्होंने मौके से ही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को फोन किया। उन्होंने कहा आप कैसे हैं? आपको यह जानकारी होनी चाहिए कि मैं सड़क पर फंस गया हूं क्योंकि सब कुछ आपके लिए बंद कर दिया गया है। जल्दी से रास्ते को खाली करो। उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को फोन करने से पहले पुलिस अधिकारी से स्थिति की जानकारी ली थी। अमेरिका के राष्ट्रपति से फ़ोन पर बातचीत करने के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति पैदल ही आगे बढ़ गए। इस दौरान विभिन्न लोगों ने फ्रांस के राष्ट्रपति के साथ सेल्फी ली जिस जगह पर फ्रांस के राष्ट्रपति के साथ यह रोचक वाकया हुआ लोगों में एक खास चर्चा भी चली। फ्रांस के राष्ट्रपति बिना किसी सुरक्षा व्यवस्था के वहां पर मौजूद थे जबकि आमतौर पर किसी भी देश के राष्ट्रपति के साथ बड़ी संख्या में सुरक्षा व्यवस्था मौजूद होती है।
लंबे समय से गाजा में इजरायल और हमास के बीच संघर्ष की स्थिति देखने को मिल रही है। इसे लेकर दुनिया के अलग-अलग देशों के द्वारा विभिन्न प्रतिक्रिया दी जा रही है। इसी बीच कनाडा ब्रिटेन जैसे देशों के द्वारा फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता देने की घोषणा करने के बाद अब फ्रांस ने भी फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता प्रदान की है। फ्रांस के साथ-साथ चार अन्य देशों ने भी फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता दी है। इजराइल और फिलीस्तीन के बीच चल रहे विवाद के समाधान को लेकर हुई बैठक में इसका ऐलान किया गया। यह बैठक संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों के बीच न्यूयार्क में आयोजित हुई। जिस बैठक में फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता देने की घोषणा की गई। इसकी अध्यक्षता सऊदी अरब तथा फ्रांस के द्वारा की गई थी। इसमें फ्रांस के राष्ट्रपति के द्वारा फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता देने की घोषणा की गई। फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे द्वारा शांति का रास्ता बनाने के लिए फिलीस्तीन को मान्यता दी गई है।
‘राज्य का दर्जा मिलना फिलिस्तीन का अधिकार’
विभिन्न देशों के द्वारा फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता प्रदान किए जाने के बाद संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने इसे लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश का दर्जा मिलना उसका अधिकार है। यह उसको किसी के द्वारा इनाम नहीं दिया जा रहा है। फिलीस्तीन को यह अधिकार दिए बिना शांति संभव नहीं है। फ्रांस के राष्ट्रपति ने फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता प्रदान करते हुए कहा कि यह हमास की हार है। फ्रांस के राष्ट्रपति के द्वारा हमास पर की गई इस टिप्पणी को जबरदस्त समर्थन देखने को मिला।

फिलिस्तीन के राष्ट्रपति ने किया चुनाव का वादा
लंबे समय से गाजा में चल रहे संघर्ष के बीच फिलिस्तीन के राष्ट्रपति के द्वारा बड़ा वादा किया गया। उन्होंने हमास से हथियार छोड़ने की अपील की। फिलिस्तीन के राष्ट्रपति ने बताया कि गाजा में होने वाले शासन में भविष्य में हमास की किसी भी तरह की कोई भूमिका नहीं होगी। जंग खत्म होने के बाद संसदीय चुनाव कराए जाएंगे। संघर्ष खत्म हो जाने के बाद 3 महीने के भीतर अंतिम संविधान तैयार किया जाएगा जिससे कि अथॉरिटी से सत्ता राज्य को स्थानांतरित की जा सके। इसी के साथ फिलिस्तीन के राष्ट्रपति ने जिन देशों के द्वारा फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता प्रदान की गई है उनका धन्यवाद दिया। साथ ही दूसरे देशों से भी ऐसा करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि इसी के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र की पूर्ण सदस्यता दिलाने में भी फिलिस्तीन की मदद करें।
लंबे समय से हमास और इजरायल के बीच संघर्ष चल रहा है। इस बीच बड़ी खबर सामने आ रही है। फिलीस्तीन को तीन देशों के द्वारा एक साथ राष्ट्र की मान्यता दे दी गई है जिसमें ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया शामिल है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता प्रदान करने के बाद अब जल्द शांति स्थापित की जा सकेगी। आने वाले समय में इजराइल के साथ मिलकर फिलिस्तीन सरकार के द्वारा कार्य किया जाएगा। हमास की दोनों देशों के बीच किसी भी तरह की कोई भूमिका नहीं होगी। फिलीस्तीन को आजाद देश की मान्यता देने में कनाडा और ऑस्ट्रेलिया ने भी कदम बढ़ाए हैं। दोनों ही देश के द्वारा भी स्वतंत्र देश की मान्यता की घोषणा कर दी गई है। फिलीस्तीन को अब तक विभिन्न देशों के द्वारा स्वतंत्र देश की मान्यता प्रदान की जा चुकी है जिसमें भारत और चीन भी शामिल है। अब तक फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता प्रदान करने वाले देशों की संख्या 140 से भी अधिक हो चुकी है।