Parag Jain RAW : भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के नए प्रमुख का चयन कर लिया गया है। खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग के नए प्रमुख के तौर पर पराग जैन को चुना गया है। पराग जैन के द्वारा रवि सिन्हा का स्थान लिया जाएगा। अभी तक रिसर्च एंड एनालिसिस विंग की कमान रवि सिन्हा के द्वारा संभाली जा रही थी। खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग के प्रमुख के पद पर चुने गए पराग जैन इससे पूर्व श्रीलंका और कनाडा में भी अपने कार्य का जलवा बिखेर चुके हैं।
भारतीय मिशनों में पराग जैन की भूमिका श्रीलंका और कनाडा में सराहनीय रही थी। खालिस्तान आतंक को लेकर भारत के कनाडा के साथ संबंध बिगड़ रहे थे। ऐसे समय में पराग जैन ने खालिस्तान गतिविधियों पर निगरानी रखते हुए भारत को अहम जानकारी प्रदान की थी। इससे स्पष्ट है कि रॉ के नए प्रमुख पद के लिए चुने गए पराग जैन ऑपरेशन सिंदूर, धारा 370, खालिस्तान आतंक जैसे महत्वपूर्ण मामलों में भारत के लिए संकट मोचन का कार्य निभा चुके हैं।
एडवांस तकनीक से एक बार फिर आतंकी कैंप बना रहा पाकिस्तान
अमेरिका ने खत्म की कनाडा के साथ व्यापार वार्ता, अमेरिकी राष्ट्रपति ने दी जानकारी
भारतीय तेज गेंदबाज यश दयाल पर यौन उत्पीड़न के आरोप
जैन निभा रहे वर्तमान में एविएशन रिसर्च सेंटर की जिम्मेदारी
खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग के नए प्रमुख का पद संभालने के लिए तैयार पराग जैन फिलहाल एविएशन रिसर्च सेंटर के प्रमुख के पद पर कार्यरत हैं। रवि सिन्हा के 30 जून को रिटायर हो जाने के बाद पराग जैन रॉ के प्रमुख की जिम्मेदारी संभालेंगे। इससे पहले पराग जैन के द्वारा विभिन्न महत्वपूर्ण जिम्मेदारियो का निर्वहन किया जा चुका है। पराग जैन इससे पहले पाकिस्तान देश का भी रॉ में नेतृत्व कर चुके हैं। पराग जैन 1989 बैच के पंजाब कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अफसर हैं।
ऑपरेशन सिंदूर में निभाई थी जैन ने अहम भूमिका
कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों के द्वारा हमले किए जाने के बाद भारत सरकार के द्वारा पाकिस्तान पर कठोर कदम उठाए गए थे। पाकिस्तान में स्थित आतंकियों के ठिकानों को नष्ट करने के लिए भारतीय सेना के द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर में भी पराग जैन की भूमिका अहम बताई जा रही थी। पराग जैन ने अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर ऑपरेशन सिंदूर की कार्यप्रणाली का क्रियान्वयन किया था। वर्तमान में पराग जैन रिसर्च एंड एनालिसिस विंग के दूसरे सबसे वरिष्ठतम अफसर है।
इसी का फायदा उन्हें रॉ के प्रमुख के पद पर मिलने जा रहा है। पाकिस्तान में स्थित विभिन्न आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए सटीक मिसाइल निशाना लगाने में पराग जैन ने मुख्य भूमिका निभाई थी। ऑपरेशन सिन्दूर के दौरान हवाई क्षेत्र में पाकिस्तानी विमान तथा अन्य खुफिया जानकारी भारतीय सेना तक पहुंचने में भी उनकी भूमिका अहम रही थी।

पड़ोसी देशों के मामले में एक्सपर्ट जैन
खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग के नए प्रमुख के लिए नामित किए गए पराग जैन भारत के पड़ोसी देशों से संबंधित मामलों के विशेषज्ञ बताए जाते हैं। जमीनी स्तर पर उनके द्वारा लंबे समय से की जा रही मेहनत के कारण उनके कार्य को पसंद किया जाता रहा है। ऑपरेशन सिंदूर में प्रमुख भूमिका निभाने के साथ-साथ पराग जैन के द्वारा इससे पूर्व भारतीय सेना के द्वारा बालाकोट एयर स्ट्राइक के दौरान भी महत्वपूर्ण कार्य किया गया था। खालिस्तानी आतंक, पंजाब में आतंक, धारा 370 जैसे मामलों में भी पराग जैन की भूमिका अहम रही थी।
पाकिस्तान -चीन चुनौती के बीच महत्वपूर्ण नियुक्ति
भारत के वर्तमान में अपने पड़ोसी देशों के साथ संबंध तनावपूर्ण है। चीन और पाकिस्तान के साथ भारत के संबंध लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। इसे देखते हुए पराग जैन की रॉ के प्रमुख के पद पर नियुक्ति महत्वपूर्ण मानी जा रही है। लंबे समय से पाकिस्तान और चीन से तनाव बने रहने के कारण तथा पाकिस्तान और चीन के आपसी गठबंधन को देखते हुए भारत के सामने विभिन्न चुनौती उभर कर आ रही है। ऐसे में विदेश में खुफिया पोस्टिंग, पुलिसिंग अनुभव तथा अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं की दृष्टि से पराग जैन की नियुक्ति को भारत की महत्वपूर्ण सफलता माना जा रहा है।
श्रीलंका और कनाडा में भी दिखा चुके जलवा
खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग के प्रमुख के पद पर चुने गए पराग जैन इससे पूर्व श्रीलंका और कनाडा में भी अपने कार्य का जलवा बिखेर चुके हैं। भारतीय मिशनों में पराग जैन की भूमिका श्रीलंका और कनाडा में सराहनीय रही थी। खालिस्तान आतंक को लेकर भारत के कनाडा के साथ संबंध बिगड़ रहे थे। ऐसे समय में पराग जैन ने खालिस्तान गतिविधियों पर निगरानी रखते हुए भारत को अहम जानकारी प्रदान की थी। इससे स्पष्ट है कि रॉ के नए प्रमुख के लिए चुने गए पराग जैन ऑपरेशन सिंदूर, धारा 370, खालिस्तान आतंक जैसे महत्वपूर्ण मामलों में भारत के लिए संकट मोचन का कार्य निभा चुके हैं।