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ट्रंप ने फिर शुरू किया ‘प्रेसिडेंशियल फिटनेस टेस्ट’; ओबामा सरकार ने लगाई थी रोक

Presidential Fitness Test : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा एक बार फिर प्रेसिडेंशियल फिटनेस टेस्ट को अमेरिका में लागू करने की घोषणा कर दी गई है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर लगातार विभिन्न मुद्दों को लेकर सक्रिय दिखाई दे रहे हैं। टैरिफ के मुद्दे पर दुनिया विभिन्न देशों को लेकर ऐलान करने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा एक बार फिर प्रेसिडेंशियल फिटनेस टेस्ट को अमेरिका में लागू करने का निर्णय लिया गया है। प्रेसीडेंशियल फ़िटनेस टेस्ट अमेरिका में पूर्व में भी लागू रह चुका है लेकिन ओबामा सरकार के द्वारा इसे बंद कर दिया गया था।

अमेरिका में यह देखा जा रहा है कि लगातार विभिन्न बीमारियों से ग्रसित लोगों की संख्या में वृद्धि हो रही है। ऐसे में हाल ही आई स्वास्थ्य विभाग की एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में हृदय रोग मधुमेह और मोटापा का खतरा काफी ज्यादा बढ़ रहा है। लगभग 85% किशोर सरकार के द्वारा जारी की गई गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे हैं। जिनमें 6 से 17 वर्ष के 70% बच्चे भी शामिल हैं। इसे देखते हुए ही अमेरिकी सरकार के द्वारा एक बार फिर से प्रेसिडेंशियल फिटनेस टेस्ट को लागू करने का निर्णय लिया गया है। इस कार्यक्रम को एक बार फिर स्टार्ट करने के पीछे अमेरिकी सरकार का उद्देश्य बच्चों की फिटनेस को सुधारना है।

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1956 से 2012 तक लागू था फिटनेस टेस्ट

प्रेसीडेंशियल फिटनेस टेस्ट 6 से 17 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए अमेरिका में टेस्ट है। इस टेस्ट में शारीरिक क्षमता का पता लगाने के लिए विभिन्न गतिविधियां कराई जाती हैं। इन गतिविधियों में सीट अप, पुश अप, पुल तथा दौड़ जैसी गतिविधियां शामिल हैं। जिन बच्चों के द्वारा इन गतिविधियों अर्थात प्रेसिडेंशियल फिटनेस टेस्ट में 85% या उससे ऊपर का स्कोर किया जाता है उन्हें अमेरिका सरकार की तरफ से प्रेसिडेंशियल फिजिकल फिटनेस अवार्ड दिया जाता है। अमेरिका में यह 1956 में लागू किया गया था।  1956 में लागू होने के बाद लगातार और 2012 तक यह अमेरिकी स्कूलों में लागू रहा था। इस टेस्ट का उद्देश्य बच्चों की लचीला पन छमता परखना, सहनशक्ति और बच्चों की ताकत का पता लगाना था।

Presidential Fitness Test को अमेरिका में फिर से लागू किया जा रहा है। इसका उद्देश्य बच्चों में मोटापा, मधुमेह और हृदय रोग की दर को कम करना है।
Presidential Fitness Test को अमेरिका में फिर से लागू किया जा रहा है। इसका उद्देश्य बच्चों में मोटापा, मधुमेह और हृदय रोग की दर को कम करना है।
बराक ओबामा ने लगाई थी रोक

1956 में लागू हुए प्रेसिडेंशियल फिटनेस टेस्ट को 2012 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा के द्वारा बंद करने का निर्णय लिया गया था। बराक ओबामा के द्वारा प्रेसीडेंशियल फिटनेस टेस्ट को बंद करते हुए इसकी जगह प्रेसिडेंशियल यूथ फिटनेस प्रोग्राम चलाया गया था। ओबामा सरकार के द्वारा लाये गए नए मॉडल में व्यक्तिगत प्रगति पर ध्यान दिया गया। प्रेसीडेंशियल यूथ फिटनेस प्रोग्राम में एक मूल्यांकन प्रणाली अपनाई गई जिसका नाम फिटनेस ग्राम रखा गया। इस फिटनेस प्रोग्राम में सहनशक्ति, बॉडी कंपोजिशन, एरोबिक क्षमता का माप किया जाता था। सर्वप्रथम प्रेसिडेंशियल फिटनेस टेस्ट को 1956 में तत्कालीन राष्ट्रपति की सहमति से शुरू किया गया था। अमेरिकी बच्चों की बुनियादी फिजिकल फिटनेस में असफलता को देखते हुए यह निर्णय लिया गया था। उसी समय यूरोप में फिजिकल फिटनेस वीकनेस का आंकड़ा कम था। जबकि अमेरिका में उसकी तुलना में बहुत ज्यादा था।

लगातार बढ़ रही समस्याओं के कारण ट्रम्प ने लिया फैसला

अमेरिका में यह देखा जा रहा है कि लगातार विभिन्न बीमारियों से ग्रसित लोगों की संख्या में वृद्धि हो रही है। ऐसे में हाल ही आई स्वास्थ्य विभाग की एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में हृदय रोग मधुमेह और मोटापा का खतरा काफी ज्यादा बढ़ रहा है। लगभग 85% किशोर सरकार के द्वारा जारी की गई गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे हैं। जिनमें 6 से 17 वर्ष के 70% बच्चे भी शामिल हैं। इसे देखते हुए ही अमेरिकी सरकार के द्वारा एक बार फिर से प्रेसिडेंशियल फिटनेस टेस्ट को लागू करने का निर्णय लिया गया है। इस कार्यक्रम को एक बार फिर स्टार्ट करने के पीछे अमेरिकी सरकार का उद्देश्य बच्चों की फिटनेस को सुधारना है। सर्वप्रथम प्रेसिडेंशियल फिटनेस टेस्ट को 1956 में तत्कालीन राष्ट्रपति की सहमति से शुरू किया गया था। अमेरिकी बच्चों की बुनियादी फिजिकल फिटनेस में असफलता को देखते हुए यह निर्णय लिया गया था। उसी समय यूरोप में फिजिकल फिटनेस वीकनेस का आंकड़ा कम था। जबकि अमेरिका में उसकी तुलना में बहुत ज्यादा था।

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