Priyanka Gandhi Gaza : कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के द्वारा गाजा में चल रही स्थिति को लेकर चिंता व्यक्त की गई। उन्होंने कहा कि गाजा में नरसंहार को लेकर भारत सरकार लगातार खामोश है। भारत सरकार के द्वारा फिलिस्तीन लोगों की पीड़ा को नहीं समझा जा रहा है जबकि इजरायल के द्वारा फिलिस्तीन के नागरिकों पर तबाही की जा रही है। इजराइल के राजदूत को लेकर प्रियंका गांधी ने कहा कि वह लगातार गलत बयान बाजी कर रहे हैं। गाजा में लंबे समय से इजरायल और हमास के बीच संघर्ष जारी है। अब तक इस संघर्ष में हजारों लोगों की जान जा चुकी है। दुनिया के विभिन्न देशों के द्वारा इजराइल के द्वारा उठाए जा रहे हैं। कदमों को अनुचित बताया जा रहा है। दोनों पक्षों के बीच कई बार शांति वार्ता होने के बावजूद अभी तक संघर्ष विराम पर सहमति नहीं बनी है।
चुप्पी से अपराध को बढ़ावा देना भी अपराध- प्रियंका
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा कि यदि किसी अपराध को लेकर चुप्पी साधी जाती है तो उस से अपराध को बढ़ावा मिलता है। अपराधों को बढ़ावा देना भी अपराध है। भारत सरकार के द्वारा इस मुद्दे पर लगातार मौन साधा जा रहा है। यह काफी शर्मनाक है। भारत के द्वारा इसराइल पर उस स्थिति में भी चुप्पी साधी जा रही है जब इजरायल के द्वारा फिलिस्तीन में बड़े स्तर पर लोगों के साथ बर्बाद की जा रही है। पत्रकारों की बेरहमी से हत्या की जा रही है। सोशल मीडिया पर प्रियंका गांधी ने गाजा में चल रही भुखमरी की स्थिति को लेकर भी चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि यदि दोनों पक्षों के बीच जल्द संघर्ष विराम नहीं कराया गया तो लाखों लोग भुखमरी के शिकार होंगे। इससे पहले भारत में इजरायल के राजदूत ने गाजा में चल रहे संघर्ष को लेकर कहा था कि इजरायल के द्वारा बड़े स्तर पर हमास आतंकवादियों को मार गिराया गया है। दूसरी तरफ आम नागरिकों की मौत के लिए इजरायल के राजदूत ने हमास को जिम्मेदार ठहराया है।
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लंबे समय से गाजा में इजरायल और हमास के बीच संघर्ष चल रहा है। गाजा में चल रहे संघर्ष के कारण इजरायल की कई देशों के द्वारा लगातार आलोचना की जा रही है। गाजा में भुखमरी के हालात पैदा है। इसी बीच विभिन्न देशों के द्वारा लगातार फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता देने की घोषणा की जा रही है। फ्रांस से कनाडा ब्रिटेन जैसे देशों के द्वारा यह कदम उठाए जाने के बाद अब ऑस्ट्रेलिया भी जल्द फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता देने वाला है। ऑस्ट्रेलिया की तरफ से यह ऐलान देश के प्रधानमंत्री के द्वारा किया गया। रिपोर्ट के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री के द्वारा फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता देने संबंधित फैसला सितंबर के महीने में लिया जाएगा।
अब तक बच रहा था ऑस्ट्रेलिया
कुछ समय पहले फ्रांस कनाडा और ब्रिटेन के द्वारा फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता दी गई थी। फ्रांस के द्वारा जब फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता की घोषणा की गई थी उस समय फ्रांस ने दुनिया के दूसरे देशों से भी इसे लेकर अपील की थी। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री के द्वारा उस समय कहा गया था कि ऑस्ट्रेलिया फिलहाल ऐसा कोई कदम उठाना नहीं चाहता है लेकिन अब आस्ट्रेलिया ने फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश को मान्यता देने की घोषणा की है। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने कहा कि जापान फ्रांस और ब्रिटेन जैसे देशों के नेताओं से बातचीत करने के बाद फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता देने का फैसला ऑस्ट्रेलिया के द्वारा किया गया है। इसी के साथ यह भी खबर सामने आ रही है कि न्यूजीलैंड के द्वारा भी जल्द फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता दी जा सकती है। इसके लिए देश में विचार किया जा रहा है। देश की विदेश मंत्री के द्वारा यह बयान दिया गया।
शर्तों के साथ मिलेगी मान्यता
ऑस्ट्रेलिया ने फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता देने की घोषणा तो कर दी है लेकिन इसके साथ-साथ उसके द्वारा फिलिस्तीन के सामने कुछ शर्ते भी रखी गई है। फिलिस्तीन प्राधिकरण को यह वादा करना होगा कि उसके अधिकार क्षेत्र वाले इलाकों में मलेशिया और हथियार बंद गढ़ खत्म होंगे। ऑस्ट्रेलिया के द्वारा फिलिस्तीन में स्वतंत्र देश की मान्यता को देने के साथ जल्द आम चुनाव कराने की शर्त भी रखी गई है। लंबे समय से गाजा में चल रहे इजरायल और हमास के संघर्ष को देखते हुए अब दुनिया के देशों के द्वारा इस पर प्रतिक्रिया देना शुरू कर दी गई है।
कुछ समय पहले फ्रांस के द्वारा फिलीस्तीन को एक स्वतंत्र देश की मान्यता देने की घोषणा की गई थी। इसके कुछ दिन बाद ही ब्रिटेन ने भी यही रास्ता अपनाया था। फ्रांस और ब्रिटेन के द्वारा फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता देने की घोषणा करने के बाद अब कनाडा ने भी फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता देने का ऐलान किया है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने इसका ऐलान कर दिया है। बताया जा रहा है कि सितंबर 2025 में होने वाली संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान औपचारिक रूप से इसका ऐलान कर दिया जाएगा। पिछले कुछ दिनों में फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता देने वाले तीन प्रमुख देश फ्रांस, ब्रिटेन और कनाडा के समर्थन से फिलिस्तीन का हौसला बुलंद हो रहा है।

शर्तों के साथ कनाडा भी देगा मान्यता
कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता देने की घोषणा तो कर दी लेकिन इसके साथ ही हो उन्होंने फिलिस्तीन के सामने कुछ शर्ते भी रखी है। इन्हें पूरा करने पर फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता जारी रहेगी। शर्तों के मुताबिक फिलिस्तीन में अगले वर्ष चुनाव कराना अनिवार्य होगा। फिलिस्तीन में 2006 के बाद चुनाव नहीं कराए गए हैं। लंबे समय बाद होने वाले चुनाव में हमास की किसी भी तरह की भागीदारी नहीं होगी। हमास को एक आतंकवादी संगठन के तरीके से ट्रीट किया जाएगा। फिलीस्तीन को हथियार और लड़ाकू क्षमताओं से मुक्त क्षेत्र बनाया जाएगा। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के द्वारा यह भी बताया गया कि फिलीस्तीन के राष्ट्रपति के द्वारा इन शर्तों पर सहमति जाता दी गई है। ऐसे में गाजा में जो हो रहा है वह मानवता के खिलाफ है और उसे देखते हुए यह कदम उठाना आवश्यक हो गया था।
फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र देश की मान्यता देने का एलान केर चुका फ्रांस
फ्रांस के द्वारा बड़ी घोषणा की गई है। फ्रांस का कहना है कि उसके द्वारा जल्द ही फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र देश की मान्यता दे दी जाएगी। फ्रांस के राष्ट्रपति के द्वारा यह ऐलान किया गया है। सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान फ्रांस के द्वारा औपचारिक रूप से फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता दी जाएगी। सोशल मीडिया पर यह जानकारी देते हुए फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा कि मिडिल ईस्ट में स्थाई शांति की तरफ कदम बढ़ाते हुए फ्रांस की तरफ से यह निर्णय लिया गया है कि फिलीस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता दी जाए। फ्रांस की प्रतिबद्धता के तहत उन्होंने यह फैसला लिया है। गाजा में लंबे समय से चल रही जंग को रोकना जरूरी हो गया है ताकि नागरिकों की जान बचाई जा सके। फ्रांस के द्वारा किए गए इस ऐलान के बाद फिलिस्तीन में बड़े स्तर पर खुशी जताई जा रही है। दूसरी तरफ इजरायल के द्वारा इस फैसले का विरोध किया जा रहा है।