Pulwama Attack Report : 2019 में सेना के काफिले पर हुए आतंकी हमले को अभी तक भी भारतीय लोग भूल नहीं सके हैं। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में उपयोग लिया गया विस्फोटक पदार्थ आतंकियों के द्वारा ऑनलाइन खरीदा गया था। बताया जा रहा है कि आतंकियों ने अमेजॉन वेबसाइट से इसे खरीदा था। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया है आपको बता दे कि सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमला होने के बाद इसमें सेना के जवानों की बड़ी संख्या में मौत हुई थी। अमेजॉन एक ई-कॉमर्स वेबसाइट है जिसके माध्यम से विभिन्न तरह के पदार्थ तथा डिलीवरी ऑनलाइन की जाती है।
ई-कॉमर्स तथा डिजिटल भुगतान से मिलता है आतंक को बढ़ावा -रिपोर्ट
दुनिया भर में आतंकी फंडिंग की घटनाओं पर नजर रखने वाली एजेंसी फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स के द्वारा यह दावा किया जा रहा है कि ई-कॉमर्स तथा डिजिटल भुगतान के द्वारा आतंक को बढ़ावा दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यदि ई-कॉमर्स तथा डिजिटल भुगतान का संचालन गलत तरीके से किया जाए और इन सेवाओं का अधिकार यदि गलत हाथों में चला जाए तो इससे आतंक को मजबूत होने में मदद मिलेगी। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की रिपोर्ट में यूपी के गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर हमले का जिक्र भी किया गया है। इस मंदिर पर 2022 में हमला किया गया था। रिपोर्ट में यह बताया गया है कि आतंकवादियों ने किस तरह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया गया था। आतंकी संगठन अब अपने पारंपरिक फंडिंग तरीकों के साथ-साथ सोशल मीडिया, ऑनलाइन पेमें,ट गेमिंग, प्लेटफार्म तथा डिजिटल माध्यम का भी इस्तेमाल कर रहे हैं।
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होना चाहिए ठोस उपाय
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने सरकार और डिजिटल कंपनियों को चेतावनी देते हुए कहा कि दुनिया भर में इन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स का दुरुपयोग किया जा रहा है। यदि समय रहते ठोस उपाय नहीं उठाए गए तो आने वाले समय में यह समस्या का सबक बन सकता है। उन्होंने कहा कि आतंकी संगठन तथा अपराधियों के लिए यह एक नया जरिया बन गया है। जल्द से जल्द इसे रोकने के उपाय बनाए जाने चाहिए। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि आतंकवाद को लंबे समय से हो रही फंडिंग को रोकने और समझने की क्षमता हर किसी देश में नहीं है। आतंकी संगठन इसी कमजोरी का लगातार फायदा उठाते हुए नजर आ रहे हैं। विभिन्न आतंकी संगठनों के द्वारा लगातार अंतर्राष्ट्रीय फाइनेंशियल सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता रहा है।

रिपोर्ट में पुलवामा तथा गोरखनाथ मंदिर हमले का जिक्र
दुनिया भर में आतंकी फंडिंग पर नजर रखने वाली एजेंसी फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स के द्वारा पेश किए गए रिपोर्ट में भारत की दो बड़ी आतंकी घटनाओं का जिक्र किया गया है। इस रिपोर्ट में पुलवामा हमले के साथ-साथ गोरखनाथ मंदिर पर हुए हमले का भी जिक्र किया गया है। पुलवामा हमला 14 फरवरी 2019 को किया गया था जबकि गोरखनाथ मंदिर पर 4 अप्रैल 2022 में हमला हुआ था। पुलवामा हमले में आतंकियों ने सेना के काफिले में अपनी कार को उड़ा लिया था जबकि गोरखपुर मंदिर में एक शख्स के द्वारा सुरक्षा कर्मियों पर हमला किया गया था।
पुलवामा हमले में शहीद हुए थे 40 जवान
श्रीनगर के जम्मू हाईवे से गुजर रहे सीआरपीएफ के काफिले पर 14 फरवरी 2019 को अचानक हमला किया गया था। जैसे ही सेना का काफिला पुलवामा के पास पहुंचा था तभी विस्फोटक से लदी एक कर सीआरपीएफ के काफिले में शामिल हो गई थी। बताया जा रहा है कि इस विस्फोटक से लदी गाड़ी में लगभग 200 किलो विस्फोटक था। काफिले में शामिल होने के बाद इस गाड़ी को आतंकियों के द्वारा उड़ा दिया गया था। विस्फोट इतना खतरनाक था कि इस गाड़ी के साथ-साथ सेना के जवानों की गाड़ी भी पूरी तरह नष्ट हो गई थी।
इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे। ऐसे में रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया है कि पुलवामा हमले में उपयोग में लिए गए विस्फोटक को आतंकियों के द्वारा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से खरीदा गया था। दूसरी तरफ एजेंसी की रिपोर्ट में गोरखनाथ मंदिर हमले का जिक्र किया गया है। यह हमला 4 अप्रैल 2022 को किया गया था। एक शख्स के द्वारा धारदार दरांती से सुरक्षा कर्मियों पर हमला कर दिया गया था जिसमें एक जवान गंभीर रूप से घायल हो गया था। हमला कर देने के बाद सुरक्षा कर्मियों के द्वारा हमला करने वाले मुर्तजा अब्बासी को पकड़ लिया था।