RahuI Gandhi Allegations : कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार चुनाव आयोग पर सवाल खड़े करते रहे हैं। यह पहली बार नहीं है जब राहुल गांधी के द्वारा चुनाव आयोग पर सवालिया निशान लगाए गए हैं उससे पहले भी कई बार वह चुनाव आयोग की मंशा पर संदेह जता चुके हैं। राहुल गांधी ने कहा कि भारत का इलेक्शन सिस्टम मर चुका है। हम आने वाले समय में लोकसभा में यह साबित कर देंगे कि किस तरह चुनाव आयोग के द्वारा चुनाव में धांधली की जा रही है। किस तरह चुनाव में धांधली हो सकती है और कैसे इसे लेकर हमारे द्वारा लगातार कार्य किया जा रहा है। दूसरी तरफ चुनाव आयोग के द्वारा राहुल गांधी के लगाए आरोपों पर कहा गया कि उन्हें जून में चर्चा के लिए बुलाया गया था लेकिन वह मौजूद नहीं आ पाए थे।
धांधली न होती तो मोदी नहीं होते प्रधानमंत्री -राहुल
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि यदि चुनाव में धांधली नहीं होती तो प्रधानमंत्री मोदी भारत के प्रधानमंत्री नहीं होते। भारतीय प्रधानमंत्री के पास बहुत कम बहुमत मौजूद है। यदि 10 -15 सीटों पर भी चुनाव में गड़बड़ी नहीं होती तो वह भारत के प्रधानमंत्री नहीं बन पाते। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के द्वारा यह बात दिल्ली में आयोजित एक समारोह में कही गई। इससे पहले भी राहुल गांधी चुनाव आयोग और उसके अधिकारियों को संदेह के घेरे में खड़े कर चुके हैं।
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2014 से लगातार सिस्टम पर संदेह -राहुल
राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें चुनाव आयोग पर संदेह 2014 से ही हो रहा है। भारतीय जनता पार्टी के द्वारा इतनी बड़ी जीत प्राप्त करना आश्चर्यजनक था। संदेह होने के बावजूद मै कुछ कह नहीं रहा था क्योंकि हम सबूत इकट्ठा करने की कोशिश कर रहे थे। अब हमारे पास पर्याप्त सबूत हैं और मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ यह कह सकता हूं कि चुनाव आयोग के द्वारा चुनाव में गड़बड़ी की गई। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में हमारे द्वारा जीत दर्ज की गई लेकिन सिर्फ 4 महीने बाद हम हारे ही नहीं बल्कि पूरी तरह से खत्म हो गए। लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बीच महाराष्ट्र में एक करोड़ नए मतदाता जोड़े गए। इनमें से जोड़े गए मतदाताओं में सबसे ज्यादा वोटर भारतीय जनता पार्टी के समर्थक थे।
संविधान की रक्षा करने वाली संस्था को लगातार कब्जे में लिया जा रहा है। चुनाव आयोग जैसी संस्था का कोई अस्तित्व नहीं रह गया है। इसके सबूत हमारे पास है जो आने वाले समय में दिखा दिए जाएंगे। चुनाव आयोग के द्वारा उपलब्ध कराया जाने वाले दस्तावेजों को स्कैन या कॉपी करने की इजाजत नहीं दी जाती। यह जानकर आपको हैरानी होगी। चुनाव आयोग की जैसी संस्था ठीक से कार्य नहीं कर पा रही है। इस समारोह के दौरान जब ‘देश का राजा कैसा हो राहुल गांधी जैसा हो’ नारे लगे तो राहुल गांधी ने इस पर कहा कि मैं राजा नहीं हूं और भविष्य में राजा बनना भी नहीं चाहता हूं। मैं राजा के कॉन्सेप्ट के बिलकुल खिलाफ हूं।

चुनाव आयोग 12 जून को राहुल को भेज चुका चर्चा के लिए पत्र
राहुल गांधी के द्वारा लगातार चुनाव आयोग पर आरोप लगाए जा रहे हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव तथा दूसरे मुद्दों को लेकर लगाए गए आरोपों के बाद चुनाव आयोग के द्वारा 12 जून को राहुल गांधी को इन आरोपों पर चर्चा करने के लिए बुलाया गया था। राहुल गांधी को इसके लिए एक पत्र भेजा गया था। भेजे गए पत्र में उनके द्वारा दिए गए बयानों को साबित करने की बात कही गई थी लेकिन राहुल गांधी के द्वारा इस पत्र का जवाब अभी तक नहीं दिया गया है और ना ही राहुल गांधी के द्वारा चुनाव आयोग से मुलाकात की गई है। राहुल गांधी ने कहा कि उनकी बहन प्रियंका गांधी ने उनसे कहा कि मैं आग से खेल रहा हूं लेकिन मैंने जवाब दिया कि मुझे पसंद है। मेरे परिवार ने कायरो के खिलाफ लड़ना मुझे सिखाया है।
चुनाव आयोग पर लगा चुके वोट चोरी का आरोप
राहुल गांधी इस से पहले चुनाव आयोग पर वोट चोरी करने का आरोप भी लगा चुके हैं। 1 अगस्त को राहुल गांधी के द्वारा दिए गए बयान के मुताबिक चुनाव आयोग लगातार वोटो की चोरी कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा था कि इसे लेकर उनके पास पर्याप्त सबूत हैं। हमारे पास एटम बम मौजूद है। जब यह बम फटेगा तो चुनाव आयोग नहीं बचेगा। इसके जवाब में भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राहुल गांधी को जवाब देते हुए कहा था कि यदि उनके पास परमाणु बम है तो उसे फोड़ दें लेकिन इतना जरूर ख्याल रखें कि आप खुद सुरक्षित रहें।
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपी को बताया बेबुनियाद
राहुल गांधी के द्वारा लगाए गए आरोप को चुनाव आयोग के द्वारा बेबुनियाद करार दिया गया है। साथ ही चुनाव आयोग ने कांग्रेस तथा राहुल गांधी से कहा कि यदि उन्हें किसी भी प्रकार की कोई आपत्ति है तो वह कोर्ट की शरण ले सकते हैं। राहुल गांधी के द्वारा लगातार दी जा रही धमकियों के बावजूद हम सभी चुनाव अधिकारियों से कहना चाहते हैं कि वह पूर्व की भांति ही पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से अपने कार्य को जारी रखें। गैर जिम्मेदारना बयानों को नजरअंदाज करें। राहुल गांधी के द्वारा कभी भी इस मुद्दे पर चुनाव आयोग को कोई पत्र नहीं भेजा गया है। राहुल गांधी के आरोप बेतुके हैं। उनके द्वारा अब चुनाव आयोग के कर्मचारियों को धमकाना भी शुरू कर दिया गया है।