Rahul Gandhi Election Commission पर लगातार सवाल उठा रहे हैं। बिहार से वोटर अधिकार यात्रा शुरू कर आयोग पर गड़बड़ी के आरोप लगाए।

चुनाव आयोग का राहुल पर पलटवार; माफी मांगे या 7 दिन में पेश करें हलफनामा

Rahul Gandhi Election Commission : कांग्रेस नेता राहुल गांधी और विपक्ष लगातार चुनाव आयोग पर सवाल खड़े कर रहे हैं। राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी का आरोप है कि चुनाव आयोग के द्वारा भारतीय जनता पार्टी को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से चुनाव में गड़बड़ी की जा रही है। इसे लेकर राहुल के द्वारा बिहार में वोटर अधिकार यात्रा की भी शुरुआत की गई। चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के द्वारा लगाए गए आरोपों पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए स्पष्ट किया कि राहुल गांधी को 7 दिन में हलफनामा पेश करना होगा अन्यथा देश से माफी मांगे। इन दोनों विकल्पों के अलावा राहुल गांधी के लिए और कोई तीसरा विकल्प नहीं है। निर्वाचन आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए विपक्ष के द्वारा लगाए जा रहे वोट चोरी और बिहार में मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण में गड़बड़ी के आरोपों का जवाब दिया।

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हलफनामा नहीं तो आरोप माने जाएंगे बेबुनियाद

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानिश कुमार के द्वारा की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में लगभग 85 मिनट तक उन्होंने राहुल गांधी के द्वारा लगाए गए आरोपों पर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को 7 दिन में हलफनामा देना होगा। यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो उनके द्वारा लगाए गए सभी आरोप बे बुनियाद माने जाएंगे। किसी भी व्यक्ति के द्वारा यदि उस निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता नहीं होते हुए भी शिकायत दर्ज कराई जाती है तो वह केवल शपथ लेकर ही यह कार्य कर सकता है। चुनाव आयोग ने एक बार फिर वोट चोरी जैसे शब्दों को संविधान का अपमान बताया। मशीन से पढ़ी जाने वाली मतदाता सूची उपलब्ध नहीं करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह वोटर की निजी जानकारी का हनन होगा जिसे सुप्रीम कोर्ट भी मान चुका है। सीसीटीवी वीडियो या वोटिंग का वीडियो किसी को शेयर करना माता बहू और बेटी के लिए उचित नहीं होगा। आयोग लगातार ईमानदारी से कार्य कर रहा है। चुनाव आयोग के लिए कोई पक्ष और विपक्ष नहीं है सब समक्ष हैं।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के द्वारा वोटर अधिकार यात्रा की शुरुआत की गयी। उनके द्वारा शुरू की जा रही इस यात्रा के दौरान कुल 16 दिन में 1300 किलोमीटर का सफर तय किया जाएगा। यह यात्रा लगभग 20 से ज्यादा जिलों से गुजरेगी। वोटर अधिकार यात्रा की शुरुआत राहुल गांधी के द्वारा 17 अगस्त को बिहार के सासाराम से की जाएगी और इसकी समाप्ति 1 सितंबर को बिहार के पटना में होगी। यात्रा की समाप्ति के अवसर पर एक बड़ी रैली का आयोजन किया जाएगा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और विपक्ष के द्वारा लगातार चुनाव आयोग पर चुनाव में गड़बड़ी के आरोप लगाया जा रहे हैं। उसी उद्देश्य से इस यात्रा को निकाला जा रहा है।

बुनियादी अधिकार बचाने के लिए लड़ाई -राहुल गांधी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि वोटर अधिकार यात्रा के द्वारा वह हर नागरिक के बुनियादी अधिकार की रक्षा करने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। 1 वोटर 1 वोट को बचाने की यह लोकतांत्रिक लड़ाई है। कांग्रेस पार्टी के द्वारा वोट चोरी के आरोप को लेकर अब सरकार और चुनाव आयोग पर प्रहार करना और तेज कर दिया है। कांग्रेस पार्टी की तरफ से लापता वोट के नाम से एक वीडियो जारी किया गया है जिसमें चुनाव आयोग को लेकर संदेश दिया गया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार चुनाव आयोग पर सवाल खड़े कर रहे हैं। राहुल गांधी के द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद कांग्रेस समेत विपक्ष के द्वारा चुनाव आयोग के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है। राहुल गांधी ने कहा कि यह मामला सिर्फ एक सीट का नहीं है बल्कि ऐसी बहुत सारी सीट हैं जहां पर वोटर लिस्ट में बड़े स्तर पर गड़बड़ी की गई है। राष्ट्रीय स्तर पर इस कार्य को बड़े ही सिस्टमैटिकली किया जा रहा है। चुनाव आयोग पर एक बार फिर बयान देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव आयोग और हम दोनों ही इस बात को जानते हैं। पहले हमारे पास इस गड़बड़ी को लेकर किसी भी तरह के कोई सबूत नहीं थे लेकिन अब हमारे पास सबूत मौजूद हैं।

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Rahul Gandhi Election Commission पर लगातार सवाल उठा रहे हैं। बिहार से वोटर अधिकार यात्रा शुरू कर आयोग पर गड़बड़ी के आरोप लगाए।
सबूत जुटाने में लगे 6 महीने -राहुल

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव आयोग के द्वारा हमें ऐसे डाटा उपलब्ध नहीं कराए जिनको मशीन के द्वारा पढ़ा जा सके। हमारे द्वारा लगातार मैन्युअल चेकिंग करने के बाद सबूत उठाए गए हैं। यदि इन सबूतो को एक गड्डी बनाकर रख दिया जाए तो इनकी ऊंचाई 7 फीट होगी। राहुल गांधी ने दावा किया कि चुनाव आयोग के द्वारा की गई गड़बड़ी का सबूत प्राप्त करने के लिए उन्हें करीब 6 महीने का समय लगा है। भारतीय जनता पार्टी की जीत पर उन्होंने कहा कि सभी सरकारों पर एन्टीइन्कम्बेंसी का असर देखने को मिलता है लेकिन भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी दल इससे प्रभावित नहीं होते हैं। मतदाताओं को जानबूझकर चुनाव आयोग के द्वारा ऐसी वोटर लिस्ट प्रदान की जाती है जिससे कि इलेक्ट्रॉनिक डाटा प्राप्त नहीं किया जा सके।

पुराने समय में कम तकनीक होने के बावजूद भी चुनाव जल्दी संपन्न हो जाते थे लेकिन अब महीनो तक चुनाव चलते रहते हैं। चुनाव आयोग को यह स्पष्ट करना चाहिए कि आखिर इतनी टेक्नोलॉजी होने के बावजूद एक दिन में चुनाव संपन्न क्यों नहीं हो पा रहे हैं। यदि चुनाव में गड़बड़ी नहीं है तो चुनाव आयोग को सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराने चाहिए ताकि किसी भी प्रकार का कोई सबूत नहीं बचे। चुनाव आयोग फर्जी वोटिंग रोकने के प्रयास करने के बजाय अपने सबूत को छुपाने की कोशिश कर रहा है। ऐसे में इस मामले में न्यायपालिका को दखल देना चाहिए। चुनाव के द्वारा किसी भी पार्टी को जीतने का माध्यम न बनते हुए चुनाव की रक्षा करनी होगी।

 

आयोग के रिकॉर्ड से नहीं मिल रहे राहुल के सबूत

चुनाव आयोग की तरफ से राहुल गांधी को भेजे गए पत्र में यह लिखा गया है कि उन्होंने अपनी प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जो दस्तावेज और स्क्रीनशॉट दिखाते हुए चुनाव आयोग पर आरोप लगाए थे वह दस्तावेज और स्क्रीनशॉट चुनाव आयोग के रिकॉर्ड से नहीं मिल रहे हैं। राहुल गांधी के द्वारा जिस महिला को लेकर आरोप लगाया गया था उस महिला ने भी इस बात को स्पष्ट तौर पर झूठा करार दिया है। राहुल गांधी ने एक महिला के दो बार वोट डालने का आरोप लगाया था। भेजे गए पत्र में कर्नाटक के मुख्य चुनाव अधिकारी के द्वारा राहुल गांधी से वह सभी दस्तावेज उपलब्ध कराने की बात कही गई है जिनके आधार पर राहुल गांधी के द्वारा चुनाव आयोग पर आरोप लगाए गए हैं।

राहुल लगातार उठा रहे सवाल

राहुल गांधी के द्वारा लगातार चुनाव आयोग पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इससे पहले भी वह महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग की मंशा पर शक जता चुके हैं। राहुल गांधी का आरोप है कि चुनाव आयोग के द्वारा भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर कांग्रेस पार्टी और उसके सहयोगी दलों को हराया गया है। उन्होंने यह भी दावा किया था कि यदि चुनाव आयोग का साथ नहीं होता तो भारतीय जनता पार्टी का प्रधानमंत्री नहीं होता। चुनाव आयोग के द्वारा राहुल गांधी के लगाए गए आरोपों के बाद राहुल गांधी को एक पत्र लिखा गया था जिसमें उन्होंने राहुल गांधी को चुनाव आयोग के समक्ष उपस्थित होने को कहा था लेकिन राहुल गांधी के द्वारा इस पत्र का किसी भी तरह का जवाब अभी तक चुनाव आयोग को नहीं दिया गया है।

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