Russia Ukraine War पर भारत ने आपत्ति जताई, भारतीय नागरिकों को जबरन सेना में भर्ती करने का आरोप, विदेश मंत्रालय ने सतर्क रहने की सलाह दी।

रूस में भारतीय नागरिकों को सेना में शामिल करने पर रोक लगाने की भारत ने की मांग

Russia Ukraine War : रूस और यूक्रेन के बीच लंबे समय से युद्ध चल रहा है। दोनों ही देश की सेनाओ के द्वारा लगातार एक दूसरे पर हमले किए जा रहे हैं। इसी बीच भारतीय नागरिकों का वीडियो वायरल होने के बाद भारत सरकार के द्वारा रूस से बड़ी मांग की गई है। कुछ नागरिकों ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी करते हुए कहा था कि उन्हें जबरदस्ती रूस की सेना में शामिल किया जा रहा है। उनके कुछ साथी पहले भी रूस की सेना में शामिल किये जा चुके हैं जिनकी मौत हो चुकी है। इसे लेकर उन्होंने भारत सरकार से बचाने की अपील की थी। भारत सरकार के द्वारा अब रूस से इस कार्रवाई को रोकने की मांग की गई है। भारत की मांग है कि रूस की सेना भर्ती में चली आ रही इस प्रथा को जल्द से जल्द बंद किया जाए। साथ ही इससे पहले रूस की सेना में शामिल कर लिए गए भारतीय नागरिकों को जल्द ही छोड़ दिया जाए। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के द्वारा साथ ही भारतीय नागरिकों को इसे लेकर सलाह दी गई है। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह के ऐसे ऑफर से दूर रहे क्योंकि यह रास्ता खतरनाक साबित हो सकता है।

अच्छे समझौते के लिए मोदी से करूंगा बातचीत : डोनाल्ड ट्रंप

नेपाल हिंसा में फंसे भारतीय नागरिक; सरकार से बचाव की अपील

इजराइल के हमले में बाल- बाल बचे हमास लीडर; इजरायल की सेना ने किये हमले

मोदी के गुरदासपुर दौरे से पहले खालिस्तान को भड़काने की साजिश

रूस पर पहले भी लगे हैं आरोप

रूस यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद रूस पर यह आरोप पहले भी सामने आए थे। विभिन्न देशों का कहना है कि रूस के द्वारा किराए की सेना बनाई जा रही है जिसमें जबरदस्ती दूसरे देशों के लोगों को शामिल किया जा रहा है। रूस में नौकरी की तलाश में पहुंचे विभिन्न देशों के नागरिकों को रूस की सेना में शामिल किया जा रहा है। भारत के द्वारा रूस की मिलिट्री यूनिट में अलग-अलग पद पर कार्य कर रहे भारतीय नागरिकों को रिहा करने की मांग की गई है। लोगों को रूस के द्वारा नौकरी का झूठा दिलासा देते हुए युद्ध क्षेत्र में भेजा जा रहा है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा भी अपनी रूस यात्रा के दौरान यह मुद्दा उठाया गया था।

यूक्रेन की दूसरे देशों से मदद की मांग

रूस के द्वारा यूक्रेन पर हमला कर दिए जाने के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति ने दुनिया के दूसरे देशों से इस समय सहायता करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि हमले में क्षतिग्रस्त हुई इमारत का तो पुनर्निर्माण कर लिया जाएगा लेकिन जिन लोगों की जान इस हमले में चली गई उन्हें वापस प्राप्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने दुनिया के दूसरे देशों से रूस के द्वारा किए जा रहे हमलो पर प्रतिक्रिया देने की मांग की है। रूस के द्वारा हमला कर देने के बाद यूक्रेन ने रूस की तेल पाइपलाइन को निशाना बनाया। यूक्रेन के द्वारा किए गए हमले में रूस की तेल पर पाइपलाइन फट गई। इसके बाद वहां बड़े स्तर पर आग देखने को मिली। दोनों देशों के बीच चल रहा यह युद्ध कई वर्ष बीत जाने के बाद भी समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा है। रूस के राष्ट्रपति पुतिन से युद्ध की समाप्ति तथा दूसरी संभावना को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 15 अगस्त को अलास्का में मीटिंग की थी लेकिन अभी तक इसका असर दिखाई नहीं दिया है।

लंबे समय से चल रहे रूस यूक्रेन युद्ध को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। यूरोपीय देशों के द्वारा यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी देने की चर्चा की गई है। बताया जा रहा है कि 26 देशो के द्वारा यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी का वादा किया गया है। फ्रांस के राष्ट्रपति के द्वारा इस गारंटी की जानकारी दी गई। यूक्रेन की सुरक्षा के लिए फ्रांस के राष्ट्रपति ने इंटरनेशनल फोर्स भी तैनात करने की जानकारी दी है। यूरोपीय यूनियन समेत विभिन्न देशों के नेताओं के द्वारा की गई बैठक के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति के द्वारा यह जानकारी दी गई। विभिन्न यूरोपीय देशों के द्वारा सुरक्षा की गारंटी देने के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति के द्वारा अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भी इस मुद्दे को लेकर बात की गई। उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से गारंटी पर समर्थन देने का आग्रह किया।

Russia Ukraine War पर भारत ने आपत्ति जताई, भारतीय नागरिकों को जबरन सेना में भर्ती करने का आरोप, विदेश मंत्रालय ने सतर्क रहने की सलाह दी।
Russia Ukraine War पर भारत ने आपत्ति जताई, भारतीय नागरिकों को जबरन सेना में भर्ती करने का आरोप, विदेश मंत्रालय ने सतर्क रहने की सलाह दी।
युद्ध खत्म होने पर लागू होगी गारंटी

फ्रांस के राष्ट्रपति ने यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी देने के मुद्दे पर चर्चा करते हुए कहा कि रूस यूक्रेन युद्ध खत्म हो जाने के बाद सुरक्षा गारंटी लागू होगी। यूक्रेन को प्रदान की जाने वाली सुरक्षा में विभिन्न सैन्य टुकड़ियों को शामिल किया जाएगा जो सीधे तौर पर भले ही युद्ध में शामिल नहीं हो लेकिन यूक्रेन तथा यूक्रेन बॉर्डर के आसपास तैनात रहते हुए यूक्रेन की सुरक्षा करने का कार्य करेगी। ऐसा होने से भविष्य में यूक्रेन पर किसी भी बड़े हमले को टाला जा सकता है। यूक्रेन के बॉर्डर पर सैनिक तैनात करने के साथ-साथ यूक्रेन को दूसरी तरह से भी विभिन्न देशों के द्वारा मदद पहुंचाई जाएगी। इसके लिए यूक्रेन की सेना को ट्रेनिंग प्रदान की जाएगी तथा हथियारों की आपूर्ति होगी। फ्रांस के राष्ट्रपति के द्वारा यूक्रेन को समर्थन की बात तो कही गई लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि यूक्रेन को प्रदान की जाने वाली सुरक्षा में कितने सैनिक तैनात किए जाएंगे।

बढ़ सकती है समर्थन देने वाले देशो की संख्या

फ्रांस के राष्ट्रपति ने यूक्रेन युद्ध को लेकर चर्चा करते हुए कहा कि आने वाले समय में यूक्रेन को समर्थन करने वाले देशों की संख्या में और भी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। फिलहाल 25 से अधिक देशों के द्वारा यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी प्रदान करने पर सहमति जताई है। कई देशों के द्वारा इसे लेकर अभी विचार किया जा रहा है। फैसला आने के बाद वह यूक्रेन को समर्थन करते हुए दिखाई देंगे। अमेरिका की भूमिका को लेकर भी उन्होंने कहा कि आने वाले कुछ दिनों में अमेरिका अपना अंतिम निर्णय करेगा। ऐसा हमें उम्मीद है। अमेरिका के विशेष दूत के द्वारा भी इस बैठक में निर्णय लिया गया था।

यूरोपीय देशों के द्वारा यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी देने पर चर्चा करते हुए यूरोपीय अधिकारियों ने कहा कि फिलहाल यूक्रेन में शांति स्थापित होना संभव नहीं लग रहा है। इसके बावजूद हमारे द्वारा लगातार युद्ध खत्म होने के बाद आपातकालीन परिस्थितियों से लड़ने की तैयारी की जा रही है। यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी का वादा देने से यूक्रेन हमारे ऊपर विश्वास कर सकेगा। साथ ही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भी हम फैसले में शामिल होने की उम्मीद करते हैं। विभिन्न यूरोपीय देशों के द्वारा इस बैठक में हिस्सा लेने के साथ-साथ जापान ऑस्ट्रेलिया कनाडा जैसे देश भी शामिल हुए। रूस यूक्रेन युद्ध को लेकर इस गठबंधन की कई बैठक संपन्न हो चुकी है लेकिन फिलहाल किसी भी तरह की कार्य योजना को सार्वजनिक नहीं किया गया है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *