Sheikh Hasina Crisis : बांग्लादेश में होने वाले चुनाव को लेकर विभिन्न पार्टियों के द्वारा अपने-अपने स्तर पर अलग-अलग प्रयास किये जा रहे हैं। इसी बीच यह सामने आ रहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी बांग्लादेश में होने वाले चुनाव से लगभग गायब नजर आ रही है। दूसरी तरफ जिन छात्रों के विरोध प्रदर्शन के कारण शेख हसीना को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी थी उन छात्रों की पार्टी लगातार चुनाव में सक्रिय नजर आ रही है। बांग्लादेश की सेना के द्वारा कट्टरपंथी पार्टियों को समर्थन किया जा रहा है। अलग-अलग कट्टरपंथी संगठन गठबंधन के रूप में कार्य करते हुए एक बड़ी पार्टी की भांति कार्य कर रहे हैं। सेना का समर्थन मिलने के बाद इनका हौसला और भी बुलंद है।
आंतरिक चुनौतियों से जूझ रही मुख्य विपक्षी पार्टी
बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के गिरने के बाद उनकी पार्टी तो चुनाव से दूर है ही लेकिन बांग्लादेश की मुख्य विपक्षी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी भी विभिन्न चुनौतियों से जूझ रही है। बताया जा रहा है कि बांग्लादेश नेशनल लिस्ट पार्टी अपनी आंतरिक चुनौतियों के कारण चुनाव में संतुलन नहीं बना पा रही है। हर सीट पर पार्टी के कई उम्मीदवार होने के कारण आंतरिक विरोध चरम पर हैं। आंतरिक विरोध के बीच पार्टी नेता तारीख रहमान की होने वाली वापसी को पार्टी अंतिम उम्मीद मानकर चल रही है।
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जबरदस्त सक्रिय छात्रों की पार्टी
बांग्लादेश में लंबे समय तक राज करने वाली शेख हसीना को छात्रों के द्वारा विरोध प्रदर्शन करने के बाद अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। अपने पद से इस्तीफा देने के साथ-साथ वह बांग्लादेश छोड़ने पर मजबूर हो गई थी। उन छात्र संगठनों के द्वारा बनाई गई नेशनल सिटीजन पार्टी बांग्लादेश में होने वाले चुनाव में जबरदस्त सक्रिय नजर आ रही है। नेशनल सिटीजन पार्टी के संगठन के द्वारा जोर-जोर से प्रचार प्रसार किया जा रहा है। अब यह आने वाले समय में देखने लायक होगा कि छात्रों की नेशनल सिटीजन पार्टी चुनाव में कैसा प्रदर्शन कर पाती है। शेख हसीना जैसी दिग्गज प्रधानमंत्री को भी इन छात्र संगठनों के विरोध के कारण अपनी सत्ता गंवानी पड़ी थी।
पूर्व प्रधानमंत्री पर चल रहे आपराधिक मामले
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर वर्तमान में बांग्लादेश में विभिन्न मुकदमे चलाए जा रहे हैं। इन मुकदमों में शेख हसीना के खिलाफ आरोप तय कर दिए गए हैं। पूर्व प्रधानमंत्री के साथ-साथ बांग्लादेश के पूर्व पुलिस मुखिया तथा पूर्व गृहमंत्री पर भी आरोप लगाए गए हैं। इन सभी पर चल रहे मामलों की सुनवाई 3 अगस्त से शुरू होने की संभावना जताई जा रही है। 2024 में हुए छात्र आंदोलन को दबाने के लिए शेख हसीना के द्वारा किए गए अत्याचार तथा अन्य मामलों को लेकर सुनवाई होगी।
शेख हसीना ने दिया था देखते ही गोली मारने का आदेश
बांग्लादेशी पूर्व प्रधानमंत्री को भीड़ के द्वारा विद्रोह कर देने के बाद अपने पद को छोड़ना पड़ा था। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का एक ऑडियो लीक हुआ है। इस ऑडियो में बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री प्रदर्शनकारियों को देखते ही गोली मारने की बात कह रही हैं। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका कि इस ऑडियो में किस अधिकारी से बातचीत कर रही है। बांग्लादेश में कुछ समय पहले सत्ता पलट हो गया था। तख्ता पलट होने के बाद शेख हसीना बांग्लादेश से भाग कर भारत में आ गई थी। बांग्लादेश में प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री आवास तथा सभी सरकारी आवासों को लूट लिया था। छात्रों के द्वारा शुरू किए गए आंदोलन के कारण बांग्लादेश में सरकार गिर गई थी। लंबे समय तक सेख हसीना भारत में शरणार्थी के रूप में रही थी।
जहां भी दिखे गोली मारो -शेख हसीना
वायरल हुए ऑडियो में प्रधानमंत्री शेख हसीना किसी अधिकारी से बातचीत करते हुए यह कहती हुई नजर आ रही है कि मैंने उन सभी प्रदर्शनकारियों को आज रात तक गिरफ्तार करने का आदेश दे दिया है। सबको कह दिया गया है जहां भी प्रदर्शनकारी दिखे उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लीजिए पकड़ लीजिए। अब मैंने इसके लिए खुला आदेश जारी कर दिया है। उन्होंने कहा कि अब प्रदर्शनकारी घातक हथियारों का उपयोग करना शुरू करेंगे। इसलिए वह जहां भी दिखे देखते ही गोली मार दो।

5 अगस्त 2024 को हुआ था बांग्लादेश में तख्तापलट
बांग्लादेश में कुछ समय पहले लंबे समय से चली आ रही शेख हसीना की सरकार थी लेकिन छात्रों के द्वारा विद्रोह कर देने के बाद 5 अगस्त 2024 को बांग्लादेश में तख्तापलट हो गया था। छात्र प्रदर्शनकारियों के द्वारा हिंसक रूप से पूरे बांग्लादेश में प्रदर्शन किए गए थे। जुलाई 2024 में बांग्लादेश में हुए इन विरोध प्रदर्शनों में लगभग 1400 व्यक्ति मौत का शिकार हुए थे। शेख हसीना पर आरोप है कि उन्होंने अपनी कुर्सी बचाने के लिए मानवता के खिलाफ अपराध किया था।
बांग्लादेश छोड़कर भारत भागी थी शेख हसीना
बांग्लादेश में छात्र विद्रोहियों के द्वारा शेख हसीना सरकार के खिलाफ विद्रोह का बिगुल बजा दिया गया था जिसके बाद 5 अगस्त 2024 को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना अपने देश बांग्लादेश को छोड़कर हेलीकॉप्टर के माध्यम से भारत पहुंची थी। नौकरियों में कोटा सिस्टम को लेकर पैदा हुए विरोध ने सेख हसीना की सरकार को गिराने में सबसे बड़ी भूमिका निभाई थी। उग्र हुई भीड़ के द्वारा बांग्लादेश के प्रधानमंत्री आवास तक पर हमला कर दिया गया था। ऐसे में स्थिति को देखते हुए बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने पद और देश दोनों को छोड़कर भारत में शरण ली थी।
शेख हसीना पर सामूहिक हत्याओं का आरोप
सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग को लेकर पैदा हुए विद्रोह की चिंगारी ने धीरे-धीरे बड़ा रूप ले लिया था। छात्र और विभिन्न संगठन इसके समर्थन में आ गए थे। जिसके बाद पूरे बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शन हुआ था। जगह पर सरकार के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शन में लगभग 1400 लोगों की जान चली गई थी। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद को बचाने के लिए सामूहिक हत्याओं को अंजाम दिया। बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट में सेख हसीना के खिलाफ मुकदमा चल रहा है। कोर्ट के द्वारा 12 फरवरी तक शेख हसीना को पेश होने के निर्देश भी दिए गए थे लेकिन इसके बावजूद सेख हसीना कोर्ट में पेश नहीं हुई थी।