Subhanshu Shukla Return : भारतीय अंतरिक्ष यात्री सुभांशु शुक्ला और उनकी टीम की आज धरती पर वापसी होने वाली है। अंतरिक्ष से सुभांशु शुक्ला और उनकी टीम रवाना हो चुकी है। लगभग 23 घंटे के सफर के बाद कैलिफोर्निया के तट पर उनका ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट समुद्र में उतरेगा। ऐसे में यह तय हो गया है कि लगभग 18 दिन अंतरिक्ष में रहने के बाद सुभांशु शुक्ला और उनकी टीम के सभी सदस्य 15 जुलाई को पृथ्वी पर लौटने वाले हैं। सुभांशु शुक्ला और उनकी टीम के सदस्य जिस स्पेसक्राफ्ट के माध्यम से कैलिफोर्निया के तट पर समुद्र तक पहुंचेंगे। उसका एंट्री के समय तापमान लगभग 2500 डिग्री सेल्सियस होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
14 जुलाई से शुरू हुई वापसी
शुभांशु शुक्ला और उसके साथियों की पृथ्वी पर वापसी के लिए सफर शुरू हो गया है। 14 जुलाई को लगभग श्याम 4:45 पर अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन से स्पेसक्राफ्ट के जरिए पृथ्वी के लिए रवाना हुए। नासा के हार्डवेयर और विभिन्न प्रयोगों का डाटा इकट्ठा करने के बाद यह टीम वापस लौट रही है। सुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष के लिए 25 जून को दोपहर 12:00 बजे रवाना हुए थे। उनकी टीम के सभी सदस्य 26 जून को अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर पहुंचे थे। लगभग 18 दिन बाद अपने उद्देश्य की पूर्ति करने के बाद उनकी पृथ्वी पर वापसी होने वाली है। लांच होने से पहले इस मिशन को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। एक के बाद एक लगातार 6 बार इस मिशन को अलग-अलग कारणों से स्थगित किया गया था।
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अंतरिक्ष से पृथ्वी के लिए रवाना हुए शुभांशु शुक्ला; 23 घंटे के सफर बाद पहुंचेंगे
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अंतरिक्ष से पृथ्वी के लिए रवाना हुए -शुभांशु शुक्ला
भारतीय अंतरिक्ष यात्री सुभांशु शुक्ला और उनकी टीम 14 जुलाई को अंतरिक्ष से पृथ्वी के लिए रवाना हो गई है। 14 जुलाई को शाम 4:45 पर सुभांशु शुक्ला और उसकी टीम के सभी सदस्य इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से पृथ्वी के लिए रवाना हुई है। अंतरिक्ष से पृथ्वी तक पहुंचने में शुभांशु और उनकी टीम को लगभग 23 घंटे का सफर तय करना पड़ेगा। इस सफर को पूरा करने के बाद 15 जुलाई को शुभांशु शुक्ला और उसकी टीम दोपहर 3:00 बजे समुद्र में उतरेगी। सुभांशु शुक्ला और उसकी टीम के सदस्यों को सुरक्षित लाने के प्रयास लगातार किए जा रहे हैं। लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहकर विभिन्न जानकारी जुटाने के कारण यह मिशन भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। शुभांशु शुक्ला ने भी अंतरिक्ष से अपने अनुभव साझा किए थे। उन्होंने बताया था कि अंतरिक्ष से देखने पर भारत का नजारा शानदार रहता है।
18 दिन अंतरिक्ष में रहे शुभांशु शुक्ला
अपने अंतरिक्ष मिशन को समाप्त कर शुभांशु शुक्ला जल्द ही पृथ्वी पर लौटने वाले हैं। अंतरिक्ष से उनका पृथ्वी पर लौटने का सफर शुरू हो गया है। मिशन के लांच होने के लगभग 18 दिन बाद शुभांशु शुक्ला एक बार फिर पृथ्वी पर लौट रहे हैं। अंतरिक्ष में रहकर सुभांशु शुक्ला और उसकी टीम के सभी सदस्यों ने विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोग किये। विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोगों के द्वारा उन्होंने जानकारी जुटाने की कोशिश की। बताया जा रहा है कि शुभांशु शुक्ला और उनकी टीम ने लगभग 60 से भी ज्यादा वैज्ञानिक प्रयोग शुभांशु शुक्ला के अंतरिक्ष से रवाना होने के बाद सभी भारतीय उत्साहित नजर आ रहे हैं। अपने अंतरिक्ष यात्रा से प्राप्त अनुभव भारत के गगनयान मिशन में काम आने वाले हैं।

1984 के बाद भारतीय की अंतरिक्ष यात्रा
शुभांशु शुक्ला लंबे समय बाद अंतरिक्ष में जाने वाले भारतीय बने हैं। उससे पहले राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष की यात्रा की थी। राकेश शर्मा ने 1984 में सोवियत यूनियन के स्पेसक्राफ्ट के माध्यम से अंतरिक्ष की यात्रा की थी। इस तरह शुभांशु शुक्ला स्पेस में जाने वाले दूसरे भारतीय बन गए हैं जबकि अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर पहुंचने वाले शुभांशु शुक्ला पहले भारतीय बने हैं। भारतीय एजेंसी इसरो और अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के बीच हुए समझौते के तहत शुभांशु शुक्ला को इस मिशन के लिए चुना गया था। सुभांशु शुक्ला का यह अनुभव भारत के गगनयान मिशन में काफी महत्वपूर्ण रहने वाला है। भारत के गगनयान मिशन को 2027 में लॉन्च करने की संभावना जताई जा रही है। भारत इस मिशन के तहत मानव को अंतरिक्ष में भेजने के साथ सुरक्षित वापस लाने पर कार्य कर रहा है।
भारत आज भी सारे जहां से अच्छा शुभांशु शुक्ला
भारतीय अंतरिक्ष यात्री सुभांशु शुक्ला जल्द ही धरती पर वापस लौटने वाले हैं। लगभग 17 दिन अंतरिक्ष में रहने के बाद भारतीय अंतरिक्ष यात्री और उसकी टीम 14 जुलाई को धरती पर वापस लौटेगी। इससे पहले फेयरवेल सेरिमनी में शुभांशु शुक्ला के द्वारा एक बार फिर इस बात को दोहराया गया है जिसे भारत के प्रथम अंतरिक्ष यात्री के द्वारा कहा गया था। शुभांशु शुक्ला ने कहा कि भारत अभी भी सारे जहां से अच्छा है। पृथ्वी पर वापस लौटने से पहले 13 जुलाई की शाम को फेयरवेल सेरिमनी का आयोजन किया गया था। इस दौरान भारतीय अंतरिक्ष यात्री सुभांशु शुक्ला के द्वारा यह बात कही गई। इससे पहले सारे जहां से अच्छा का आईकॉनिक डायलॉग राकेश शर्मा के द्वारा 1984 में दिया गया था।
अविश्वसनीय रही यात्रा शुभांशु
भारत अंतरिक्ष यात्री सुभांशु शुक्ला ने अपनी यात्रा के बारे में बात करते हुए कहा था कि जब हमने यात्रा की शुरुआत की तो हमने सोचा नहीं था कि यह यात्रा इतनी भव्य रहेगी। लेकिन यह यात्रा वास्तव में अविश्वसनीय है। पूरी टीम के सहयोग के बिना यह यात्रा इतनी अविश्वसनीय नहीं हो सकती थी लेकिन टीम के सहयोग से सब कुछ संभव हो पाया। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष में होना बहुत ही खुशी की बात है। इस दौरान हमने आउटरीच एक्टिविटी, साइंस एक्टिविटी तथा स्पेस स्टेशन पर अन्य जानकारी जुटाने की कोशिश की। सुभांशु शुक्ला ने कहा कि हमें जितना भी समय मिला हमने स्पेस स्टेशन की खिड़की से पृथ्वी को देखने में समय निकाला। वर्तमान भारत निडर, महत्वाकांक्षी आत्मविश्वासी और गौरव से भरा हुआ दिखाई देता है।