Subhanshu Shukla Space : भारतीय अंतरिक्ष यात्री सुभांशु शुक्ला लंबे इंतजार के बाद पृथ्वी पर लौट आए हैं। लगभग 18 दिन तक अंतरिक्ष में रहने के बाद शुभांशु शुक्ला कैलिफोर्निया के तट पर सफलतापूर्वक पहुंचे। सुभांशु शुक्ला तथा उनकी टीम के दूसरे सदस्यों को लेकर स्पेसक्राफ्ट की लैंडिंग कैलिफोर्निया के तट पर हुई। यह पहली बार है जब कोई भारतीय अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन की यात्रा कर वापस लौटा है। 15 जुलाई की दोपहर 3:00 बजे कैलिफोर्निया के तट पर स्पेसक्राफ्ट के माध्यम से सुभांशु शुक्ला और उनकी टीम के सदस्यों की वापसी हुई। अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन से शुभांशु शुक्ला और उनके साथी लगभग 23 घंटे पहले रवाना हुए थे।
वापसी पर शुभांशु शुक्ला का स्वागत -मोदी
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरिक्ष यात्री सुभांशु शुक्ला के पृथ्वी पर वापस लौटने पर उनका स्वागत किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि शुभांशु शुक्ला का मैं पूरे देश के साथ अंतरिक्ष की ऐतिहासिक यात्रा से पृथ्वी पर वापस लौटने पर स्वागत करता हूं। उन्होंने अपने साहस और समर्पण से पूरे भारतवर्ष के सपनों को प्रेरित करने का कार्य किया है। मोदी ने यह भी कहा कि आने वाले समय में हमारे गगनयान की दिशा में शुभांशु शुक्ला की यह अंतरिक्ष यात्रा मील का पत्थर साबित होगी। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इससे पहले शुभांशु शुक्ला से अंतरिक्ष में पहुंचने के बाद भी बातचीत की थी। शुभांशु शुक्ला और उनकी टीम के सदस्य स्पेसक्राफ्ट के माध्यम से कैलिफोर्निया के तट पर सफलतापूर्वक उतरे। स्पेसक्राफ्ट के पानी में उतरने के बाद उसे पानी से निकाला गया। शुभांशु शुक्ला की पृथ्वी पर वापसी को उनके माता-पिता ने भी टीवी पर लाइव देखा। जिसे देखकर उनके माता और पिता भावुक नजर आए।
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18 दिन अंतरिक्ष में रहे शुभांशु शुक्ला
अपने अंतरिक्ष मिशन को समाप्त कर शुभांशु शुक्ला पृथ्वी पर लौट आये हैं। अंतरिक्ष से उनका पृथ्वी पर लौटने का सफर 23 घंटे का था। मिशन के लांच होने के लगभग 18 दिन बाद शुभांशु शुक्ला एक बार फिर पृथ्वी पर लौटे हैं। अंतरिक्ष में रहकर सुभांशु शुक्ला और उसकी टीम के सभी सदस्यों ने विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोग किये। विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोगों के द्वारा उन्होंने जानकारी जुटाने की कोशिश की। बताया जा रहा है कि शुभांशु शुक्ला और उनकी टीम ने लगभग 60 से भी ज्यादा वैज्ञानिक प्रयोग किये। शुभांशु शुक्ला के अंतरिक्ष से रवाना होने के बाद सभी भारतीय उत्साहित नजर आ रहे हैं। अपनी अंतरिक्ष यात्रा से प्राप्त अनुभव भारत के गगनयान मिशन में काम आने वाले हैं।
1984 के बाद भारतीय यात्री की अंतरिक्ष यात्रा
शुभांशु शुक्ला लंबे समय बाद अंतरिक्ष में जाने वाले भारतीय बने हैं। उससे पहले राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष की यात्रा की थी। राकेश शर्मा ने 1984 में सोवियत यूनियन के स्पेसक्राफ्ट के माध्यम से अंतरिक्ष की यात्रा की थी। इस तरह शुभांशु शुक्ला स्पेस में जाने वाले दूसरे भारतीय बन गए हैं। जबकि अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर पहुंचने वाले शुभांशु शुक्ला पहले भारतीय बने हैं। भारतीय एजेंसी इसरो और अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के बीच हुए समझौते के तहत शुभांशु शुक्ला को इस मिशन के लिए चुना गया था। सुभांशु शुक्ला का यह अनुभव भारत के गगनयान मिशन में काफी महत्वपूर्ण रहने वाला है। भारत के गगनयान मिशन को 2027 में लॉन्च करने की संभावना जताई जा रही है। भारत इस मिशन के तहत मानव को अंतरिक्ष में भेजने के साथ सुरक्षित वापस लाने पर कार्य कर रहा है।

भारत आज भी सारे जहां से अच्छा -शुभांशु शुक्ला
भारतीय अंतरिक्ष यात्री सुभांशु शुक्ला जल्द ही धरती पर वापस लौट आये हैं। लगभग 18 दिन अंतरिक्ष में रहने के बाद भारतीय अंतरिक्ष यात्री और उसकी टीम 15 जुलाई को धरती पर वापस लौटे। इससे पहले फेयरवेल सेरिमनी में शुभांशु शुक्ला के द्वारा एक बार उस बात को दोहराया गया है जिसे भारत के प्रथम अंतरिक्ष यात्री के द्वारा कहा गया था। शुभांशु शुक्ला ने कहा कि भारत अभी भी सारे जहां से अच्छा है। पृथ्वी पर वापस लौटने से पहले 13 जुलाई की शाम को फेयरवेल सेरिमनी का आयोजन किया गया था। इस दौरान भारतीय अंतरिक्ष यात्री सुभांशु शुक्ला के द्वारा यह बात कही गई। इससे पहले सारे जहां से अच्छा का आईकॉनिक डायलॉग राकेश शर्मा के द्वारा 1984 में दिया गया था।
अविश्वसनीय रही यात्रा -शुभांशु
भारत के अंतरिक्ष यात्री सुभांशु शुक्ला ने अपनी यात्रा के बारे में बात करते हुए कहा था कि जब हमने यात्रा की शुरुआत की तो हमने सोचा नहीं था कि यह यात्रा इतनी भव्य रहेगी लेकिन यह यात्रा वास्तव में अविश्वसनीय है। पूरी टीम के सहयोग के बिना यह यात्रा इतनी अविश्वसनीय नहीं हो सकती थी लेकिन टीम के सहयोग से सब कुछ संभव हो पाया। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष में होना बहुत ही खुशी की बात है। इस दौरान हमने आउटरीच एक्टिविटी, साइंस एक्टिविटी तथा स्पेस स्टेशन पर अन्य जानकारी जुटाने की कोशिश की। सुभांशु शुक्ला ने कहा कि हमें जितना भी समय मिला हमने स्पेस स्टेशन की खिड़की से पृथ्वी को देखने में समय निकाला। वर्तमान भारत निडर, महत्वाकांक्षी, आत्मविश्वासी और गौरव से भरा हुआ दिखाई देता है।