Thailand PM Suspended : थाईलैंड में देश के प्रधानमंत्री को पद से हटा दिया गया है। संवैधानिक न्यायालय के द्वारा थाईलैंड की प्रधानमंत्री से pm को उनके पद से सस्पेंड कर दिया गया हैं। प्रधानमंत्री को अपने पद से हटाए जाने के बाद डिप्टी प्रधानमंत्री के द्वारा प्रधानमंत्री पद का कार्य भार संभाला जाएगा हालांकि कोर्ट के द्वारा अपने पद से सस्पेंड की जाने वाली प्रधानमंत्री को निर्णय पक्ष में आने पर एक बार फिर प्रधानमंत्री बनाया जा सकता है।
विरोधी देश के नेता से फोन पर बातचीत का आरोप
थाईलैंड की प्रधानमंत्री को संवैधानिक न्यायालय के द्वारा उन पर आरोप लगने के बाद पद से हटाया गया है। थाईलैंड के प्रधानमंत्री पर आरोप है कि उन्होंने कंबोडिया के नेता से फोन पर बातचीत की। फोन पर बातचीत करते हुए थाईलैंड की प्रधानमंत्री के द्वारा कंबोडिया के नेता को थाईलैंड के सेना कमांडर की आलोचना की गई। दोनों के बीच हुई बातचीत लीक हो जाने के बाद थाईलैंड में प्रधानमंत्री का विरोध किया गया था। थाईलैंड में सेना का प्रभाव काफी ज्यादा होने के कारण इसे गंभीर मामला माना जाता है। यही कारण है कि संवैधानिक न्यायालय के द्वारा थाईलैंड के प्रधानमंत्री को उनके पद से हटा दिया गया।
लंबे समय तक भारत को किया गया न्यूक्लियर ब्लैकमेल -एस जयशंकर
चेहरा ढकने वाले कपड़ों पर कजाकिस्तान ने सार्वजनिक जगह पर लगाई रोक
आज घाना से शुरू होगी प्रधानमंत्री मोदी की विदेश यात्रा
जीत का सूखा खत्म करने उतरेगी टीम इंडिया, एजबेस्टन में एक भी मुकाबला नहीं जीत पाई भारत
जारी रहेगी शिकायत की जांच
थाईलैंड की प्रधानमंत्री के खिलाफ मिली शिकायत के बाद भले ही प्रधानमंत्री को पद से हटा दिया गया हो लेकिन अभी उनके खिलाफ जांच जारी रहेगी। कंबोडिया के नेता से बातचीत के आरोप में यदि वह दोषी पाई गई तो हमेशा के लिए उन्हें थाईलैंड के प्रधानमंत्री पद से हाथ धोना पड़ेगा जबकि निर्दोष साबित होने पर उन्हें एक बार फिर थाईलैंड का प्रधानमंत्री बनाया जा सकता है। कोर्ट के द्वारा थाईलैंड के प्रधानमंत्री के नैतिकता का उल्लंघन करने के मामले को लेकर जांच की जा रही है। लेकिन जब तक थाईलैंड की प्रधानमंत्री अपने पद पर कार्य नहीं कर सकेगी।
बातचीत लीक होने पर बैक फुट पर आई थी प्रधानमंत्री
थाईलैंड की प्रधानमंत्री के द्वारा कंबोडिया के नेता से बातचीत करने को लेकर बात लीक होने के बाद लगातार उनके अपने देश में उनका विरोध किया जा रहा था। बताया जा रहा है कि विरोध प्रदर्शन के बीच उनके सहयोगी पार्टी के द्वारा भी साथ छोड़ दिया गया था जिस से सरकार पर संकट पैदा हो गया था। बड़ी पार्टी के द्वारा गठबंधन से अलग हो जाने के कारण उनकी सरकार कमजोर हो गई थी। लगातार हो रहे विरोध तथा सहयोगी पार्टियों के द्वारा बनाए गए दबाव के बाद संवैधानिक न्यायालय ने उन्हें अपने पद से हटा दिया गया है।
प्रधानमंत्री बोली- कानून प्रक्रिया का करेंगे सम्मान
प्रधानमंत्री पद से हटाए जाने के बाद थाईलैंड के प्रधानमंत्री ने कहा कि वह कानून की प्रक्रिया का पालन करेंगी और कोर्ट का सम्मान करती है। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि वह इस मामले में चिंतित है। मैंने कंबोडिया के नेता से विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत की थी न की किसी की आलोचना करने के लिए बताया जा रहा है कि थाईलैंड की प्रधानमंत्री पर कंबोडिया के नेता से बातचीत करने के साथ-साथ भ्रष्टाचार के भी आरोप हैं जिन पर लगातार जांच जारी है। ऐसे में थाईलैंड के स्थानीय लोगों का विरोध देखते हुए प्रधानमंत्री को हटाना जरूरी हो गया था।

सैनिक की मौत से दोस्त बने दुश्मन
थाईलैंड और कंबोडिया एक दूसरे के पड़ोसी मुल्क हैं। लंबे समय से थाईलैंड और कंबोडिया की दोस्ती की मिसाल दी जाती रही है क्योंकि दोनों देशों के संबंध अब तक काफी अच्छे रहे थे लेकिन सीमा पर विवाद होने के बाद दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हो गई थी। जिसके बाद हुई झड़प में कंबोडिया के एक सैनिक की मौत हो गई थी। कंबोडिया के सैनिक की मौत हो जाने के बाद दोनों देशों की दोस्ती दुश्मनी में बदल गई। 28 मई को सैनिक की मौत हो जाने के बाद लगातार थाईलैंड और कंबोडिया में तनाव बना हुआ है। आपको बता दे कि थाइलैंड और कंबोडिया एक दूसरे से लंबी सीमा का निर्माण करते हैं।
दोनों देशों ने लगाए एक दूसरे पर प्रतिबंध
28 मई को कंबोडिया के एक सैनिक की सीमा पर तनाव के बीच मौत हो जाने के बाद कभी खास दोस्त रहे थाईलैंड और कंबोडिया ने एक दूसरे पर कई तरह के प्रतिबंध लगाना शुरू कर दिए थे। सैनिक की मौत हो जाने के बाद कंबोडिया के द्वारा सीमा पर सैनिक तथा हथियार भेजने को लेकर आदेश जारी किया गया। उन्होंने कहा कि हम युद्ध नहीं चाहते लेकिन हमला होने की स्थिति में करारा जवाब दिया जाएगा। थाईलैंड के प्रधानमंत्री के द्वारा भी इस बयान के जवाब में धमकी बर्दाश्त नहीं करने की बात कही गई थी।
दोनों देशों के बीच हुए इस विवाद के बाद कंबोडिया ने थाईलैंड की टीवी और फिल्मों पर प्रतिबंध लगा दिया था। थाईलैंड के प्रोडक्ट्स पर भी कंबोडिया के द्वारा आयात पर रोक लगा दी गई थी जबकि थाईलैंड ने कंबोडिया को बिजली और इंटरनेट सेवा रोकने को लेकर हिदायत दी थी। कंबोडिया के द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के बाद थाईलैंड ने भी जवाबी कार्रवाई में अपने मजदूरों को सीमा पार करने से मना कर दिया था।