Trump Defense Department : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार सक्रिय नजर आते हैं। उन्होंने अमेरिका में रक्षा विभाग को लेकर बड़ा निर्णय लिया है। डोनाल्ड ट्रंप ने रक्षा विभाग का नाम बदल दिया है। अब रक्षा विभाग को डिपार्मेंट आफ वॉर के नाम से जाना जाएगा। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि नाम परिवर्तन होने से अब सेना की ताकत को प्रदर्शित किया जाएगा। बदले हुए नाम को डोनाल्ड ट्रंप ने जीत की सोच बताया। अमेरिका के रक्षा सचिव के द्वारा भी रक्षा विभाग के नाम परिवर्तन का समर्थन किया गया। उन्होंने कहा है कि इस नाम के कारण सेना को अब और अधिक ताकतवर प्रदर्शित किया जाएगा। हमारी सेना के द्वारा न सिर्फ रक्षा की जाती है बल्कि दुश्मन पर हमला भी किया जाता है। डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा रक्षा विभाग का नाम परिवर्तित कर दिए जाने के बाद अब रक्षा सचिव को भी अपना नाम परिवर्तन होने के बाद नए नाम से जाना जाएगा। उनका नया नाम डिफेंस सेक्रेटरी रखा जाएगा।
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संसद की मंजूरी के बाद लागू होगा नया नाम
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा भले ही रक्षा विभाग का नाम परिवर्तन कर दिया गया हो लेकिन अभी इसे लागू नहीं किया गया है। अमेरिका की संसद के द्वारा मंजूरी दे दिए जाने के बाद ही रक्षा विभाग का नाम परिवर्तन हो पाएगा। आधिकारिक रूप से मंजूरी मिल जाने के बाद यह अमेरिका में बड़ा बदलाव होगा। डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा लिए गए फैसले के बाद रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों के द्वारा संसद में विधेयक पेश कर दिए गए हैं। यह पहली बार नहीं है जब अमेरिका में रक्षा विभाग का नाम डिपार्मेंट आफ वॉर रखा जा रहा है। सेकंड विश्व युद्ध के समय भी रक्षा विभाग को इसी नाम से जाना जाता था। 1949 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति के द्वारा शांति की भावना को दिखाने के उद्देश्य से इसका नाम परिवर्तन करते हुए रक्षा विभाग कर दिया था।
अमेरिका के द्वारा भारत पर बड़ी मात्रा में टैरिफ लगाने की घोषणा की जा चुकी है। दूसरे देशों की तुलना में भारत पर अमेरिका के द्वारा अधिक टैरिफ लगाया गया है। भारत पर कुल 50% टैरिफ अमेरिका के द्वारा लगाया गया है जिसमें 25% टैरिफ के साथ-साथ 25% अतिरिक्त टैरिफ शामिल है। दूसरी तरफ पाकिस्तान बांग्लादेश जैसे देशों पर अमेरिका के द्वारा भारत की तुलना में काफी कम टैरिफ लगाया गया है। अमेरिका के द्वारा अब भारत पर टैरिफ हटाने को लेकर बयान दिया गया है। अमेरिका का कहना है कि यदि भारत के द्वारा तीन शर्तों का पालन किया जाए तो उसे टैरिफ से मुक्ति मिल सकती है। अमेरिका के उद्योग मंत्री के द्वारा यह बयान दिया गया है। उन्होंने कहा कि 25% अतिरिक्त टैरिफ को हटाने के लिए भारत को तीन शर्तों का पालन करना होगा। भारत लंबे समय से ब्रिक्स संगठन का हिस्सा है। ब्रिक्स संगठन से भारत को अलग होना पड़ेगा, रूस के साथ चल रही भारत की तेल खरीद को बंद करना होगा तथा अमेरिका को सपोर्ट करना होगा।
भारत करें अमेरिका को समर्थन
अमेरिका के उद्योग मंत्री ने कहा कि भारत के द्वारा लगातार चीन और रूस के बीच सेतु का कार्य किया जा रहा है लेकिन इससे हमें कोई दिक्कत नहीं है। भारत को डॉलर या अमेरिका का समर्थन करना चाहिए। अपने सबसे बड़े ग्राहक का ध्यान रखते हुए सपोर्ट करें। अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो भारत को 50% टैरिफ चुकाना होगा। अमेरिका के द्वारा भारत पर टैरिफ लगा देने के बाद भारत ने अपनी व्यापार वार्ता को भी स्थगित कर दिया था। जिसके बाद अब अमेरिका के उद्योग मंत्री ने यह उम्मीद जताई है कि भारत व्यापार समझौते की बातचीत को जल्द ही शुरू करेगा अमेरिका बातचीत के लिए तैयार है।

ट्रंप के सलाहकार का बयान -रूस के तेल से भारत के ब्राह्मण कमा रहे मुनाफा
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्यापार सलाहकार ने एक बार फिर भारत के ऊपर बयान दिया है। अमेरिका के द्वारा रूस से व्यापार करने के कारण भारत पर अतिरिक्त टैरिफ की घोषणा की जा चुकी है। भारत पर अब तक अमेरिका के द्वारा कुल 50% टैरिफ लगाया जा चुका है। डोनाल्ड ट्रंप के व्यापार सलाहकार ने कहा कि भारतीय ब्राह्मण के द्वारा मुनाफाखोरी की जा रही है। भारतीय ब्राह्मण रस से तेल खरीदने के बाद मुनाफा कमा रहे हैं जिसका खामियाजा पूरे भारत को उठाना पड़ रहा है। डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकार पीटर नवारो इस से पहले भी अमेरिका के राष्ट्रपति के द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफ को उचित बता चुके हैं। उन्होंने कहा कि रूस से तेल खरीदने के कारण भारत के द्वारा रूस को पैसे दिए जा रहे हैं जिसका उपयोग रूस के द्वारा यूक्रेन पर हमले में किया जा रहा है। इसीलिए भारत पर सर्वाधिक टैरिफ लगाया गया है। रूस से हो रहे व्यापार का नुकसान अमेरिका या रूस को नहीं बल्कि भारत को हो रहा है। यह बात भारत को जल्द से जल्द समझने की कोशिश करनी चाहिए।
भारत को बताया ‘रूस की धुलाई मशीन’
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकार ने भारत को रूस की धुलाई मशीन करार दिया है। उन्होंने कहा कि भारत के द्वारा लगातार अमेरिका से दूरी बनाई जा रही है। भारत लगातार वैश्विक स्तर पर व्यापार असंतुलन पैदा कर रहा है। व्यापार असंतुलन पैदा करने के साथ-साथ भारत के द्वारा ऐसे देश के साथ अपने संबंधों को मजबूत किया जा रहा है जो अमेरिका के खिलाफ है। दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत को माना जाता है। ऐसे में चीन और रूस से संबंध बनाने पर दुनिया में अशांति पैदा हो जाएगी। उन्होंने कहा कि रूस के कम्युनिस्ट से आखिर प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा हाथ क्यों मिलाया जा रहा है यह समझ से बाहर है।