Trump Peace Efforts : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा लगातार दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में चल रहे तनाव को कम करने की कोशिश की जा रही है। कुछ दिन पहले उन्होंने थाईलैंड और कंबोडिया के बीच शांति स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई थी। इसी बीच आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच लंबे समय से चली आ रही जंग को भी खत्म करने में डोनाल्ड ट्रंप सफल रहे हैं। आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच पिछले 37 साल से लगातार तनाव चल रहा था। दोनों देशों के बीच विवादित जमीन को लेकर तनाव बना हुआ था। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा की गई मध्यस्थता के बाद दोनों देशों ने विवादित जमीन पर कॉरिडोर बनाने पर सहमति जता दी है।
ट्रंप की मौजूदगी में हुआ समझौता
आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच चल रहे तनाव को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मौजूदगी में खत्म कर दिया गया। अजरबैजान के राष्ट्रपति और आर्मेनिया के प्रधानमंत्री के द्वारा डोनाल्ड ट्रंप की मौजूदगी में शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। दोनों देशों के द्वारा लंबे समय से चल रही विवादित जमीन पर एक कॉरिडोर बनाने का निर्णय लिया है। बनने वाला ट्रांसिट कॉरिडोर और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नाम पर होगा। इसका नाम ट्रंप रूट रखा जाएगा।
15 अगस्त को होगी डोनाल्ड ट्रंप और पुतिन की मुलाकात; रूस -यूक्रेन युद्ध पर होगी चर्चा
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आर्मेनिया और अजरबैजान की ट्रंप को नोबेल पुरस्कार की मांग
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मौजूदगी में आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच समझौता हो गया है। दोनों ही देश के बीच 1988 से लगातार तनाव बना हुआ था। दोनों देशों के बीच लगभग 37 साल से चले विवाद को खत्म करने में ट्रंप की भूमिका को अहम माना जा रहा है। डोनाल्ड ट्रंप को लेकर आर्मेनिया और अजरबैजान के नेताओं ने शांति के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार की मांग की। इससे पहले भी अमेरिका के राष्ट्रपति के लिए पाकिस्तान और इजरायल के द्वारा नोबेल पुरस्कार की मांग की जा चुकी है। आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच शांति समझौता हो जाने के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष रुकवाने में अपनी भूमिका को दोहराया है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति पुतिन की मुलाकात जल्द होने वाली है। बताया जा रहा है कि 15 अगस्त को रूस के राष्ट्रपति और अमेरिका के राष्ट्रपति की मुलाकात होगी। यह मुलाकात अलास्का में होने वाली है। इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति पुतिन के बीच आखिरी मुलाकात 2018 में हुई थी। दोनों के बीच होने वाली इस मुलाकात में रूस यूक्रेन युद्ध को खत्म करने को लेकर चर्चा की जाएगी। हालांकि अभी तक आधिकारिक रूप से बैठक से जुड़ी जानकारी यहां सामने नहीं आ रही है लेकिन ट्रंप के द्वारा पहले ही यह स्पष्ट कर दिया गया था कि वह जल्द ही पुतिन से मिलकर यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध को खत्म करने की कोशिश करेंगे।

जंग खत्म करने की कोशिश में ट्रंप
रूस और यूक्रेन के बीच लंबे समय से युद्ध चल रहा है। दोनों देशों के बीच 2022 से लगातार युद्ध चल रहा है। ऐसे में अमेरिका के द्वारा यह कोशिश की जा रही है कि जल्द से जल्द यह युद्ध खत्म हो। अमेरिका के द्वारा लगातार यूक्रेन को समर्थन किया जा रहा है। अमेरिका रूस पर दबाव बनाने के लिए रूस के साथ-साथ दूसरे देशों को रूस से व्यापार नहीं करने के लिए दबाव दे रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इससे पहले भी रूस पर सेकेंडरी प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दे चुके हैं। उन्होंने कुछ दिन पहले ही कहा था कि यदि रूस के द्वारा 2 दिन में अमेरिका के साथ समझौता नहीं किया गया तो रूस पर अमेरिका के द्वारा सेकेंडरी प्रतिबंध लगा दिए जाएंगे। अमेरिका के राष्ट्रपति के द्वारा भारत पर 25% टैक्स लगाने के बाद 25% अतिरिक्त टेरिफ लगाने की घोषणा की जा चुकी है। ट्रंप का आरोप है की भारत के द्वारा प्रतिबंध होने के बावजूद रूस से व्यापार किया जा रहा है।
2022 से चल रहा युद्ध
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को शुरू हुए कई वर्ष हो गए हैं। इसके बाद भी दोनों ही देश पीछे हटने को तैयार नहीं है। रूस के द्वारा फरवरी 2022 में यूक्रेन की सीमा में घुसकर हमला किया गया था। इसके बाद से लगातार दोनों देश एक दूसरे पर आक्रमण कर रहे हैं। यूक्रेन का आरोप है कि रूस के द्वारा उसके क्षेत्र में लगातार कब्जा किया जा रहा है। ukrain दुनिया के दूसरे देशों से सुरक्षा गारंटी की मांग करते हुए युद्ध को खत्म करने की अपील कर रहा है। आने वाले समय में रूस पर दुनिया के दूसरे देशों के द्वारा बन रहे दबाव के कारण यह जंग निर्णायक स्थिति में पहुंच सकती है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रूस के राष्ट्रपति पुतिन को लेकर अब सख्त दिखाई दे रहे हैं। कुछ दिन पहले अमेरिका के राष्ट्रपति ने पुतिन को लेकर बयान दिया था कि वह दिन में मीठी-मीठी बात करते हैं लेकिन रात में यूक्रेन पर हमला किया जाता है। उस पर अब भरोसा नहीं किया जा सकता। यदि जल्द ही रूस के द्वारा इस जंग को खत्म नहीं किया गया तो रूस पर सेकेंडरी प्रतिबंध लगाए जाएंगे। सेकेंडरी प्रतिबंध के मुताबिक रूस के साथ-साथ रूस से व्यापार करने वाले दूसरे देशों पर भी इसका असर दिखाई देगा।